घर में बने आलू-मटर भला किसे अच्छे नहीं लगते हैं. मटर एक ऐसी सब्जी है जो लगभग हर किसी की फेवरिट होती है. लेकिन यह आपके किचन गार्डेन की भी शोभा बढ़ा सकती है. अगर आपको गार्डेनिंग का शौक है और अगर आप बगीचे में सब्जियां उगाना पसंद करते हैं तो मटर आपके बागवानी के शौक को भी पूरा कर सकती है. लेकिन अगर आपके पास कोई बगीचा नहीं है या आपके पास जगह कम है, तो आप बाकी सब्जियों की तरह ही मटर को भी कंटेनर या फिर गमले में उगा सकते हैं. आप मटर को गमले में लगा सकते हैं और साथ ही साथ डेक, आंगन या फिर छत पर भी इसे उगा सकते हैं. साथ ही घर के अंदर या फिर बाहर कंटेनर को रख सकते हैं.
कंटेनर या गमले में उगाए जाने वाले मटर बगीचे में उगाए जाने वाले मटर की तुलना में कम फसल देंगे. लेकिन फिर भी उनमें पोषण की मात्रा बनी रहेगी. साथ ही यह अपने आप में मटर उगाने का एक मजेदार और कम लागत वाला तरीका भी होगा. आपको यह ध्यान रखना है कि गमले में उगाए जाने वाले मटर को बगीचे में उगाए जाने वाले मटर की तुलना में ज्यादा पानी की जरूरत होती है. आपको दिन में एक से तीन बार तक मटर के पौधे को पानी देना पड़ सकता है. बार-बार पानी देने की वजह से पोषक तत्व मिट्टी से बाहर निकल जाते हैं. ऐसे में स्वस्थ और अच्छी मटर उगाने के लिए खाद डालना जरूरी है.
यह भी पढ़ें-खेत से कीटों को दूर भगाएगी ये लाइट, 8 मीटर तक करेगी काम...कीमत में बेहद सस्ती
सबसे पहले तो मटर की उस किस्म को चुनें जिसे आप लगाना चाहते हैं. बेहतर होगा कि आप लेग्यूमिनोसी फैमिली की हर तरह की मटर स्नैप मटर से लेकर शेलिंग मटर तक को आप कंटेनर या फिर गमले में उगा सकते हैं. मटर गर्म मौसम की फसल है इसलिए इसे वसंत ऋतु की शुरुआत में लगाना चाहिए. उस मौसम में तापमान 16 डिग्री सेल्सियस से कुछ ही ज्याद होता है. जिस गमल में आप मटर उगाना चाहते हैं, उसमें पानी के निकलने की जगह होनी चाहिए.
यह भी पढ़ें-स्ट्रॉबेरी और पपीता से बढ़ी भोपाल के सोदान सिंह की आमदनी, 7-8 लाख रुपये की कर लेते हैं इनकम
कंटेनर को मिट्टी से भरें और ऊपर से 1 इंच यानी 2.5 सेमी. जगह को छोड़ दें. गमले के बीच में बांस के डंडे मटर की बेल के लिए सहारा बनाएं. मटर के बीजों को 2 इंच या 5 सेमी. की दूरी पर और मिट्टी के नीचे 1 इंच या 2.5 सेमी की दूरी पर रखकर बो दें. अच्छी तरह से पानी डालें और ऊपर से खाद या लकड़ी के चिप्स जैसी 1 इंच गीली घास की परत डालें. बीजों को अंकुरित होने तक यानी नौ से 13 दिन तक इसे हल्की छाया वाली जगह पर रखें. इसके बाद इन्हें पूरी धूप में रखना चाहिए.
यह भी पढ़ें-सूखे में भी बंपर उपज देती है धान की ये चमत्कारी वैरायटी, खरपतवार का भी नहीं होता असर, जानें
इस बात का ध्यान रखें कि कहीं पौधा बहुत ज्यादा सूखा तो नहीं है. जड़ों को सड़ने से बचाने के लिए मिट्टी को नम होने तक पानी दें लेकिन बहुत ज्यादा भीगने न दें. फूल खिलने के समय ज्यादा पानी न डालें क्योंकि इससे परागण में मुश्किल हो सकती है. जब मटर अंकुरित हो जाए तो बढ़ते मौसम के दौरान कम नाइट्रोजन वाले उर्वरक का उपयोग करके दो बार खाद डालें. अपने कंटेनर में उगाए गए मटर को ठंड से बचाने के लिए उन्हें घर के अंदर कहीं रखें.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today