ब्रोकली को भारत के ज्यादातर लोग 'हरी गोभी' कहते हैं. बहुत से लोगों को लिए यह नई सब्जी हो सकती है लेकिन हम आपको बता दें कि ब्रोकली स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद सब्जी है. हेल्थलाइन की एक रिपोर्ट से मुताबिक, ब्रोकली में सल्फर कंपाउंड होते हैं जो एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट के रूप में काम करते हैं. इनकी मदद से कैंसर और दिल के जुड़ी बीमारियों का खतरा कम होता है.
Penn State के रिसर्चर्स का कहना है कि ब्रोकली में गट लाइनिंग (आंत की परत) को सुरक्षित करने की संभावित क्षमता है, जिससे कई बीमरियों को रोका जा सकता है. इसलिए इसे सुपरफूड कहना गलत नहीं होगा. आपको बता दें कि सुपरफूड पोषक तत्वों से भरपूर फूड प्रोडक्ट्स होते हैं जिन्हें स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है.
सुपरफूड्स में आम तौर पर एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन, मिनरल्स और अन्य पोषक तत्व उच्च मात्रा में होते हैं जो अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने और बीमारी को रोकने के लिए महत्वपूर्ण हैं. ब्रोकली को सुपरफूड माना जाता है क्योंकि यह अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर है.
ब्रोकली वैसे तो कहीं भी उगाई जा सकती है लेकिन यह ठंड पसंद पौधा है. ऐसे में, इसे ज्यादातर ठंडी जगहों पर या फिर ठंड के मौसम में उगाया जाता है. ब्रोकली लगाने के लिए आपको सबसे पहले अच्छी क्वालिटी के बीज लेने होंगे और साथ ही, मिट्टी, खाद से लेकर गमले आदि के बारे में ठीक से जानकारी ले लें.
बीज से लगाएं ब्रोकली
ब्रोकली को बीज से लगा रहे हैं तो सबसे पहले ब्रोकली के बीज ग्रो-ट्रे या गमले में बोएं. इसके लिए छोटे गमले या ट्रे में पॉटिंग मिक्स (मिट्टी, रेत और खाद का मिश्रण) भरें और इस मिट्टी में बीजों को बो दें. ऊपर से पानी दें और सुनिश्चित करें के मिट्टी सूखी न रहें और न ही इसमें जरूरत से ज्यादा पानी हो जाए. 7 से 10 दिन में बीज अंकुरित हो जाएंगे. पौध जब तैयार इन्हें बड़े गमलों में अलग-अलग ट्रांसप्लांट किया जा सकता है.
पोषक तत्वों से भरपूर पॉटिंग मिश्रण तैयार करना
ब्रोकली की पौध को बड़े गमलों में ट्रांसप्लांट करने से पहले जरूरी है कि आप अच्छी पोषण से भरपूर मिट्टी तैयार करें. इसके लिए सबसे पहले मिट्टी को धूप में सुखा लें. अब मिट्टी में रेत मिलाएं और कुछ जैविक खाद जैसे गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट मिलाएं. आप कुछ कोको पीट भी मिला सकते हैं. इस पॉटिंग मिक्स को आप बड़े गमले या ग्रो बैग में भर लें. इसमें नीम की खली भी मिलाएं और फिर पौधों को ट्रांसप्लांट करके पानी दें.
ब्रोकोली, पत्तागोभी और फूलगोभी जैसी मौसमी सब्जियां उगाते समय पौधे की ग्रोथ के हिसाब से गमले या ग्रो बैग भरें. कई गार्डनर्स सलाह देते हैं कि ग्रो बैग का सिर्फ 1/4 भाग मिट्टी के मिश्रण से भरें और इसमें पौधा/अंकुर लगाएं. बाद में जब पौधा बड़ा हो जाए तो ग्रो बैग में मिट्टी डालते रहें. इससे पौधे के विकास तेजी से होता है.
सूरज की रोशनी का रखें ध्यान
ब्रोकोली ठंडी जलवायु में अच्छी तरह से बढ़ती है. इसलिए, पौधे को ऐसी जगह पर रखने का सुझाव दिया जाता है जहां इसपर घंटों तक सूरज की सीधी धूप न पड़े. ब्रोकली को 50 प्रतिशत तक सूरज की रोशनी मिलनी चाहिए. इसलिए जिन इलाकों में गर्मी ज्यादा रहती हैं वहां खासतौर पर इस बात का ध्यान रखना चाहिए.
जैविक खाद डालना
पौधा लगाने के बाद इस बात का ध्यान रखें कि मिट्टी सूखे नहीं, लेकिन यह भी सुनिश्चित करें कि पौधे में जरूरत से ज्यादा पानी न हो. पौधा लगाने के तुरंत बाद गमले में कोई फर्टिलाइजन न डालें. पौधा लगाने के कम से कम दो सप्ताह तक इसे मिट्टी में ही रहने दें. बाद में, इसकी ग्रोथ के लिए बायो-सॉल्यूशन और दूसरे ऑर्गनिक खाद डाल सकते हैं.
ब्रोकली में कीट लगने का खतरा होता है, इसलिए इसकी रोकथाम के लिए ऑर्गनिक कीटप्रतिरोधक इस्तेमाल करें. इसके लिए 100 ग्राम नीम की खली को 3-4 लीटर पानी में मिला लें. लहसुन की 2-3 कलियाँ पीस कर मिश्रण में मिला दीजिये. इसे रात भर (कम से कम 12 घंटे) रखें. फिर मिश्रण को छान लें और पौधों पर स्प्रे करें.
अगर पौधा स्वस्थ रहता है तो सब्जी रोपण के 60 दिनों के बाद कटाई के लिए तैयार हो जाएगी. इसके अलावा, सिर्फ ब्रोकली का फूल ही नहीं, यहां तक कि इसकी पत्तियां भी खाने योग्य और पौष्टिक होती हैं.
ब्रोकली को आप खाने में कई तरह से शामिल कर सकते हैं. इसे कच्चा सलाद के तौर पर खा सकते हैं या फिर स्टीम करके भी इसे खाया जा सकता है. आप इसे भूनकर या फ्राई करके भी खा सकते हैं. ब्रोकली को खाने का सबसे आसान तरीका है कि आप इसे सूप में खाएं. इसके अलावा आप इसे दूसरी सब्जियों के साथ स्टिर फ्राई कर लें. ब्रोकली को पास्ता, पुलाव आदि में भी शामिल कर सकते हैं.
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