
देश के कई राज्यों में इस साल बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने कोहराम मचा रखा है. ऐसा ही हाल हिमाचल प्रदेश में भी देखने को मिल रहा है. इस बीच, प्रदेश के पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने प्रदेश की सुक्खू सरकार से सेब सीजन को लेकर सराज क्षेत्र की बंद पड़ी सड़कों को जल्द से जल्द खोलने की मांग उठाई है. जयराम ठाकुर का कहना है कि यहां सेब की फसल पिछले कई दिनों से पककर तैयार हो गई, लेकिन सड़कें बहाल न होनें से यह फसल बगीचों में ही खराब होने की कगार पर पहुंच गई हैं.
पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि समय रहते यदि यह फसल मंडियों में पहुंच जाती है, तो बागवानों को इसके अभी भी आधे पौने भाव मिल सकते हैं. इससे बागवानों को सेब की फसल से होने वाले घाटे को कम किया जा सकता है. प्रदेश सरकार से यह गुहार पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने अपने गृह विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाली पौहल सेंस पंचायत में प्रभावित किसानों से मुलाकात के बाद लगाई है.
बता दें कि रविवार को पूर्व सीएम पौहल पंचायत के खुणाची गांव पहुंचे थे, यहां आपदा में 13 घर पूरी तरह से तबाह हो गए हैं. वहीं, 50 से अधिक घर गिरने की कगार पर हैं. पिछले 2 महीनों से यहां लगातार जमीन खिसक रही है, जिससे अधिकतर मकानों में दरारें आ गई है. ग्रामीण अब इन घरों को खाली कर अपना सामान समेट रहें है.
नेता प्रतिपक्ष पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि खुणाची गांव के यह लोग इस आपदा के बाद राहत शिविरों और रिश्तेदारों के यहां रहने को मजबूर हैं. प्रशासन और सरकार के द्वारा सड़कं खोलने के जो प्रयास किए जा रहें हैं, वह नाकाफी है. सड़कें खुलने के बाद ही यहां के सेब बागवान अपनी फसलों को आसानी से बेचना संभव हो सकेगा. ये गांव 9 हजार फीट की उंचाई पर बसा हुआ है और एक महीने बाद यहां पर बर्फ गिरना शुरू हो जाएगा. यदि सड़कें जल्द नहीं खुलती हैं तो यहां सर्दियों में बिजली पानी के बिना हालात और भी गंभीर हो जाएंगे. ऐसे में प्रशासन और सरकार को प्राथमिकता के आधार पर बंद पड़े रास्तों और सड़कों को खोलना चाहिए.
जयराम ठाकुर ने कहा कि 9 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हिमाचल का दौरा भी होने वाला है. इस दौरान पीएम मोदी कांगड़ा जिला के धर्मशाला में आपदा के दौरान हिमाचल में हुए नुकसान को लेकर बैठक की अध्यक्षता भी करेंगे. इस बैठक में प्रदेश सहित उनके क्षेत्र में हुए नुकसान की विस्तृत जानकारी भी रखी जाएगी. उन्होंने कहा कि आज सराज में आपदा प्रभावितों के पास घर बनाने लायक जमीन तक नहीं बची है. इन प्रभावितों को जमीन उपलब्ध करवाने के लिए वे प्रदेश सरकार के साथ पहले ही चर्चा कर चुके हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर इस मुद्दे को केंद्र सरकार के समक्ष भी उठाया जाएगा. (धरम वीर की रिपोर्ट)
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