scorecardresearch
हरियाणा में इस वजह से गेहूं कटाई में हो रही है देरी, इस बार 10 फीसदी अधिक उत्पादन की उम्मीद

हरियाणा में इस वजह से गेहूं कटाई में हो रही है देरी, इस बार 10 फीसदी अधिक उत्पादन की उम्मीद

कृषि वैज्ञानिक भर्ती बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष गुरबचन सिंह का कहना है कि मार्च में बार-बार पश्चिमी विक्षोभ के कारण प्रतिकूल मौसम की स्थिति ने किसानों के लिए एक चुनौती खड़ी कर दी है, जिसके कारण फसलों की कटाई में देरी हुई. हालांकि, उन्हें उम्मीद है कि पूरे सीजन में लगातार अनुकूल तापमान के कारण गेहूं की पैदावार पिछले सीजन की तुलना में अधिक होगी.

advertisement
20 अप्रैल के बाद गेहूं कटाई में आएगी तेजी. (सांकेतिक फोटो) 20 अप्रैल के बाद गेहूं कटाई में आएगी तेजी. (सांकेतिक फोटो)

इस साल लंबे समय तक ठंड मौसम रहने की वजह से हरियाणा में गेहूं कटाई में देरी हो रही है. हालांकि, राज्य में 1 अप्रैल से ही गेहूं की खरीद शुरू हो गई है. लेकिन इसके बावजूद भी कई मंडियों में अभी तक गेहूं के एक भी दाने की आवक नहीं हुई है. कई मंडियों में तो सन्नाटा पसरा हुआ है. वहीं, कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि 20 अप्रैल के बाद कटाई में तेजी आने की संभावना है. उनके मुताबिक, गर्मी शुरू होने में देरी से गेहूं की पैदावार 5 से 10 फीसदी तक बढ़ सकती है.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के पूर्व प्रधान वैज्ञानिक वीरेंद्र सिंह लाठर ने कहा कि आमतौर पर, अप्रैल के पहले सप्ताह में अनाज मंडियों में गेहूं की आवक शुरू हो जाती है, लेकिन इस साल मार्च के दौरान कम तापमान के कारण गेहूं की फसल के पकने में 10-15 दिन की देरी हो गई. उन्होंने कहा कि वर्तमान में, अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से 3 डिग्री सेल्सियस से 4 डिग्री सेल्सियस नीचे है, जिससे कटाई प्रक्रिया में और देरी हो रही है. उन्होंने कहा कि बैसाखी के बाद गेहूं की कटाई शुरू होगी और 20 अप्रैल के बाद इसमें तेजी आएगी.

ये भी पढ़ें- सूरजमुखी के रकबे में बंपर इजाफा, 13600 एकड़ में किसानों ने की बुवाई, क्या इस बार MSP पर होगी खरीद

इस कारण फसल कटाई में हुई देरी

कृषि वैज्ञानिक भर्ती बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष गुरबचन सिंह का कहना है कि मार्च में बार-बार पश्चिमी विक्षोभ के कारण प्रतिकूल मौसम की स्थिति ने किसानों के लिए एक चुनौती खड़ी कर दी है, जिसके कारण फसलों की कटाई में देरी हुई. हालांकि, उन्हें उम्मीद है कि पूरे सीजन में लगातार अनुकूल तापमान के कारण गेहूं की पैदावार पिछले सीजन की तुलना में अधिक होगी. सिंह ने कहा कि कुछ इलाकों में तेज रफ्तार हवाओं के साथ बारिश और ओलावृष्टि से फसल को नुकसान पहुंचा है और इससे पूरे राज्य में पैदावार कम हो सकती है.

3.80 लाख एकड़ में गेहूं की खेती

आंकड़ों के मुताबिक, इस बार करनाल जिले में 3.80 लाख एकड़ भूमि पर गेहूं की खेती की गई है और विभाग ने प्रति एकड़ औसतन 23 क्विंटल पैदावार का अनुमान लगाया है. जिला प्रशासन को इस सीजन में लगभग 8 लाख मीट्रिक टन (एमटी) की आवक का अनुमान है, जबकि पिछले सीजन में यह 7.8 लाख मीट्रिक टन थी.

ये भी पढ़ें-  अध्ययन में दावा- इस तकनीक से खेती करने पर 35 फीसदी तक बढ़ सकता है सरसों का उत्पादन

इन जिलों में नहीं हुई गेहूं की आवक

बता दें कि कल ही खबर सामने आई थी कि हरियाणा में गेहूं खरीद प्रक्रिया के शुरू हुए एक हफ्ते हो गए हैं, लेकिन इसके बावजूद भी क्रय केंद्रों पर गेहूं की आवक नहीं हो रही है. अपनी उपज को बेचने के लिए किसान खरीद केंद्रों पर नहीं आ रहे हैं. खास बात यह है कि सोनीपत और पानीपत जिलों की अनाज मंडियों में अभी तक गेहूं फसल की आवक शुरू नहीं हुई है, जबकि इसकी खरीद एक अप्रैल से शुरू हो गई है. साथ ही, अनाज के उठान और परिवहन के लिए टेंडर्स भी आवंटित नहीं किए गए हैं.