हरियाणा में धान खरीदी के बीच एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. हरियाणा राज्य कृषि मार्केटिंग बोर्ड (एचएसएएमबी) के मुख्य प्रशासक मुकेश कुमार आहूजा ने करनाल जिले की सात अनाज मंडियों में लगभग 90,000 क्विंटल धान के गेट पास की एंट्री को मिटाने के मामले की जांच के आदेश दिए हैं. जिला विपणन प्रवर्तन अधिकारी (DMEO) सौरभ को जांच कर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का काम सौंपा गया है. आहूजा ने कहा, "यह मामला मेरे संज्ञान में आया है और मैंने डीएमईओ को पूरी जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है. अगर कोई इस मामले में पकड़ा जाता तो उसपर कार्रवाई की जाएगी”.
“दि ट्रिब्यून” के मुताबिक, इस मुद्दे को उनकी (अखबार) तरफ से उजागर किया गया था, जिसके बाद एचएसएएमबी ने जांच के आदेश दिए हैं. वहीं, DMEO सौरभ ने जांच शुरू कर दी है और बड़े पैमाने पर गेट पास को हटाने के पीछे संभावित कारणों की पहचान करने के लिए अनाज मंडियों के रिकॉर्ड की जांच कर रहे हैं. हटाई गई एंट्रियां धान खरीद प्रक्रिया में संभावित नियमों के उल्लंघन की ओर इशारा करती हैं.
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सूत्रों के अनुसार, सबसे ज्यादा कटौती निसिंग अनाज मंडी में हुई, जहां 772 गेट पास यानी 42,633 क्विंटल धान का गेट पास काटा गया. अन्य काटे गए गेट पास में निग्धु में 226 गेट पास (12,565 क्विंटल), इंद्री में 211 पास (11,453 क्विंटल), तरौरी में 168 पास (9,435 क्विंटल), घरौंडा में 134 पास (7,422 क्विंटल), करनाल में 76 पास (4,560 क्विंटल) और असंध में 27 पास (1,568 क्विंटल) शामिल हैं.
HSAMB के एक अधिकारी ने बताया कि गेट पास तब बनाए जाते हैं, जब किसान फसल बेचने के लिए लाते हैं. वहीं, कुछ पास मंडी परिसर के बाहर भी बनाए जाते हैं. हालांकि, कुछ हटाई गई एंट्री टेक्निकल गलतियों या डुप्लिकेट के कारण हो सकती हैं, लेकिन असामान्य रूप से इतनी बड़ी संख्या में गड़बड़ी होना संदेह पैदा करती है.
डीएमईओ की जांच के अलावा, सहायक प्रशिक्षण आयुक्त (एसीयूटी) योगेश सैनी के नेतृत्व में एक टीम चावल मिलों का फिजिकल वेरिफिकेशन कर रही है. साथ ही किसी भी अन्य तरीकों का पता लगाने के लिए अनाज बाजार के रिकॉर्ड की समीक्षा कर रही है. जैसे ही कुछ पता चलेगा तो कार्रवाई की जाएगी.
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