संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के बैनर तले किसानों ने हरियाणा के कुरुक्षेत्र में राज्य स्तरीय पंचायत की और डीएपी खाद की कमी, धान की धीमी खरीद और पराली जलाने को लेकर पुलिस में दर्ज मामलों का विरोध किया. उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के स्थानीय आवास की ओर मार्च निकालने की कोशिश की, लेकिन बाद में पुलिस के रोके जाने के बाद सड़क पर ही विरोध प्रदर्शन किया.
संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान में कहा कि कई किसान संगठनों से आई पंचायत को सीनियर एसकेएम नेताओं ने संबोधित किया. इन नेताओं ने हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार पर कृषि क्षेत्र और किसानों के प्रति उसके "खराब रवैये" के लिए निशाना साधा. नेताओं ने दावा किया कि बीजेपी नेताओं ने विधानसभा चुनाव के दौरान वादा किया था कि उनकी सरकार मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर 3,100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदेगी, लेकिन खरीद सही ढंग से नहीं की जा रही है.
एसकेएम नेताओं ने आरोप लगाया कि धान की उठान बहुत धीमी है, जिससे किसानों को परेशानी हो रही है, जबकि डीएपी की भी कमी है. किसानों ने कहा कि वे ट्रेड यूनियनों और कृषि मजदूरों के साथ 26 नवंबर को राष्ट्रीय स्तर पर चेतावनी दिवस मनाएंगे. यह दिवस दिल्ली के बॉर्डर पर तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन की चौथी वर्षगांठ पर मनाया जाएगा. हालांकि तीन कृषि कानून रद्द हो चुके हैं.
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संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि एमएसपी पर सभी फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी सहित उनकी मुख्य मांगों को लागू करवाने में दबाव बनाने के लिए 26 नवंबर को जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन भी किया जाएगा. प्रदर्शन को संबोधित करने वालों में दर्शन पाल, रतन मान, सुरेश कोथ, जोगेंदर नैन, मंदीप नाथवान और सुखदेव जम्मू प्रमुख रूप से शामिल थे.
किसानों ने डीएपी की कमी का मुद्दा भी उठाया. हालांकि अभी हाल में मुख्यमंत्री सैनी ने बताया कि हरियाणा में डीएपी खाद की कोई कमी नहीं है और केंद्र सरकार की ओर से पर्याप्त आवंटन मिल रहा है. लेकिन किसान संगठन और विपक्षी दल इसके विरोध में अपनी बात रख रहे हैं. कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे को उठाया है और कहा है कि किसानों की उपज भी नहीं खरीदी जा रही और रबी फसल की बुवाई के लिए खाद भी उपलब्ध नहीं कराए जा रहे.
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इससे पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि राज्य में डीएपी खाद की कोई कमी नहीं है और किसानों को घबराकर खरीदारी नहीं करनी चाहिए. राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि केंद्र ने नवंबर के लिए 1.10 लाख मीट्रिक टन (एमटी) डीएपी खाद आवंटित किया है. इससे पहले सीएम सैनी ने एक बयान में कहा, राज्य में डीएपी की कोई कमी नहीं है और घबराकर खरीदारी करने की कोई जरूरत नहीं है. रविवार को राज्य में डीएपी की उपलब्धता 24,000 मीट्रिक टन है और किसानों को रोजाना खाद उपलब्ध कराने के लिए रेक प्लानिंग कर ली गई है.
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