हरियाणा सरकार ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए फैसला किया है कि राज्य में खरीद संस्थाओं की तरफ से खरीदे जा रहे बाजरे के मूल्य में 50 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ोतरी की है. साथ ही खरीद संस्थानों द्वारा बाजरे की खरीद 2200 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीद करेगी. साथ ही भावांतर भरपाई योजना के तहत 575 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से किसानों के बैंक खातों में सीधे तौर पर स्थानांतरित किए जायेंगे. इससे किसानों को सरकार द्वारा खरीद किये जा रहे बाजरे पर भारत सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य 2775 रुपये की अदायगी होगी.
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के एक प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पहले यह राशि 2150 रुपए प्रति क्विंटल थी. भावांतर भरपाई योजना के तहत 625 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से किसानों के खातों में ट्रांसफर किए गए. इसकी वजह से राज्य के किसानों को भारत सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन की अदायगी हो रही है. उन्होंने बताया कि बाजरे के बाजार भाव की समीक्षा करने के बाद किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है.
अगर निजी व्यापारियों की तरफ से भी राज्य के किसानों से ई-खरीद माध्यम से बाजरे की खरीद 2200 रुपये प्रति क्विंटल से ज्यादा किसी भी दर पर खरीदा जाता है तो भी किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है. उस स्थिति में भी सरकार किसानों को भावांतर भरपाई योजना के अंतर्गत निर्धारित 575 रुपये प्रति क्विंटल राशि का भुगतान करेगी. सरकार की मानें तो इस स्थिति में राज्य के किसानों को भारत सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से ज्यादा का फायदा होगा.
आपको बता दें कि राज्य के किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए खरीफ सीजन 2025-26 के दौरान बाजरे की खरीद जो 1 अक्टूबर शुरु की जानी थी को 23 सितंबर से शुरू किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि राज्य में बाजरे की खरीद हेतु 92 मण्डियां / खरीद केंद्र खोले गए हैं. राज्य में बाजरे की खरीद हैफेड और हरियाणा राज्य भंडारण निगम खरीद संस्था की ओर से खरीद की जा रही है. उनका कहना था कि इस वर्ष प्रदेश के 5, 06, 313 किसानों द्वारा बाजरे के लिए मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवाया गया है.
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