Haryana: गन्ने के रकबे में 15 फीसदी की गिरावट, एक्सपर्ट ने बताई इसकी बड़ी वजह

Haryana: गन्ने के रकबे में 15 फीसदी की गिरावट, एक्सपर्ट ने बताई इसकी बड़ी वजह

हरियाणा में गन्ने के रकबे में काफी कमी आई है. इसके कई कारण बताए जा रहे हैं. वहीं, राज्य में गन्ना पेराई का सत्र भी शुरू होने वाला है. ऐसे में चीनी मिलों को घाटे होने की संभावना जताई जा रही है. ऐसे में आइए जानते हैं राज्य में गन्ने के उत्पादन में कमी का क्या है कारण.

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Haryana: गन्ने के रकबे में 15 फीसदी की गिरावट, एक्सपर्ट ने बताई इसकी बड़ी वजहगन्ने के रकबे में गिरावट

हरियाणा में इस बार गन्ने के रकबे में 15 फीसदी की गिरावट हुई है. यहां 25 नवंबर से गन्ने का पेराई सत्र भी शुरू होने वाला है. लेकिन इससे पहले चीनी मिलों को चालू पेराई सत्र में गन्ने की आपूर्ति में कमी का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि गन्ने की फसल का रकबा 2023-24 में 3,59,803 एकड़ से घटकर 2024-25 में 3,04,309 एकड़ (15 प्रतिशत से अधिक) रह गया है, जिससे इस बार चीनी मिलों को घाटे का सामना करना पड़ सकता है.

बता दें कि राज्य में कुल 14 चीनी मिलें हैं, जिनमें पानीपत, रोहतक, करनाल, सोनीपत, शाहाबाद, जिंद, पलवल, महम, कैथल, गोहाना और असंध (हैफेड मिल) में स्थित सहकारी चीनी मिलें और नारायणगढ़ (अंबाला जिला) में निजी चीनी मिलें शामिल हैं.  

गन्ने के रकबे में कमी का ये है कारण

यमुनानगर स्थित सरस्वती शुगर मिल्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डीपी सिंह ने कहा कि हरियाणा के इस क्षेत्र के किसान गन्ने की कटाई के लिए पूरी तरह से बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से आने वाले प्रवासी मजदूरों पर निर्भर रहते हैं. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, धान, गेहूं और पोपलर जैसी अन्य फसलों से मिलने वाला लाभ भी किसानों को गन्ने की खेती में दिलचस्पी को कम कर रहा है.

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मशीनों की कमी से कम हुआ रकबा

डीपी सिंह ने कहा कि इसके अलावा, गन्ने की खेती में यंत्र यानी मशीनों का भी अभाव है. इस क्षेत्र में धान और गेहूं जैसी प्रमुख फसलों की खेती के लिए पूरी मशीनें उपलब्ध हैं. लेकिन गन्ने की खेती के लिए किसानों को यंत्र नहीं मिलता है. उन्होंने कहा कि गन्ना क्षेत्र में भारी कमी के कारण उत्पादन कम होगा और चीनी मिलों की कुल गन्ना उपलब्धता प्रभावित होगी, जिससे उन्हें समय से पहले मिलें ही बंद करनी पड़ेगी. साथ ही उन्होंने कहा कि रकबे में कमी के कारण अगले गन्ना रोपण सीजन के लिए बीज की उपलब्धता भी एक बड़ी चुनौती हो सकती है.

मौसम भी है रकबे में कमी का कारण

हरियाणा में गन्ने का रकबा कई कारणों से कम हुआ है, जिनमें मौसम की स्थिति के कारण उपज में भारी कमी आई है. शाहाबाद चीनी मिल, नारायणगढ़ चीनी मिल और यमुनानगर चीनी मिलों के क्षेत्र में बाढ़ का प्रभाव भी रहा. साथ ही गन्ने की खेती में कटाई सहित अलग-अलग जरूरतों के लिए मजदूर भी नहीं मिलना शामिल है.

लाल छप्पर माजरी गांव के किसान अनिल कौशिक ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य में गन्ना क्षेत्र बढ़ाने के लिए अलग-अलग प्रोत्साहनों के रूप में पहले ही कुछ बड़े कदम उठाए हैं. किसान ने कहा कि समय की मांग है कि मजदूरों की समस्या से निपटने के लिए खेती में मशीनरी, विशेष रूप से गन्ना कटाई करने वाली मशीनें उपलब्ध कराई जाएं.

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