बारिश से हरी सब्जियां हुईं महंगी, 150 रुपये किलो बिक रहा है पत्तागोभी, जानें शिमला मिर्च का भाव

बारिश से हरी सब्जियां हुईं महंगी, 150 रुपये किलो बिक रहा है पत्तागोभी, जानें शिमला मिर्च का भाव

सब्जी विक्रेता ने कहा कि हम अपनी उपज की ताज़गी बनाए रखना एक निरंतर संघर्ष है. उनकी माने तो बारिश के पानी के रिसाव के कारण हरी सब्जियां जल्दी खराब हो जाती हैं. इसके अलावा, हाल के कम उत्पादन स्तर ने हमें आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों से सब्जियां मंगाने के लिए मजबूर किया है

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बारिश से हरी सब्जियां हुईं महंगी, 150 रुपये किलो बिक रहा है पत्तागोभी, जानें शिमला मिर्च का भावहरी सब्जियों की कीमत में लगी आग. (सांकेतिक फोटो)

कर्नाटक में पिछले हफ्ते हुई भारी बारिश का असर अब जमीन पर दिखने लगा है. इसके चलते हरी सब्जियां महंगी हो गई हैं. खास कर राजधानी बेंगलुरु में सब्जियों की कीमत में ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इससे आम जनता के किचन का बजट बिगड़ गया है. कहा जा रहा है कि बारिश के वजह से हरी सहब्जियों के उत्पादन में गिरावट आई है. इससे मार्केट में आवक कम होने से कीमतें बढ़ रही हैं.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, केआर मार्केट के एक अनुभवी विक्रेता वज़ीर खान ने थोक और खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर जानकारी दी. उन्होंने कहा कि हाल की बारिश के कारण लगभग हर सब्जी में की कीमत में वृद्धि देखी गई है. गाजर से लेकर शिमला मिर्च तक का रेट बहुत अधिक बढ़ गए हैं. उनकी माने तो थोक मार्केट में दोनों की कीमतें क्रमश: 30 से 40 रुपये प्रति किलो बढ़ गई हैं. इससे खुदरा मार्केट में इनके रेट 80 से 100 रुपये किलो हो गए हैं. 

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महंगी हुईं सब्जियां

उन्होंने कहा कि हम अपनी उपज की ताज़गी बनाए रखना एक निरंतर संघर्ष है. उनकी माने तो बारिश के पानी के रिसाव के कारण हरी सब्जियां जल्दी खराब हो जाती हैं. इसके अलावा, हाल के कम उत्पादन स्तर ने हमें आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों से सब्जियां मंगाने के लिए मजबूर किया है, जिससे कीमतें और बढ़ गई हैं. जड़ वाली सब्जियों और हरी पत्तेदार सब्जियों की कीमतें, जिन्हें आमतौर पर नम मौसम में स्टोर करना मुश्किल होता है, सबसे ज्यादा बढ़ी हैं. धनिया की पत्तियां, जो कभी प्रमुख थीं, अब 60 रुपये प्रति गुच्छा की कीमत पर हैं. जबकि फलियां आश्चर्यजनक रूप से 200 रुपये प्रति किलोग्राम या उससे अधिक हैं. इसी तरह पत्तागोभी भी 150 रुपये प्रति किलोग्राम की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है.

क्या कहते हैं व्यापारी

केआर मार्केट के थोक सब्जी व्यापारी रविंदर कुमार ने थोक और खुदरा कीमतों के बीच स्पष्ट असमानता के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि सिर्फ धनिया की पत्तियां ही महंगी नहीं हुई हैं, बल्कि पुदीना और पालक की दरें भी समान हैं. थोक बाजार में, एक किलोग्राम पुदीने की पत्तियों या चार बंडल की कीमत 40 रुपये होती है, लेकिन खुदरा बाजार में एक बंडल की कीमत 50 रुपये है. पालक के लिए भी यही बात लागू होती है. चिकपेट के खुदरा सब्जी विक्रेता वेणु गोपाल ने कहा कि ग्राहकों को दिक्कत महसूस हो रही है, लेकिन इससे वे सब्जियां खरीदने से नहीं रुक रहे हैं. जैसे-जैसे मांग बढ़ती है, कीमतें बढ़ती हैं. उत्पादन के विपरीत मांग में कमी नहीं आएगी, जिसमें उतार-चढ़ाव हो सकता है.

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