अमेरिका-यूरोप में बढ़ी भारत के इन आमों की मांग, अकेले इस राज्य ने 596 टन किया निर्यात

अमेरिका-यूरोप में बढ़ी भारत के इन आमों की मांग, अकेले इस राज्य ने 596 टन किया निर्यात

केएसएमडीएमसीएल के आंकड़ों से पता चला है कि वर्ष 2023 में अप्रैल-जुलाई तक 685 टन आम एयर कार्गो द्वारा यूएसए, कुवैत और यूएई भेजे गए थे. इसमें से 103 टन फोर्ट वर्थ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर, 95 टन वाशिंगटन डलेस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर, 58 टन सैन फ्रांसिस्को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर और 52 टन कुवैत और दुबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर भेजे गए.

Advertisement
अमेरिका-यूरोप में बढ़ी भारत के इन आमों की मांग, अकेले इस राज्य ने 596 टन किया निर्यातआम निर्यात में बढ़ोतरी. (सांकेतिक फोटो)

आम की कीमत में बढ़ोतरी के बावजूद भी विदेशों में कर्नाटक के आम की मांग बढ़ रही है. खास बात यह है कि विदेशों में सबसे ज्यादा डिमांड अल्फांसो, बादामी, मल्लिका और बंगानपाली की है. कर्नाटक राज्य आम विकास और विपणन निगम लिमिटेड (KSMDMCL) और कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य ने 16.89 करोड़ रुपये के 596.23 मीट्रिक टन आम का निर्यात किया. जबकि, 2022-23 में, निर्यात 244.98 मीट्रिक टन था, जिसका कीमत 6.11 करोड़ रुपये थी. वहीं, साल 2021-23 में कर्नाटक से 222.9 मीट्रिक टन आम का निर्यात किया गया, जिसका मूल्य 5.38 करोड़ रुपये था.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक,  मैंगो बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा कि आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र के बाद कर्नाटक भारत का दूसरा सबसे बड़ा आम निर्यातक राज्य है. राज्यों के निर्यात आंकड़ों में भी अंतर अधिक है. महाराष्ट्र को हवाई और समुद्री मार्ग से फलों, सब्जियों और अन्य वस्तुओं के निर्यात का लाभ प्राप्त है. उनके पास पर्याप्त प्रसंस्करण और पैकेजिंग इकाइयां भी हैं. जबकि, कर्नाटक में, हम गुणवत्ता, वफादारी और एयर कार्गो के कारण दूसरे स्थान पर बने रहने में कामयाब रहे हैं.

ये भी पढ़ें- Paddy Seeds: शाहजहांपुर में किसानों को मिल रहा आधे दाम पर धान का बीज, लेना चाहते हैं तो जान लीजिए पूरा प्रोसेस

क्या कहते हैं आम निर्यातक

केएसएमडीएमसीएल के प्रबंध निदेशक सीजी नागराजू ने टीएनआईई को बताया कि आम के निर्यात की मांग बढ़ रही है. खास बात यह है कि अधिकतम मांग संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोप और मध्य पूर्वी देशों से है. संयुक्त राज्य अमेरिका को निर्यात में 124 फीसदी की वृद्धि हुई है. मध्य पूर्व से पकी हुई तोतापुरी की भी मांग है. राज्य टेट्रापैक, कंटेनरों में 2,000 लीटर आम का गूदा भी भेज रहा है. ऐसे कर्नाटक के आम कोच्चि, चेन्नई और मुंबई से दूसरे देशों में भी भेजे जाते हैं. उन्होंने कहा कि सटीक विवरण जानने के लिए बंदरगाहों से शिपमेंट पर एक रिपोर्ट मांगी गई है.

इन देशों में बढ़ा निर्यात

केएसएमडीएमसीएल के आंकड़ों से पता चला है कि वर्ष 2023 में अप्रैल-जुलाई तक 685 टन आम एयर कार्गो द्वारा यूएसए, कुवैत और यूएई भेजे गए थे. इसमें से 103 टन फोर्ट वर्थ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर, 95 टन वाशिंगटन डलेस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर, 58 टन सैन फ्रांसिस्को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर और 52 टन कुवैत और दुबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर भेजे गए. एसएमडीएमसीएल के एक अधिकारी ने कहा कि इस साल, निर्यात मांग लगभग 1,000 मीट्रिक टन है. लेकिन कुल मिलाकर आम की कटाई में भारी गिरावट आई है. राज्य को सामान्य उपज का केवल 30 फीसदीही मिल पाता था. चूंकि निर्यात प्रतिबद्धताएं हैं, इसलिए पहले इस मांग को पूरा करने की जरूरत है. 

ये भी पढ़ें- पंजाब में अचानक बढ़ी फूलों की मांग, कुछ ही दिनों में दोगुनी हो गई गेंदे और गुलाब की कीमत, जानें वजह

 

POST A COMMENT