केंद्र सरकार ने जनवरी में जमकर चावल की खरीद की है. इससे छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के धान किसानों को फायदा मिला है और उनकी फसल को अच्छी कीमत मिली है. जनवरी में अधिक खरीद किए जाने से चावल खरीद घाटा कम हुआ है. हालांकि, पिछले 4 महीनों की खरीद पिछले साल के मुकाबले कम है. इसके अलावा पंजाब, हरियाणा, यूपी, तेलंगाना और ओडिशा में भी खूब चावल खरीद की गई है.
केंद्र सरकार ने जनवरी में चावल खरीद में 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है. अधिक खरीद के कारण चावल घाटा 14 प्रतिशत से कम हो गया है. अधिकारियों ने कहा कि दो राज्यों छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश ने खरीद में वृद्धि में मुख्य रूप से योगदान दिया है. हालांकि, 1 अक्टूबर को सीजन शुरू होने के बाद से पहले 4 महीनों में चावल की खरीद पिछले साल की अवधि में 429.85 लाख टन से लगभग 8 प्रतिशत गिरकर 397.40 लाख टन हो गई है.
खाद्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार केंद्र ने छत्तीसगढ़ में 3 गुना अधिक चावल लगभग 22 लाख टन और मध्य प्रदेश में 60 प्रतिशत अधिक लगभग 17 लाख टन चावल खरीदा है. छत्तीसगढ़ में चावल की खरीद 1 अक्टूबर 2023 से 31 जनवरी 2024 के बीच 60.97 लाख टन दर्ज की गई है, जो कि पिछले साल के 58.65 लाख टन से 4 प्रतिशत कम है. 31 दिसंबर तक इसमें 25 फीसदी की गिरावट आई थी. हालांकि, पिछले महीने बंपर चावल खरीद के बावजूद मध्य प्रदेश में 31 जनवरी तक कुल खरीद अभी भी 9 फीसदी कम यानी 28.23 लाख टन है.
पंजाब, हरियाणा और अन्य उत्तरी राज्यों में खरीद दिसंबर में पूरी हो गई, जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यह जनवरी के अंत तक खरीद जारी रही. एफसीआई पंजाब में 125.08 लाख टन खरीद रही है, जो पिछले साल के 121.91 लाख टन से 2 प्रतिशत अधिक है. इसी तरह हरियाणा में यह 2022-23 में 39.51 लाख टन के मुकाबले 39.42 लाख टन है.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में केंद्र ने चालू सीजन में 31 जनवरी तक 11.23 लाख टन चावल खरीदा है, जबकि पिछले साल यह 14.45 लाख टन था. वहीं, पूरे उत्तर प्रदेश में आधिकारिक खरीद 33.96 लाख टन दर्ज की गई है, जो साल भर पहले के 40.53 लाख टन से 16 प्रतिशत कम है. इसी तरह तेलंगाना में चावल की खरीद कम बनी हुई है और अब 41.68 लाख टन के मुकाबले 31.65 लाख टन तक पहुंच गई है. ओडिशा में चावल की खरीद में सुधार हुआ है क्योंकि 31 दिसंबर तक 26 प्रतिशत में से केवल 3 प्रतिशत कम थी.
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