गेहूं की बढ़ती कीमतों और जमाखोरी रोकने के लिए सरकार ने स्टॉक लिमिट लगाई, कहा- देश में गेहूं की कोई कमी नहीं

गेहूं की बढ़ती कीमतों और जमाखोरी रोकने के लिए सरकार ने स्टॉक लिमिट लगाई, कहा- देश में गेहूं की कोई कमी नहीं

खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने कहा है कि देश में गेहूं की कोई कमी नहीं है. जमाखोरी रोकने के लिए सोमवार से गेहूं पर स्टॉक लिमिट लागू कर दी गई. थोक विक्रेता 3000 टन और खुदरा विक्रेता 10 टन से अधिक गेहूं का स्टॉक नहीं कर सकेंगे.

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गेहूं की बढ़ती कीमतों और जमाखोरी रोकने के लिए सरकार ने स्टॉक लिमिट लगाई, कहा- देश में गेहूं की कोई कमी नहींकेंद्र ने कहा है कि देश में गेहूं की कोई कमी नहीं है.

देश में गेहूं का स्टॉक कम होने और कीमतों में बढ़ोत्तरी की आशंकाओं को खारिज करते हुए केंद्र सरकार ने कहा है कि देश में में गेहूं की कोई कमी नहीं है. केंद्र ने जमाखोरी रोकने के लिए गेहूं की स्टॉक लिमिट भी आज से ही लागू कर दी है. गेहूं के खुदरा और थोक विक्रेताओं, फूड प्रोसेसर, मिलर्स को निर्देशित किया गया है कि गेहूं की स्टॉक लिमिट को पोर्टल पर आज से ही खुलासा करना होगा. इसके अलावा बताया गया कि चने और अरहर दाल की थोक कीमतों में 200 रुपये प्रति क्विंट तक की गिरावट आई है. वहीं, खाद्य तेल की कीमतों में इजाफे की संभावना से इनकार किया गया है.

खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव संजीव चोपड़ा ने सोमवार को कहा है कि देश में गेहूं की कोई कमी नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार ने गेहूं पर स्टॉक सीमा लगा दी है जो आज से शुरू हो रही है. खुदरा विक्रेता, फूड प्रोसेसर और थोक विक्रेता स्टॉक बनाए रखेंगे और स्टॉक सीमा के अनुसार पोर्टल पर इसका खुलासा करेंगे. थोक विक्रेता 3000 टन, खुदरा विक्रेता 10 टन, बड़ी बिजनेस चेन वाले खुदरा विक्रेता प्रति आउटलेट 10 टन स्टॉक मेंटेन करेंगे. 

पिछले साल से 3 लाख मीट्रिक टन कम गेहूं स्टॉक 

उन्होंने कहा कि हम आवश्यकता के आधार पर स्टॉक लिमिट की समीक्षा करेंगे. गेहूं के दाम स्थिर रखने के लिए कदम उठाए जाएंगे. हमारे पास पिछले साल से केवल 3 लाख मीट्रिक टन स्टॉक कम है. 2024-25 में कीमतें स्थिर रखी जाएंगी. हमारे पास सभी उपकरण उपलब्ध हैं. सरकार के पास सभी विकल्प खुले हैं, कोई विकल्प बंद नहीं है. 

दालों के स्टॉक लिमिट का असर दिख रहा 

उपभोक्ता मामले विभाग की सचिव निधि खरे ने कहा कि जब से हमने तुअर और चना दालों पर स्टॉक सीमा लगाई है, तब से बाजार में इसका असर देखने को मिल रहा है और कीमतें नीचे आ रही हैं. अच्छी बारिश की भविष्यवाणी सहित कई ऐसे कारक हैं जो कीमतों को नियंत्रित रखने में हमारी मदद कर रहे हैं.

जमाखोरी रोकने के लिए स्टॉक लिमिट लगाई

सचिव संजीव‌ चोपड़ा ने कहा कि गेहूं की कमी नहीं है. भरपूर गेहूं के पैदावार और खरीद हुई है. हम स्टॉक लिमिट इसलिए लगा रहे हैं क्योंकि लगातार मीडिया में खबरें आ रही है कि सरकार के पास स्टॉक नहीं है. एक रिपोर्ट आई थी कि सार्वजनिक वितरण के लिए भी हमारे पास अनाज नहीं है. इसकी वजह से ट्रेडर्स की ओर से जमाखोरी की जा रही थी. जमाखोरी रोकने के लिए हमने स्टॉक लिमिट लगाई है. 

चना, दाल और खाद्य तेल कीमतों पर अपडेट 

खाद्य वितरण और उपभोक्ता मंत्रालय ‌के अधिकारियों ने बताया कि चना, अरहर दाल, खाद्य तेल कीमतों को लेकर भी अपडेट दिया है. 

  1. चने की कीमतों में होलसेल बाजार में 50 रुपये से 200 रुपये प्रति क्विंटल की कमी आई है.
  2. काबुली चने की कीमतों में 100 रुपये से 300 रुपये प्रति क्विंटल की कमी आई है.
  3. अरहर दाल की कीमतों में 50 से रुपये 200 प्रति कुंतल की कमी कीमतों में आई है. 
  4. पिछले साल के मुकाबले प्याज के किसानों को अच्छी कीमत मिल रही है. 
  5. खाद्य तेल की कीमतों में बढ़ोतरी की कोई संभावना नहीं है. पाम ऑयल का स्टॉक किया जाएगा. 
  6. ब्राजील और अर्जेंटीना में बाढ़ के कारण सोया की कीमतें बढ़ गई हैं. आपूर्ति शुरू होते ही कीमतें कम हो जाएंगी.
     

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