देश में गेहूं का स्टॉक कम होने और कीमतों में बढ़ोत्तरी की आशंकाओं को खारिज करते हुए केंद्र सरकार ने कहा है कि देश में में गेहूं की कोई कमी नहीं है. केंद्र ने जमाखोरी रोकने के लिए गेहूं की स्टॉक लिमिट भी आज से ही लागू कर दी है. गेहूं के खुदरा और थोक विक्रेताओं, फूड प्रोसेसर, मिलर्स को निर्देशित किया गया है कि गेहूं की स्टॉक लिमिट को पोर्टल पर आज से ही खुलासा करना होगा. इसके अलावा बताया गया कि चने और अरहर दाल की थोक कीमतों में 200 रुपये प्रति क्विंट तक की गिरावट आई है. वहीं, खाद्य तेल की कीमतों में इजाफे की संभावना से इनकार किया गया है.
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव संजीव चोपड़ा ने सोमवार को कहा है कि देश में गेहूं की कोई कमी नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार ने गेहूं पर स्टॉक सीमा लगा दी है जो आज से शुरू हो रही है. खुदरा विक्रेता, फूड प्रोसेसर और थोक विक्रेता स्टॉक बनाए रखेंगे और स्टॉक सीमा के अनुसार पोर्टल पर इसका खुलासा करेंगे. थोक विक्रेता 3000 टन, खुदरा विक्रेता 10 टन, बड़ी बिजनेस चेन वाले खुदरा विक्रेता प्रति आउटलेट 10 टन स्टॉक मेंटेन करेंगे.
उन्होंने कहा कि हम आवश्यकता के आधार पर स्टॉक लिमिट की समीक्षा करेंगे. गेहूं के दाम स्थिर रखने के लिए कदम उठाए जाएंगे. हमारे पास पिछले साल से केवल 3 लाख मीट्रिक टन स्टॉक कम है. 2024-25 में कीमतें स्थिर रखी जाएंगी. हमारे पास सभी उपकरण उपलब्ध हैं. सरकार के पास सभी विकल्प खुले हैं, कोई विकल्प बंद नहीं है.
उपभोक्ता मामले विभाग की सचिव निधि खरे ने कहा कि जब से हमने तुअर और चना दालों पर स्टॉक सीमा लगाई है, तब से बाजार में इसका असर देखने को मिल रहा है और कीमतें नीचे आ रही हैं. अच्छी बारिश की भविष्यवाणी सहित कई ऐसे कारक हैं जो कीमतों को नियंत्रित रखने में हमारी मदद कर रहे हैं.
सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि गेहूं की कमी नहीं है. भरपूर गेहूं के पैदावार और खरीद हुई है. हम स्टॉक लिमिट इसलिए लगा रहे हैं क्योंकि लगातार मीडिया में खबरें आ रही है कि सरकार के पास स्टॉक नहीं है. एक रिपोर्ट आई थी कि सार्वजनिक वितरण के लिए भी हमारे पास अनाज नहीं है. इसकी वजह से ट्रेडर्स की ओर से जमाखोरी की जा रही थी. जमाखोरी रोकने के लिए हमने स्टॉक लिमिट लगाई है.
खाद्य वितरण और उपभोक्ता मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि चना, अरहर दाल, खाद्य तेल कीमतों को लेकर भी अपडेट दिया है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today