scorecardresearch
ओडिशा में अब 30 रुपये किलो बिकेगा आलू, महंगाई पर ब्रेक लगाने के लिए सरकार का प्लान तैयार

ओडिशा में अब 30 रुपये किलो बिकेगा आलू, महंगाई पर ब्रेक लगाने के लिए सरकार का प्लान तैयार

मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पहले चरण में 300 मीट्रिक टन आलू खरीदने के लिए नैफेड के माध्यम से ऑर्डर दिया है. यह अगले सप्ताह के अंत तक राज्य में उपलब्ध हो जाएगा. पहले चरण में इसे भुवनेश्वर, कटक, राउरकेला, संबलपुर और बरहामपुर में सरकारी खुदरा दुकानों के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा.

advertisement
ओडिशा में आलू हुआ महंगा. (सांकेतिक फोटो) ओडिशा में आलू हुआ महंगा. (सांकेतिक फोटो)

ओडिशा में मोहन माझी सरकार ने भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नेफेड) के माध्यम से उत्तर प्रदेश से आलू खरीदने का फैसला किया है, क्योंकि राज्य भर के बाजारों में आलू की कीमतें आसमान छू रही हैं. प्रदेश में महंगाई का आलम यह है कि भुवनेश्वर और कटक के बाजारों में आलू की कीमत तीन महीने पहले के 30 रुपये से बढ़कर 60 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है, जबकि राज्य के अन्य हिस्सों में कीमत 50-60 रुपये प्रति किलोग्राम के आसपास है. खास बात यह है कि सरकार अब महंगाई पर लगाम लगाने के लिए खुद ही प्रदेश में 30 रुपये किलो आलू बेचेगी.

हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिम बंगाल से आपूर्ति कम होने के कारण, भुवनेश्वर थोक बाजार में आलू की कीमत 3,400-3,500 रुपये प्रति क्विंटल है. चूंकि आलू से लदे ट्रक पुलिस चेकपोस्ट से बचने के लिए घुमावदार रास्तों से आ रहे हैं, इसलिए अतिरिक्त परिवहन शुल्क भी लगाया जा रहा है. ओडिशा के खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता कल्याण मंत्री केसी पात्रा ने कहा कि राज्य सरकार नेफेड के माध्यम से आलू खरीदेगी और उपभोक्ताओं को 30 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से आपूर्ति करेगी.

ये भी पढ़ें- 25 करोड़ रुपये भुगतान न होने पर भड़के 8 हजार किसानों का प्रदर्शन, 15 अगस्त को कृषि मंत्री के घेराव की चेतावनी

300 टन आलू खरीदने का दिया ऑर्डर

मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पहले चरण में 300 मीट्रिक टन आलू खरीदने के लिए नैफेड के माध्यम से ऑर्डर दिया है. यह अगले सप्ताह के अंत तक राज्य में उपलब्ध हो जाएगा. पहले चरण में इसे भुवनेश्वर, कटक, राउरकेला, संबलपुर और बरहामपुर में सरकारी खुदरा दुकानों के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा. पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल द्वारा सब्जी का परिवहन रोक दिए जाने और राज्य के व्यापारियों द्वारा उत्तर प्रदेश से इसे खरीदने से इनकार करने के बाद ओडिशा में आलू का गंभीर संकट है, क्योंकि लोगों को यूपी की किस्म पसंद नहीं है. ओडिशा राज्य में आलू की सालाना मांग 13.5 लाख टन है, लेकिन उत्पादन केवल 80,000 टन है. पश्चिम बंगाल राज्य की आलू की लगभग 90 फीसदी आवश्यकता को पूरा करता है.

100 रुपये में 3 किलो आलू

वहीं, कुछ देर पहले खबर सामने आई थी कि आलू की आसमान छूती कीमतों से जूझ रहे उपभोक्ताओं पर बोझ कम करने के लिए ओडिशा सरकार ने शनिवार को 100 रुपये प्रति 3 किलो आलू की बिक्री शुरू की. इससे सरकारी स्टोर्स के बाहर आलू खरीदने के लिए लोगों की भीड़ लग गई. इसी बीच खबर है कि पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश से आलू की आपूर्ति फिर से शुरू हो गई है. फंसे हुए आलू से लदे ट्रक शनिवार को राज्य के कई गोदामों में पहुंचे. हालांकि, खुदरा बाजारों में आलू की कीमत ऊंची ही है.

ये भी पढ़ें-  UP: मृत पशुओं के मांस से बनेगा मछली और मुर्गी का दाना, वाराणसी में 4.8 करोड़ की लागत से बना देश का पहला प्लांट