UP: मृत पशुओं के मांस से बनेगा मछली और मुर्गी का दाना, वाराणसी में 4.8 करोड़ की लागत से बना देश का पहला प्लांट

UP: मृत पशुओं के मांस से बनेगा मछली और मुर्गी का दाना, वाराणसी में 4.8 करोड़ की लागत से बना देश का पहला प्लांट

डॉ. पाल ने आगे बताया कि यहां ईटीपी (एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट) स्थापित किया गया है जिससे मृत पशुओं के शरीर से निकले पानी को शोधित कर बागवानी व धुलाई कार्य में इस्तेमाल किया जाएगा.

Advertisement
UP: मृत पशुओं के मांस से बनेगा मछली और मुर्गी का दाना, वाराणसी में 4.8 करोड़ की लागत से बना देश का पहला प्लांटइस प्लांट के शुरू होने के बाद वाराणसी नगर निगम की आय भी बढ़ेगी. (Photo-Kisan Tak)

Varanasi News: यूपी के वाराणसी जिले में करसड़ा में मृत पशुओं (Dead Animals) के निस्तारण के लिए नगर निगम द्वारा 4.8 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक प्लांट अब बनकर तैयार हो गया है. जल्द ही इस प्लांट को शुरू किया जाएगा. इस प्लांट के शुरू होने के बाद नगर निगम की आय भी बढ़ेगी. इंडिया टुडे के किसान तक से बातचीत में नगर निगम वाराणसी के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. संतोष पाल ने बताया कि कुत्ता, बिल्ली और बड़े जानवरों का निस्तारण इस हाईटेक प्लांट में किया जाएगा. मृत पशुओं के निस्तारण के लिए देश का पहला प्लांट बनकर तैयार हो गया है, वहीं दो बार टेंडर की प्रक्रिया की गई है. जल्द ही इस प्लांट में काम शुरू हो जाएगा. 

बॉयलर में एक साथ 50 मृत जानवरों को डालने की सुविधा

उन्होंने बताया कि इस प्लांट में बॉयलर लगाया गया है जहां से एक बार में बड़े 20 और छोटे 30 जानवरों को डाला जा सकता है. बॉयलर में जानवरों को डालते ही उनका मांस, चमड़ा, हड्डी अलग हो जाएगी.  इस प्लांट में कुत्ते, बिल्ली समेत अन्य जानवरों के मृत शरीर के चमड़े, हड्डी और मांस को अलग करके चमड़ा उद्योग से जुड़े लोगों को बेचा जाएगा. तो वहीं मांस से कुत्ते, बिल्ली, मछली और मुर्गी के लिए दाना तैयार होगा. इसके अलावा हड्डी को भी उससे जुड़ी कंपनियों को बेचा जाएगा. इससे नगर निगम की आमदनी होगी. यह देश का पहला प्लांट होगा जहां पर मृत पशुओं के मांस, चमड़ा, हड्डी को एक साथ अलग कर उसका उपयोग किया जाएगा.
 

पशुपालकों को मिलेगी बड़ी मदद

डॉ. पाल ने आगे बताया कि यहां ईटीपी (एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट) स्थापित किया गया है जिससे मृत पशुओं के शरीर से निकले पानी को शोधित कर बागवानी व धुलाई कार्य में इस्तेमाल किया जाएगा. दरअसल, नगर निगम हर महीने 600 बड़े और 200 छोटे मृत जानवरों को उठाता है और उन्हें गड्ढे खोदकर गाड़ता है. बरसात में यह आकड़ा 800 बड़े और 300 छोटे जानवरों तक पहुंच जाता है. कहा, टेंडर लेने वाली कंपनियों को पहले विभाग द्वारा दो महीने की ट्रेनिंग दी जाएंगी, जिसमें उन्हें मशीन के बारे में और कैसे काम करना है, इसकी जानकारी दी जाएगी. इस प्लांट को शुरू करने के लिए टेंडर की प्रकिया जारी की गई है. टेंडर के बाद इस प्लांट को शुरू किया जाएगा. वहीं इस आधुनिक प्लांट के शुरू हो जाने के बाद से शहर में मृत पशुओं के  निस्तारण में पशुपालकों को बड़ी मदद मिलेगी. 

 

 

 

 


 

POST A COMMENT