Rice Export: संयुक्त अरब अमीरात को 75000 मीट्रिक टन गैर-बासमती सफेद चावल एक्सपोर्ट करेगा भारत

Rice Export: संयुक्त अरब अमीरात को 75000 मीट्रिक टन गैर-बासमती सफेद चावल एक्सपोर्ट करेगा भारत

भारत ने गैर बासमती सफेद चावल के एक्सपोर्ट पर 20 जुलाई से लगाई है रोक, इसके बावजूद यूएई को एक्सपोर्ट की अनुमत‍ि दी गई है. क्योंक‍ि वहां की सरकार ने अनुरोध क‍िया है. स्पेशल मामले में भूटान, मॉरीशस और सिंगापुर को भी चावल न‍िर्यात क‍िया जाएगा.

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Rice Export: संयुक्त अरब अमीरात को 75000 मीट्रिक टन गैर-बासमती सफेद चावल एक्सपोर्ट करेगा भारत स्पेशल केस में यूएई को एक्सपोर्ट क‍िया जाएगा चावल (Photo-Kisan Tak).

भारत ने एक अहम फैसला लेते हुए संयुक्त अरब अमीरात (UAE) को 75,000 मीट्रिक टन गैर-बासमती सफेद चावल के एक्सपोर्ट की अनुमति दी है. जबक‍ि, घरेलू बाजार में दाम कम करने के मकसद से अभी इसका एक्सपोर्ट बैन है. यानी व‍िशेष केस में इतना चावल वहां भेजा जाएगा. विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा है क‍ि राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड के माध्यम से इतना चावल न‍िर्यात क‍िया जाएगा. बता दें क‍ि केंद्रीय कैबिनेट ने सहकार‍िता क्षेत्र को आगे बढ़ाने के ल‍िए इसी साल 11 जनवरी को राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड बनाने की मंजूरी दी थी. यह केंद्रीय सहकार‍िता मंत्रालय के अधीन है. ज‍िसे मल्टी स्टेट कोऑपरेट‍िव सोसायटीज एक्ट-2002 के तहत बनाया गया है.  

भारत ने वित्त वर्ष 2023 में 2.2 बिलियन डॉलर के गैर-बासमती सफेद चावल का निर्यात किया, जिसमें यूएई, केन्या, मेडागास्कर और बेनिन सबसे बड़े आयातक रहे हैं. जुलाई में, भारत ने गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर रोक लगा दी, लेकिन कहा कि अन्य देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार द्वारा दी गई अनुमति और उनकी सरकारों के अनुरोध के आधार पर निर्यात की अनुमति दी जाएगी. इसी के तहत संयुक्त अरब अमीरात के व‍िशेष अनुरोध पर यह एक्सपोर्ट होगा. 

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इन देशों को भी चावल एक्सपोर्ट होगा 

पिछले महीने ही देश ने भूटान, मॉरीशस और सिंगापुर को भी गैर-बासमती सफेद चावल का निर्यात कोटा आवंटित करने का निर्णय लिया था. विदेश व्यापार महानिदेशालय ने एक बयान में कहा कि भूटान को 79,000 मीट्रिक टन, सिंगापुर को 50,000 टन और मॉरीशस को 14,000 टन गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात की अनुमति दी जाएगी. इन देशों ने भी भारत से चावल एक्सपोर्ट की गुहार लगाई थी. ऐसे में सरकार व‍िशेष केस में इन्हें चावल देगी. 

हर तरह के चावल पर क‍िसी न क‍िसी तरह की शर्त 

घरलू मोर्चे पर चावल की महंगाई को काबू में रखने के ल‍िए सरकार ने हर कैटेगरी के चावल एक्सपोर्ट पर क‍िसी न क‍िसी तर‍ह की शर्त लगाई हुई है. क‍िसी का एक्सपोर्ट बैन है तो क‍िसी में न्यूनतम एक्सपोर्ट प्राइस का भारी भरकम बैर‍ियर लगा द‍िया गया है. भारत से गैर बासमती सफेद चावल का एक्सपोर्ट 20 जुलाई से बैन है. गैर बासमती चावल एक्सपोर्ट में इसकी ह‍िस्सेदारी करीब 36 फीसदी है.

टूटे चावल का एक्सपोर्ट 8 स‍ितंबर 2022 से प्रत‍िबंध‍ित है. बासमती को छोड़ दें तो अब स‍िर्फ सेला चावल ही एक्सपोर्ट हो सकता है. ज‍िसकी गैर बासमती चावल एक्सपोर्ट में ह‍िस्सेदारी लगभग 44 परसेंट है. सरकार ने अब सेला चावल यानी Parboiled Rice के निर्यात पर भी 20 फीसदी ड्यूटी लगा दी है. जबक‍ि 25 अगस्त से बासमती न‍िर्यात पर 1200 डॉलर प्रत‍ि टन म‍िन‍िमम एक्सपोर्ट प्राइस (MEP) की शर्त लगा दी गई है. ज‍िससे उसका न‍िर्यात प्रभाव‍ित हो गया है. 

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क‍िससे चावल खरीदेगी सहकारी कंपनी  

फ‍िलहाल, मुद्दे की बात यह है क‍ि संयुक्त अरब अमीरात को सहकारी कंपनी 'राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड' चावल एक्सपोर्ट करेगी. ऐसे में सवाल ये है क‍ि क्या यह एक्सपोर्ट के ल‍िए सहकारी सम‍ितियों से चावल खरीदेगी या फ‍िर ओपन मार्केट से? क्या इस संस्था के पास वो क‍िसान या पैक्स जुडे हुए हैं जो चावल बेचने चाले हैं. यह सब सवाल इसल‍िए है क्योंक‍ि इसका मकसद ब‍िचौल‍ियों को हटाकर पैक्स और ग्रामीणों को फायदा द‍िलाना है. क्योंक‍ि इसे बनाने वक्त दावा क‍िया गया था क‍ि सहकारी सम‍ित‍ियों के सदस्य अपनी वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात के माध्यम से बेहतर मूल्य प्राप्त करेंगे. 

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