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खुशखबरी: यूपी के क‍िसान अब शुगर म‍िल्स को पेराई के ल‍िए पहले से अध‍िक गन्ना दे सकेंगे

खुशखबरी: यूपी के क‍िसान अब शुगर म‍िल्स को पेराई के ल‍िए पहले से अध‍िक गन्ना दे सकेंगे

उत्तर प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी ने पेराई सत्र 2023-24 के लिए गन्ने के लिए नई सट्टा एवं आपूर्ति नीति को जारी कर दिया गया है. अब गन्ना आपूर्ति नीति के आधार पर ही प्रदेश के गन्ना कृषकों को गन्ने की पचियों के निर्गमन सहित आपूर्ति हेतु विस्तृत निर्देश चीनी मिलों को दिए हैं.

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यूपी में पेराई सत्र 2023-24 के लिए नई गन्ना सट्टा एवं आपूर्ति नीति हुई जारी यूपी में पेराई सत्र 2023-24 के लिए नई गन्ना सट्टा एवं आपूर्ति नीति हुई जारी

उत्तर प्रदेश के गन्ना क‍िसानों के ल‍िए खुशखबरी है. यूपी सरकार ने पेराई सत्र 2023-24 के मदृेनजर गन्ने के लिए नई सट्टा (कोटा) एवं आपूर्ति नीति जारी की है. यूपी के गन्ना एवं चीनी आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी ने बीते रोज नई नीति‍ जारी की है. इस नई नीत‍ि में गन्ना कि‍सानों को बड़ी राहत दी गई है, ज‍िसके तहत अब यूपी के क‍िसान पेराई के लि‍ए शुगर म‍िलों को पहले की तुलना में अध‍िक गन्ने की आर्पू‍ित कर सकेंगे. वहीं नई नीत‍ि में प्रदेश के गन्ना कृषकों को गन्ने की पर्च‍ियों के निर्गमन सहित आपूर्ति हेतु विस्तृत निर्देश चीनी मिलों को दिए हैं.

सट्टा एवं आपूर्ति नीति के संबंध में प्रदेश के गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी ने बताया कि प्रदेश की चीनी मिलों की पेराई क्षमता, गन्ना उत्पादन तथा चीनी मिलों को गन्ने की उपलब्धता में संतुलन बनाए जाने की आवश्यकता है, जिससे चीनी मिलों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप पेराई हेतु गन्ना उपलब्ध हो सके.

जानें अब क‍ितना गन्ना म‍िलो को दे सकेंगे कि‍सान 

नए पेराई सत्र 2023-24 में आपूर्ति नीति में प्रति कृषक गन्ना सट्टे की सीमा सीमान्त कृषक (1 हेक्टेयर तक) के लिए अधिकतम 850 क्व‍िंटल से बढ़ाकर 900 क्विंटल किया गया है. वहीं लघु कृषक (2 हेक्टेयर तक) के लिए 1,700 क्व‍िंटल से बढ़ाकर 1800 क्विंटल तथा सामान्य कृषक (5 हेक्टेयर तक) के लिए 4,250 क्व‍िंटल से बढ़ाकर 4500 क्विंटल किया गया है. उपज बढ़ोत्तरी की दशा में सट्टे की अधिकतम सीमा सीमान्त, लघु एवं सामान्य कृषक हेतु कमशः 1350 क्व‍िंटल से बढ़ाकर 1400 क्व‍िंटल, 2,700 क्व‍िंटल से बढ़ाकर 2800 क्व‍िंटल तथा 6,750 क्व‍िंटल से बढ़ाकर 7000 क्व‍िंटल न‍िर्धारित की गई है. 

छोटे किसानों का रखा गया विशेष ध्यान

गन्ना किसानों की बहुप्रतीक्षित मांग पर गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी ने छोटे किसानों को बड़ी राहत दी है. ज‍िसके तहत अब 60 क्व‍िंटल की जगह 72 क्व‍िंटल तक के सट्टा धारक गन्ना किसानों को छोटे कृषक की श्रेणी में शामिल कर दिया है. इससे इन सट्टा धारकों को 45 दिन के अन्दर गन्ना आपूर्ति की सुविधा मिल सकेगी. गन्ना आयुक्त ने बताया इस वर्ष की सट्टा आपूर्ति में भूमि क्रय-विक्रय के प्रकरणों में बेसिक कोटा हस्तान्तरण, ड्रिप विधि से सिंचाई करने वाले कृषकों को सट्टे में प्राथमिकता, सैनिकों अर्द्धसैनिक बलों, भूतपूर्व सैनिकों एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों तथा उनके विधिक उत्तराधिकारियों को गन्ना आपूर्ति में प्राथमिकता, उत्तम गन्ना कृषकों को उपज बढ़ोत्तरी हेतु निःशुल्क प्रार्थना-पत्र देने की सुविधा एवं सट्टाधारक सदस्य कृषक की मृत्यु पेराई सत्र के दौरान होने पर सट्टा चालू रखे जाने सम्बन्धी अन्य प्राविधान भी प्रमुख हैं.

गन्ना विकास विभाग द्वारा आपूर्तिकर्ता कृषकों की अधिकतम गन्ना आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए गत दो वर्ष तीन वर्ष एवं पाच वर्ष की औसत गन्ना आपूर्ति में से अधिकतम औसत गन्ना आपूर्ति को पेराई सत्र 2023-24 के लिए बेसिक कोटा माने जाने के निर्देश दिये गये हैं

गन्ने की खेती में ड्रिप इरिगेशन को मिली प्राथमिकता

गन्ना एवं चीनी आयुक्त  संजय भूसरेड्डी ने बताया कि ड्रिप इरीगेशन पद्धति अपनाने वाले कृषकों को उन्हें अतिरिक्त सट्टे में प्राथमिकता दी जाएगी. अतिरिक्त सट्टे में अस्वीकृत गन्ना प्रजातियों को सम्मिलित नहीं किया जाएगा. अतिरिक्त सट्टे हेतु किसी गन्ना कृषक से प्रशासनिक शुल्क के रूप में धनराशि की कटौती नहीं की जाएगी. ट्रेंच विधि से बुआई, सहफसली खेती एवं ड्रिप के प्रयोग एक ही खेत पर शुरू करने वाले चयनित "उत्तम गन्ना कृषकों से उपज बढोत्तरी के प्रार्थना पत्र निःशुल्क प्राप्त किये जाएगे. 

गन्ना किसान की शिकायतें भी होंगी ऑनलाइन दर्ज

 समिति स्तरीय सट्टा प्रदर्शन के दौरान प्राप्त आपत्तियों के निस्तारण के उपरान्त अन्तिम कैलेण्डर स्मार्ट गन्ना किसान (ईआरपी) की वेब साइट caneup.in एवं मोबाईल ऐप E-Ganna पर ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाएगा. किसानों हेतु पोर्टल एवं मोबाइल ऐप पर अन्तिम कैलेण्डर का प्रदर्शन चीनी मिल चलने के एक सप्ताह पूर्व कर दिया जाएगा. कम्प्यूटरीकृत व्यवस्था के अन्तर्गत कृषकों के लिए सुलभ स्थान पर एक अतिरिक्त टर्मिनल लगा कर पूछ-ताछ केन्द्र स्थापित किया जाएगा.

गन्ना आपूर्ति के दौरान किसान की मृत्यु के बाद भी सट्टा रहेगा चालू

 गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी ने बताया कि गन्ना कृषकों की मांग के चलते सट्टा नीति में  निर्णय लिया गया है कि यदि किसी सट्टाधारक सदस्य कृषक की मृत्यु पेराई सत्र के दौरान हो जाती है तो कृषक की आपूर्ति योग्य गन्ने की सामयिक खपत के दृष्टिगत उसका सट्टा चालू रखा जाएगा. सैनिकों अद्धसैनिक बलों, भूतपूर्व सैनिकों एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं उनके विधिक उत्तराधिकारियों को सक्षम अधिकारियों द्वारा जारी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर गन्ना आपूर्ति में 20 प्रतिशत की प्राथमिकता दी जाएगी.

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गन्ना माफिया पर अंकुश

 गन्ना आयुक्त ने बताया कि इस वर्ष की आपूर्ति नीति में पेराई सत्र के मध्य यदि किसी गन्ना आपूर्ति कृषक का डबल बान्ड (दोहरा सट्टा) प्रकाश में आता है, तो ऐसे प्रकरण को केन इम्प्लीमेन्टेशन कमेटी की बैठक में रखकर सम्बन्धित कृषक की गन्ना आपूर्ति , गन्ना मूल्य भुगतान पर रोक लगाये जाने की कार्यवाही की जाएगी. इस व्यवस्था के द्वारा गन्ना माफियाओं द्वारा बिचौलियों के माध्यम से फर्जी गन्ना कृषक बनाकर जो बड़े पैमाने पर अनुचित पर्चियां प्राप्त करके अनियमित आपूर्ति की जाती थी, वह अब संभव नहीं हो सकेगी. उन्होंने कहा कि कृषकों को शिकायत निवारण प्रणाली के अन्तर्गत उत्कृष्ट सुविधा प्रदान करने की दृष्टि से मुख्यालय स्तर पर एक कन्ट्रोल रूम की व्यवस्था की गयी है. कोई भी किसान टोल फ्री नम्बर 1800-121-3203 पर  सीधे अपनी शिकायतें दर्ज कराकर समाधान प्राप्त कर सकते हैं. 

30 सितंबर 2023 तक बनेंगे नए सदस्य

गन्ना आपूर्ति से संबंधित विभिन्न कार्यों की समय सारणी के बारे में जानकारी देते हुए गन्ना आयुक्त ने संजय भूसरेड्डी ने बताया कि गन्ना समितियों के जो नए सदस्य 30 सितम्बर 2023 तक बनाए जाएंग, उन्हें आगामी सत्र में ही गन्ना आपूर्ति की सुविधा अनुमन्य होगी. कृषकवार ग्रामवार सर्वे सट्टा सूचियों का प्रदर्शन 20 जुलाई से 30 अगस्त 2023 तक किया जायेगा. प्री-कैलेंडर का ऑनलाईन वितरण 1 सितम्बर 2023 से 10 सितम्बर 2023 तक किया जायेगा तथा समिति स्तरीय सट्टा प्रदर्शन 11 सितम्बर, 2023 से 30 सितम्बर 2023 तक किया जाएगा.

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