देश के कई राज्यों में चल रही गेहूं खरीद के बीच महाराष्ट्र में गेहूं के दाम (Wheat Price) ने रिकॉर्ड बना दिया है. यहां सांगली में 13 मई को गेहूं का न्यूनतम दाम 2700 और अधिकतम 3700 रुपये तक पहुंच गया. यहां औसत दाम 3200 रुपये प्रति क्विंटल रहा. महाराष्ट्र एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार राज्य की सिर्फ सांगली ही नहीं बल्कि दूसरी मंडियों में भी गेहूं का भाव अन्य राज्यों के मुकाबले काफी ऊंचा है. महाराष्ट्र में किसान गेहूं की खेती पर कम जोर देते हैं. पूरे देश के गेहूं उत्पादन में इसका हिस्सा मुश्किल से सिर्फ 2 फीसदी है. इसलिए यहां पर दूसरे राज्यों के मुकाबले भाव हमेशा ऊंचा रहता है. लेकिन मई में आमतौर इतना दाम नहीं जाता, जितना कि सांगली में पहुंचा है.
यहां ज्यादातर मंडियों में गेहूं का न्यूनतम दाम भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से ज्यादा है. रबी मार्केटिंग सीजन 2023-24 के लिए देश में गेहूं की एमएसपी 2125 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है. महाराष्ट्र में किसान सोयाबीन, कपास और बागवानी फसलों पर ज्यादा ध्यान देते हैं. यहां गेहूं और धान की खेती बहुत कम होती है. लेकिन 2022 में पूरे देश में गेहूं का भाव एमएसपी से अधिक रहा. महाराष्ट्र में इसका भाव 4000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया था. क्योंकि यहां के किसान इसकी खेती पर पहले जोर नहीं देते थे. दाम ज्यादा होने की वजह से महाराष्ट्र के किसानों ने भी रबी फसल वर्ष 2022-23 में गेहूं की रिकॉर्डतोड़ बुवाई की. इसके बावजूद वहां दाम इस सीजन के रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है.
आमतौर पर महाराष्ट्र में गेहूं की बुवाई 10 लाख हेक्टेयर में होती है. लेकिन, फसल वर्ष 2022-23 में 11.31 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई है. यहां फसल वर्ष 2018-19 में तो सिर्फ 5.66 लाख हेक्टेयर में गेहूं बोया गया था. यानी अब गेहूं की रिकॉर्ड बुवाई के बावजूद यहां मई में ही इसके दाम आसमान पर पहुंच गए हैं. ओपन मार्केट में दाम ज्यादा होने की वजह से यहां के किसानों ने इस सीजन में अब तक गेहूं को एमएसपी पर नहीं बेचा है. जब मार्केट में दाम 3700 रुपये तक पहुंच जाए तो कौन किसान भला 2125 रुपये के भाव पर गेहूं सरकार को बेचेगा?
ये भी पढ़ें- Water Crisis: आंखों में पानी आ जाएगा मगर कुएं में नहीं, इस गांव की कहानी सुन रो पड़ेंगे आप
महाराष्ट्र में गेहूं अन्य राज्यों के मुकाबले महंगा होने की एक वजह यह भी है कि यहां पर इसकी उत्पादन लागत ज्यादा आती है. महाराष्ट्र स्टेट एग्रीकल्चर प्राइस कमीशन के पूर्व चेयरमैन पाशा पटेल का कहना है कि महाराष्ट्र के किसानों को गेहूं की खेती करने में पंजाब के मुकाबले दोगुना से अधिक लागत आती है. कृषि मंत्रालय के अनुसार पंजाब में किसानों को गेहूं उत्पादन की लागत प्रति क्विंटल 786 रुपये आती है, जबकि महाराष्ट्र में यह बढ़कर 2115 रुपये पहुंच गई है. यह पूरे देश में सबसे अधिक है. इसलिए यहां गेहूं का दाम हमेशा दूसरे राज्यों से अधिक रहता है.
(ये आंकड़े महाराष्ट्र एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड से लिए गए हैं)
Copyright©2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today