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पंजाब में अभी तक 20 प्रतिशत ही हुआ है गेहूं का उठान, मंडियों में नई उपज को रखने के लिए नहीं है जगह

पंजाब में अभी तक 20 प्रतिशत ही हुआ है गेहूं का उठान, मंडियों में नई उपज को रखने के लिए नहीं है जगह

विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि श्रमिक ठेकेदारों की समस्या का समाधान हो गया है. पिछले साल की आवक की तुलना में इस साल उठान काफी तेज है. लेकिन चीजों को आसान बनाने के लिए, हमने दैनिक उठान के लक्ष्य को दोगुना कर दिया है. तरनतारन, गुरदासपुर, होशियारपुर और मुक्तसर की मंडियों में अनाज उठान का प्रतिशत 10 फीसदी से भी कम है.

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पंजाब में गेहूं का उठान बहुत धीमी गति से हो रहा है. (सांकेतिक फोटो) पंजाब में गेहूं का उठान बहुत धीमी गति से हो रहा है. (सांकेतिक फोटो)

हरियाणा की तरह पंजाब में भी मंडियों में गेहूं की नई आवक को रखने के लिए जगह नहीं है. कहा जा रहा है कि खरीदे गए गेहूं का अभी तक 20 प्रतिशत ही उठान हो पाया है. ऐसे में किसानों को अपनी नई उपज को बेचने के लिए मंडी के बाहर इंतजार करना पड़ रहा है. किसान कई दिनों से मंडियों के बाहर ट्रैक्टर-ट्रोली लेकर खड़े हैं. वहीं, एक्सपर्ट का कहना है कि इस सप्ताह के अंत से प्रदेश की मंडियों में रोजाना 10 लाख टन से अधिक गेहूं आने की उम्मीद है. इससे मंडियों में स्थिति और खराब हो सकती है.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, मंडियों में आए 34.14 लाख मीट्रिक टन  गेहूं के मुकाबले केवल 20 प्रतिशत यानी 6 लाख मीट्रिक टन ही उठाया जा सका है. खास बात यह है कि इनमें से सरकारी एजेंसियों द्वारा 27.76 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है और निजी व्यापारियों ने 1.96 लाख मीट्रिक टन अनाज खरीदा है. अभी मंडियों में 4.42 लाख मीट्रिक टन गेहूं बिना बिके पड़ा हुआ है. यदि बारिश होती है, तो मंडी में बिना बिके हुए अनाजों को नुकसान होगा. इससे किसानों को आर्थिक नुकसान होगा.

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12,875 मीट्रिक टन गेहूं का हुआ उठान

मार्केट कमेटी खन्ना के एक अधिकारी ने कहा कि 32,576 मीट्रिक टन गेहूं में से केवल 12,875 मीट्रिक टन ही उठाया गया है. उन्होंने कहा कि उठाव धीमा है और इसका असर दो दिनों में दिखेगा जब मंडियों में अनाज रखने की जगह नहीं होगी. खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उठान धीमी होने का कारण दो दिन पहले हुई बारिश के कारण अनाज में नमी की मात्रा अधिक होना है. एक बार अनाज सूख जाए, तो इन्हें उठा लिया जाएगा. 

रोपड़ में 53 फीसदी गेहूं का उठान

वहीं, विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि श्रमिक ठेकेदारों की समस्या का समाधान हो गया है. पिछले साल की आवक की तुलना में इस साल उठान काफी तेज है. लेकिन चीजों को आसान बनाने के लिए, हमने दैनिक उठान के लक्ष्य को दोगुना कर दिया है. तरनतारन, गुरदासपुर, होशियारपुर और मुक्तसर की मंडियों में अनाज उठान का प्रतिशत 10 फीसदी से भी कम है. द ट्रिब्यून के पास उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि अनाज का उठाव सबसे धीमी गति से तरनतारन में हुआ है, जहां केवल 2 प्रतिशत अनाज उठाया गया है. लिफ्टिंग का प्रतिशत सबसे अधिक रोपड़ में 53 प्रतिशत और मोहाली में 34 प्रतिशत रहा है. अन्य जिलों में 30 फीसदी से कम उठाव हुआ है.

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24 घंटे में हो रहा भुगतान

पंजाब में मंडियों से गेहूं का उठान धीमा है, लेकिन आढ़तियों का कहना है कि इस बार अनाज की गुणवत्ता अच्छी है. खन्ना के एक कमीशन एजेंट हरबंस सिंह रोशा ने कहा कि आने वाला अनाज सभी गुणवत्ता मानकों को पूरा करता है और उसका रंग फीका नहीं पड़ता है. उन्होंने कहा कि इस बार भुगतान प्रक्रिया सुचारू है और किसानों को अनाज खरीदने के 24 घंटे के भीतर भुगतान मिल रहा है.