Fruits Orchard : थाई एप्पल से हाई हो रहा किसानों का मुनाफा, जानें लागत और तकनीक से जुड़ी पूरी डिटेल

Fruits Orchard : थाई एप्पल से हाई हो रहा किसानों का मुनाफा, जानें लागत और तकनीक से जुड़ी पूरी डिटेल

अगर राह चलते आपको छोटा सेब या अमरूद जैसा कोई फल दिखे, तो उसे सेब या अमरूद ना समझिए, वह बेर हो सकता है.ये विशेष बेर है,'एप्प्ल बेर'. सेब की तरह दिखने वाले ये चमकदार, और सामान्य से बड़े बेर' बाज़ार में ग्राहकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं .आज बाग बगीचा सीरीज में जानेगे लो थाई एप्पल की रोपण की पूरी तकनीक और लागत-मुनाफा

Advertisement
Fruits Orchard : थाई एप्पल से हाई हो रहा किसानों का मुनाफा, जानें लागत और तकनीक से जुड़ी पूरी डिटेलथाई एप्पल की खेती से जुड़ी पूरी डिटेल

बाग- बगीचा -अगर राह चलते आपको छोटा सेब या अमरूद जैसा कोई फल दिखे, तो उसे सेब या अमरूद ना समझिए, वह बेर हो सकता है.ये विशेष बेर है,'एप्प्ल बेर'. सेब की तरह दिखने वाले ये चमकदार और सामान्य से बड़े ''बेर' बाज़ार में ग्राहकों के लिए, आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं. यही वजह है कि देश में विदेशी फलों को भी आजमाया गया, इनमें थाईलेंड का एप्पल बेर भी एक है. 30 ग्राम से लेकर 120 ग्राम तक के वज़न वाले ये एप्पल बेर है.अपने यहां के सामान्य बेर को लोग कम ही पूछते थे, इसकी क़ीमत भी वैसी नहीं थी, कि किसान अच्छी कमाई कर सकें.लेकिन जब से एप्पल बेर आया है, इसने वो कमी पूरी कर दी है देश में इसकी बागवानी ज्यादा पुरानी नहीं, बल्कि लगभग 15 साल पुरानी ही है.लेकिन ख़ास कर कम सिंचाई वाले इलाक़े में कम समय में ज्यादा उपज देने वाला फल है एप्पल बेर है. आज बाग- बगीचा में जानेगे लो थाई एप्पल की रोपण की पूरी तकनीक और लागत-मुनाफा

सेब की तरह दिखने वाला बेर

महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केन्द्र,गोरखपुर के बागवानी विशेषज्ञ डॉ.अजीत श्रीवास्तव  किसान तक से कहा कि एप्पल बेर की मांग तेजी से बढ़ी है, इसकी बागवानी  कम सिंचाई वाले इलाक़ों में भी संभव है जहां दूसरी फ़सलें  बागवानी करने  में दिक्कत है वहां आपको इसकी उपज इतनी मिल जाएगी .देश में बागवानी की ओर लोग तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं, बागवानी के प्रति लोगों के रूझान को देखते हुए ही, कृषि वैज्ञानिक किसानों को हाई वेल्यू फलों की खेती की सलाह दे रहे हैं जिससे एप्पल बेर की बागवानी कर रहे किसानों को अच्छा मुनाफा हो रहा है. इसे देखते हुए आंध्र प्रदेश से लेकर उत्तर प्रदेश तक और बंगाल से लेकर महाराष्ट्र तक के बहुत से प्रगतिशील किसान इसकी बागवानी कर लोगों की सेहत के साथ अपनी आर्थिक सेहत बुलंद कर रहे हैं थाई एप्पल बेर एप्पल बेर के नाम भी कहा जाता है.इस किस्म का पौधा रोपण के 6 महीने बाद से ही फल देने लगता है .पांच साल से के बाद एक पेड़ सालाना 100 किलो तक उत्पादन देता है. 

ये भी पढ़ें- Goat Farming: बकरियों के बच्चों की मृत्यु दर कम करने के लिए अभी से प्लान करें ये टिप्स, जानें डिटेल

कैसे लगाएं एप्पल बेर और कितनी डालें खाद ?

बेर पौधो रोपण डॉ अजीत के अनुसार बेर के  पेड़ जुलाई – अगस्त या फरवरी से मार्च में  लगाए  जा सकते है .इसके लिए बेर के पौधे के लिए 5 मीटर ,लाइन से लाइन और पौधों से पौधों की दूरी तक एप्पलबेर की  बेर की पौधो की रोपाई के लिए गड्ढे  2 बाई 2 फीट लंबाई चौडाई के और 2 फीट गहरे खोदे जाते है ,इनमें प्रति गड्ढे 20 किलो गोबर की खाद और अगर ऊसर भूमि है .तो 1 किलो जिप्सम मिलाकर गड्ढों को भर दिया. इसके बाद इन्होंने पौधों का रोपण किया था हल्की सिंचाई 15-20 दिन पर करते रहे. बेर के लिए मिट्टी की जांच के आधार पर आप देसी खाद पर 200 ग्राम यूरिया 100 डीएपी , 50-60 म्यूरेट ऑफ पोटाश  का उर्वरकों भी कर इस्तेमाल कर सकते हैं .एप्पल बेर में 6 महीने में फलत आने लगती है ,इस फल की एक और खूबी ये है कि एक बार पौधा लगाने के बाद इससे करीब 15 -20 साल तक लगातार आप फलत ले सकते हैं.इसके अलावा कम रखरखाव और कम लागत में अधिक पैदावार के कारण, किसान इसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं

एप्पल बेर में क्या आती है लागत 

ग्राम बबियाव,जिला वाराणासी  के प्रगतिशील किसान सौरभ रघुवंशी एप्पल बेर की बागवानी करते है उन्होंने बताया कि पहले साल से ही फल मिलने लगता है,पहले से साल 20-25 किलो मिलने लगता है .इसके सफल किसान सौऱभ बताते हैं, कि एप्पल बेर का एक पौधा लगभग 70 रुपए का आता है,हर साल एक पेड़ पर लगभद  र्चे लगभग 40-50 रुपए खर्चा आता हैं. 

ये भी पढ़ें-Paddy Crop Disease: धान की खेती में लगते हैं ये रोग, नहीं देंगे ध्यान तो होंगे परेशान 

एप्पल बेर से पहले साल मिलने लगते हैं फल

सौरभ केअनुसार एप्पल बेर की बागवानी में पहले साल से 20 से 25 किलो फल उत्पादन  मिलने लगते हैं,.जो दूसरे साल के बाद से लगभग 50 किलो प्रति पेड़ हो जाता है लेकिन जैसे-जैसे पौधों की बढ़वारे होती फलों की मात्रा में भी वृद्धि देखनो को मिलती है जैसे अभी  आठ साल के पौधों से सौरभ को 100 किलो तक फल मिल रहे हैं.जो बाजार में 40 से 40 रुपए प्रति किलो के हिसाब से आसानी से बिक जाता है. 


 

POST A COMMENT