मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने लहसुन के ऊपर अपना एक अहम फैसला सुनाया है. उसने अपने पुराने आदेश को बरकरार रखते हुए कहा है कि लहसुन जल्दी खराब होने वाली है फसल है. इसलिए यह सब्जी है. हालांकि, कोर्ट ने फैसले में ये भी कहा कि इसे सब्जी और मसाला दोनों बाजारों में बेचा जा सकता है. वहीं, कोर्ट के इस फैसले से किसानों और व्यापारियों के बीच खुशी की लहर है. कहा जा रहा है कि न्यायालय के इस निर्णय से लहसुन के व्यापार पर लगे प्रतिबंधों से मुक्ति मिलेगी. साथ ही किसानों और विक्रेताओं दोनों को लाभ होगा.
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, आलू प्याज लहसुन कमीशन एजेंट एसोसिएशन ने सबसे पहले 2016 में प्रमुख सचिव के आदेश के खिलाफ इंदौर पीठ का रुख किया था. एकल न्यायाधीश ने फरवरी 2017 में उनके पक्ष में फैसला सुनाया. तब फैसले में कोर्ट ने कहा था कि लहसुन जल्दी खराब होने वाली फसल है. इसलिए यह सब्जी है. लेकिन इस फैसले से व्यापारियों में खलबली मच गई, जिन्होंने तर्क दिया कि इस फैसले से किसानों को नहीं बल्कि कमीशन एजेंटों को फायदा होगा. जुलाई 2017 में याचिकाकर्ता मुकेश सोमानी ने एक समीक्षा याचिका दायर की, जो उच्च न्यायालय की दो न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष गिर गई, जिसने जनवरी 2024 में इसे मसाला शेल्फ में वापस धकेल दिया. यह फैसला सुनाते हुए कि उच्च न्यायालय के पहले के फैसले से केवल व्यापारियों को फायदा होगा, किसानों को नहीं.
ये भी पढ़ें- बरसात में इस तरह करें दुधारू पशुओं की देखभाल, नहीं होगी थनेला और गलाघोंटू बीमारी
लहसुन व्यापारियों और कमीशन एजेंटों ने इस साल मार्च में उस आदेश की समीक्षा की मांग की, यह मामला आखिरकार जस्टिस धर्माधिकारी और वेंकटरमन के समक्ष आया. पीठ ने 23 जुलाई को अपने आदेश में, जिसे सोमवार को सार्वजनिक किया गया, फरवरी 2017 के आदेश को बहाल कर दिया, जिससे मार्केट बोर्ड के प्रबंध निदेशक को बाजार नियमों में बदलाव करने की अनुमति मिल गई, जैसा कि मूल रूप से 2015 में किया गया था. आदेश में कहा गया है कि वास्तव में बाजार कृषकों और विक्रेताओं के हित में स्थापित किया गया है, ताकि उन्हें अपनी उपज के लिए बेहतर मूल्य मिल सके. इसलिए, जो भी उप-नियम बनाए जाते हैं या संशोधित किए जाते हैं, उन्हें किसानों के हित में माना जाएगा.
आदेश में कहा गया है कि वर्तमान मामले में, कृषि उपज मंडी की रिपोर्ट से यह स्थापित होता है कि किसानों ने कहा था कि लहसुन को (सब्जी) के रूप में एजेंटों के माध्यम से बेचने की अनुमति दी जानी चाहिए और राज्य सरकार ने इसे मसाले के रूप में बेचने की सिफारिश की है. मध्य प्रदेश मंडी बोर्ड के संयुक्त निदेशक चंद्रशेखर ने कहा कि आदेश से सब्जी मंडियों में कमीशन एजेंटों को लहसुन की बोली लगाने की अनुमति मिल जाएगी. मंदसौर के लहसुन किसान परमानंद पाटीदार ने कहा कि अब हमारे पास अपनी उपज बेचने के लिए दो विकल्प हैं, इसलिए हमें इस व्यवस्था से कोई समस्या नहीं है. लहसुन पहले से ही सर्वकालिक उच्च मूल्य पर बेचा जा रहा है.
ये भी पढ़ें- गाय-भैंस नहीं हो रही गाभिन तो खिलाएं ये लड्डू, महीने भर में होगा गर्भधारण, दूध भी बढ़ेगा
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today