तेलंगाना के आदिलाबाद जिले में भारी बारिश के बाद आई बाढ़ से फसलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है. खेतों में जलभाराव के कारण सबसे अधिक खरीफ फसलों की बर्बादी हुई है. हालांकि, किसानों की शिकायत के बाद सरकारी की तरफ से फसल नुकसान का आकलन करने के लिए सर्वे का काम शुरू कर दिया गया है. सरकारी अधिकारियों का कहना है कि सर्वे रिपोर्ट आने के बाद ही मुआवजे पर फैसला लिया जा सकता है. जबकि किसानों ने सरकार से 40,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजे की मांग की है.
डेक्कन क्रॉनिकल की रिपोर्ट के मुताबिक, आदिलाबाद जिले में पेंगंगा नदी और कोमाराम भीम में फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. इसके अलावा आसिफाबाद जिले के पेड्डावगु में फसल बर्बादी की खबर है. आदिलाबाद ग्रामीण मंडल के अडागुट्टा के किसान के. सोने राव ने कहा कि उनकी कपास की फसल पूरी तरह से तैयार हो गई थी. लेकिन भारी बारिश के चलते कपास के पौधे बाढ़ के पानी में डूब गए. इससे फसलों को नुकसान पहुंचा है. उनका कहना है कि अगर बाढ़ नहीं आती, तो अगले महीने इसकी कटाई करते. खास बात यह है कि जिले की 41 ग्राम पंचायतों में 2,000 एकड़ फसल के नुकसान का अनुमान है.
ये भी पढ़ें- बाढ़ पीड़ितों को खाद-बीज उपलब्ध कराएगी केंद्र सरकार, 3,448 करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा
अधूरे कोराटा-चनाका बैराज और कोमाराम भीम परियोजनाओं में भंडारण क्षमता नहीं है. ऐसे में बाढ़ को नियंत्रित करने में विफल रही हैं. यही कारण है कि इन परियोजनाओं में बिना भंडारण के बाढ़ के पानी को नीचे की ओर बहा दिया गया. कृषि विभाग ने जैनद, बेला, तामसी और तलमादुगु, गडीगुडा, आदिलाबाद ग्रामीण और उटनूर मंडलों में क्षेत्र-स्तरीय सर्वेक्षण किया है, जहां बाढ़ के पानी ने कपास, सोया, लाल चना और मक्का जैसी खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचाया है. आदिलाबाद के किसान नेता बंदी दत्तात्री ने कहा कि जिले में बाढ़ और बारिश के कारण प्रमुख फसल कपास सहित 3,000 एकड़ से अधिक रकबे में खड़ी फसलें बर्बाद हो गईं.
वहीं, कल खबर सामने आई थी कि आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में भारी बारिश और बाढ़ के चलते फसलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है. कहा जा रहा है कि जिले में बाढ़ से लगभग 40,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फसलों की भारी बर्बादी हुई है. खास कर धान, मिर्च और अन्य बागवानी फसलों को नुकसान कुछ ज्यादा ही हुआ है. इससे 6000 से अधिक किसान प्रभावित हुए हैं. अब उनके सामने आजीविक चलाने के लिए संकट खड़ा हो गया है. ऐसे में किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है. जिले में सबसे अधिक धान को नुकसान हुआ है, जिसका रकबा 28,628 हेक्टेयर है.
ये भी पढ़ें- अपने मोबाइल पर चाहिए खेती की हर एक छोटी बड़ी जानकारी, तो इस नंबर पर फ़ोन कर तुरंत कराएं रजिस्ट्रेशन
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today