UP News: यूपी के आलू किसानों (Potato Farmers) के लिए अच्छी खबर है. अब उन्हें भंडारण यानी स्टाॅक के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. राज्य का उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग एक ऐसा पोर्टल तैयार करवा रहा है जिस पर प्रदेश में स्थित सभी कोल्ड स्टोरेज की लोकेशन, उपलब्ध भंडारण क्षमता, वसूले जाने वाले भंडारण शुल्क आदि की पूरी जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होगी. इस पोर्टल पर जरूरतमंद किसान भंडारण के लिए अपनी बुकिंग भी करवा सकेंगे. यह जानकारी उद्यान निदेशक डॉ. आरके. तोमर ने किसान तक से बातचीत में दी है. उन्होंने बताया कि इस साल मार्च के महीने में जब आलू भंडारण का संकट पैदा हुआ था और कीमतें लगातार गिरती जा रही थीं तब मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी रवि रंजन ने ऐसा ही एक अनोखा प्रयोग अपने जिले में किया था जो काफी सफल रहा था और इसके लिए उनकी टीम को भारत सरकार ने न्यू इन्वेंशन के लिए पुरस्कार भी दिया था.
तोमर ने बताया कि मुजफ्फरनगर के इस मॉडल को अपनाते हुए पूरे उत्तर प्रदेश में एक पोर्टल बनाने की कार्ययोजना तैयार की गई. इस बावत शासन में इसका प्रस्तुतीकरण भी हुआ. जिसपर अंतिम मुहर लग गई है. उन्होंने बताया कि जल्द ही पोर्टल किसानों के लिए उपलब्ध होगा. जिसमें सारी जानकारी किसानों को आसानी से मिल जाएगी. उद्यान निदेशक ने बताया कि आलू किसान आर्थिक रूप से सक्षम हो सकें इसके प्रयास किए जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश में कुल 1995 कोल्ड स्टोरेज हैं जिनमें से दो सरकारी हैं.
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आजकल लोग पारंपरिक खेती को छोड़ कर उन्नत फसलों की खेती की ओर ज्यादा ध्यान दे रहे है. भारत में चावल, गेहूं और गन्ने के बाद आलू की ही खेती सबसे अधिक की जाती है. आलू में 80 से 82 प्रतिशत तक पानी और 14 प्रतिशत स्टार्च पाया जाता है. ये एक ऐसी सब्जी है जिसे कितने भी दिनों तक स्टोर करके रखा जा सकता है.
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आपको बता दें कि देश में उत्तर प्रदेश सबसे अधिक आलू उत्पादन करता है. देश में कुल उत्पादन का 35 फीसदी आलू राज्य के किसानों के द्वारा उत्पादित किया जाता है. कानपुर मंडल कन्नौज और फर्रुखाबाद जनपद में सबसे अधिक आलू की खेती होती है, तो वहीं आगरा मंडल में बड़े संख्या में किसानों के द्वारा आलू पैदा किया जा रहा है. कानपुर मंडल के कन्नौज और फर्रुखाबाद में इस बार 93 हजार हेक्टेयर भूमि पर आलू की फसल बोई गई थी. वहीं इस बार कानपुर मंडल में ही 30 लाख मीट्रिक टन से अधिक आलू उत्पादन का अनुमान जताया गया है.
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