हाथियों ने रौंदी लहसुन की फसल, नाराज किसानों ने बनाया अधिकारियों को 'बंधक'  

हाथियों ने रौंदी लहसुन की फसल, नाराज किसानों ने बनाया अधिकारियों को 'बंधक'  

केरल के कंथल्लूर में  साढ़े चार महीने की सावधानीपूर्वक खेती और देखभाल के बाद  लहसुन की एक फसल तब बर्बाद हो गई जब जंगली हाथियों के एक झुंड ने फसल को रौंद डाला. घटना के बाद, किसानों ने विरोध में वन अधिकारियों को लगभग तीन घंटे तक मौके पर ही रोके रखा. यह हमला रविवार देर रात कंथल्लूर के आदिवयाल में हुआ, जहां किसान ने अपनी कटी हुई लहसुन की फसल जमा कर रखी थी. 

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हाथियों ने रौंदी लहसुन की फसल, नाराज किसानों ने बनाया अधिकारियों को 'बंधक'  Elephant Garlic Crop: केरल में हाथियों ने लगाई किसानों को बड़ी चपत

केरल में अक्‍सर हाथी जैसे जानवर किसानों की साल भर की मेहनत को बर्बाद कर देते हैं. किसान कई बार अधिकारियों से इस दिशा में कोई एक्‍शन लेने की गुहार लगाते हैं लेकिन हर बार इसे अनसुना कर दिया जाता है. अब जो ताजी घटना हुई है उसमें नाराज किसानों ने वन अधिकारियों को ही बंधक बना लिया है. किसानों का कहना है कि अधिकारियों की लापरवाही के चलते हर बार उन्‍हें इतना नुकसान उठाने को मजबूर होना पड़ता है. 

चार महीने की मेहनत बेकार 

वेबसाइट मातृभूमि की रिपोर्ट के अनुसार केरल के कंथल्लूर में  साढ़े चार महीने की सावधानीपूर्वक खेती और देखभाल के बाद  लहसुन की एक फसल तब बर्बाद हो गई जब जंगली हाथियों के एक झुंड ने फसल को रौंद डाला. घटना के बाद, किसानों ने विरोध में वन अधिकारियों को लगभग तीन घंटे तक मौके पर ही रोके रखा. यह हमला रविवार देर रात कंथल्लूर के आदिवयाल में हुआ, जहां किसान एम मनोहरन ने अपनी कटी हुई लहसुन की फसल जमा कर रखी थी. 

आलू की फसल भी चौपट 

बिक्री के लिए रखी गई फसल को बोरियों में भरकर खेत के पास तिरपाल के नीचे रखा गया था. हाथियों का एक झुंड खेत में घुस आया, रखी हुई बोरियों को बाहर खींच लिया, लहसुन बिखेर दिया और उसे पैरों तले कुचल दिया. अब स्‍टॉक पूरी तरह से खराब हो गया है और किसी काम का नहीं है. हाथियों ने एक अन्य निवासी चंद्रशेखरन की आलू की खेती को भी नष्ट कर दिया. 

अधिकारियों को किसानों ने रोका 

किसानों ने बताया कि महीनों की मेहनत एक ही रात में बर्बाद हो गई. डिप्‍टी जोन ऑफिसर मुथुकुमार और वन रक्षकों की एक टीम ने घटनास्थल का दौरा किया, लेकिन आक्रोशित किसानों ने स्थायी समाधान की मांग करते हुए उन्हें रोक दिया. किसानों ने बताया कि यह पहली बार नहीं है जब इस तरह का नुकसान हुआ हो. इसी तरह की घटनाओं के बाद मुआवजे के लिए किए गए पिछले आवेदनों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. हालांकि वन विभाग ने एक क्विक एक्‍शन टीम (क्‍यूआरटी) तैनात की है, लेकिन किसानों का दावा है कि टीम के प्रयास काफी हद तक अप्रभावी रहे हैं. 

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