आ गई पहली 'मेड इन इंडिया' चिप, कैसे छोटी सी दिखने वाली चीज बनेगी किसानों का बड़ा हथियार, जानें 

आ गई पहली 'मेड इन इंडिया' चिप, कैसे छोटी सी दिखने वाली चीज बनेगी किसानों का बड़ा हथियार, जानें 

डेटा प्रोसेसिंग, स्टोरेज, कंट्रोल्स और कम्युनिकेशन्स जैसे कामों को अंजाम देने वाला सेमीकंडक्‍टर न सिर्फ मोबाइल, कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए अहम साबित होगी, बल्कि खेती-किसानी में भी किसानों को बड़ी राहत देगी. स्मार्ट सिंचाई, फसल की निगरानी और मौसम पूर्वानुमान जैसी आधुनिक तकनीकों में इसका उपयोग खेती की तस्वीर बदल सकता है.

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आ गई पहली 'मेड इन इंडिया' चिप, कैसे छोटी सी दिखने वाली चीज बनेगी किसानों का बड़ा हथियार, जानें India first Semiconductor: सेमीकंडक्‍टर बदल सकता है कृषि सेक्‍टर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पहली सेमीकंडक्‍टर चिप देश को समर्पित की. आज के दौर में चिप सिर्फ एक छोटी सी दिखने वाली कोई मामूली चीज नहीं है बल्कि यह वह ताकत है जो अगर किसी देश के पास आ जाए तो वह दुनिया का सिकंदर बन सकता है. सेमीकंडक्टर चिप, असल में एक छोटा की-बोर्ड होता है, जो सिलिकॉन बेस्ड डिवाइस में फिट होता है. इसमें ढेरों इलेक्ट्रोनिक्स सर्किट होते हैं. आप इसे किसी भी डिवाइस या गैजेट का ब्रेन कह सकते हैं. आइए आपको बताते हैं कि यह आखिर किसानों के कैसे काम आने वाला है और कैसे इससे देश का कृषि सेक्‍टर भी बदल सकता है. 

कृषि क्षेत्र में आएगी क्रांति! 

डेटा प्रोसेसिंग, स्टोरेज, कंट्रोल्स और कम्युनिकेशन्स जैसे कामों को अंजाम देने वाला सेमीकंडक्‍टर न सिर्फ मोबाइल, कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए अहम साबित होगी, बल्कि खेती-किसानी में भी किसानों को बड़ी राहत देगी. स्मार्ट सिंचाई, फसल की निगरानी और मौसम पूर्वानुमान जैसी आधुनिक तकनीकों में इसका उपयोग खेती की तस्वीर बदल सकता है. आज जब भारत में AI आधारित खेती पर प्रयोग हो रहे हैं तो निश्चित तौर पर सेमीकंडक्‍टर कृषि सेक्‍टर में बड़ी क्रांति लाने वाला हो सकता है. तीन अहम कामों में किसानों को इससे बड़ी मदद मिलेगी. ये काम हैं- 

सिंचाई में सुधार

खेती में पानी की सही मात्रा का अंदाज़ा लगाना हमेशा से चुनौती रहा है. कभी फसल को कम पानी मिलता है तो कभी ज्‍यादा जिससे उत्पादन प्रभावित होता है. लेकिन अब सेमीकंडक्टर चिप आधारित सेंसर खेतों की मिट्टी की नमी को मापकर किसानों को तुरंत अलर्ट करेंगे. इसके जरिए किसान यह तय कर सकेंगे कि कब और कितनी मात्रा में पानी देना है. इससे न केवल पानी की बचत होगी बल्कि फसल की पैदावार भी बेहतर होगी. खासकर सूखा प्रभावित इलाकों में यह तकनीक बेहद मददगार साबित होगी. 

फसल की निगरानी

खेती में ड्रोन और स्मार्ट डिवाइस का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है. इनमें लगी सेमीकंडक्टर चिप्स फसल की रीयल टाइम तस्वीरें और डेटा किसानों तक पहुंचाती हैं. इससे किसान आसानी से समझ सकते हैं कि उनकी फसल स्वस्थ है या किसी हिस्से में बीमारी या कीट हमला तो नहीं हो रहा. उदाहरण के लिए, अगर किसी खेत के हिस्से में पौधों की पत्तियां पीली पड़ने लगें तो सेंसर और ड्रोन तुरंत जानकारी देंगे और किसान समय रहते खाद या दवा का छिड़काव कर सकेंगे. इससे नुकसान कम होगा और उत्पादन की गुणवत्ता बेहतर होगी.

मौसम की जानकारी

मौसम खेती पर सीधा असर डालता है. अचानक बारिश, सूखा या ओलावृष्टि अक्सर किसानों की मेहनत पर पानी फेर देती है. लेकिन चिप बेस्‍ड डिवाइसेज मौसम की सटीक जानकारी और पूर्वानुमान किसानों तक पहुंचा सकती हैं. मोबाइल ऐप्स और सेंसर से जुड़े ये डिवाइस समय से पहले अलर्ट देंगे कि आने वाले दिनों में बारिश होगी, तापमान गिरेगा या तेज हवाएं चलेंगी. इससे किसान अपनी रणनीति बदल पाएंगे-जैसे बुवाई, खाद डालने या कटाई का सही समय तय कर सकेंगे. 

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