पंजाब में इस बार मॉनसून की तेज बारिश और बांधों से जल छोड़ने की वजह से बाढ़ की स्थिति अत्यंत गंभीर हो गई है. राज्य के सभी 23 जिलों में लगभग 1200 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं. सरकार ने पूरे पंजाब को आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित कर दिया है. आपको बता दें हाल ही में हिमाचल प्रदेश को भी आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित किया गया है. इस साल लगातार हो रही बारिश की वजह से ना सिर्फ पहाड़ी इलाकों में बल्कि मैदानी इलाकों में भी काफी क्षति पहुंची है. जिस वजह से लोगों को काफी परेशानी हो रही है.
लगभग 3.75 लाख एकड़ खेत, विशेषकर धान के खेत, पानी में डूब गए हैं. यह नुकसान फसल कटाई के ठीक पहले हुआ है, जिससे किसानों को भारी आर्थिक चोट लगी है. इसके साथ ही, पशुओं की मौत भी बड़ी संख्या में हुई है, जो ग्रामीणों के जीवनयापन के लिए गंभीर समस्या बन गई है क्योंकि ज्यादातर लोग पशुपालन और डेयरी पर निर्भर हैं.
राज्य और जिला प्रशासन लगातार प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों को तेज करने में लगा हुआ है. सभी विभाग आपातकालीन सेवाओं को बहाल करने और प्रभावित लोगों तक मदद पहुंचाने के लिए पूरी मेहनत कर रहे हैं. हालांकि, बारिश अभी जारी है और स्थिति और बिगड़ने की संभावना बनी हुई है, इसलिए राहत कार्यों को और तेजी से चलाना जरूरी है.
मुख्य सचिव केपी सिन्हा ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2025 के तहत कई महत्वपूर्ण आदेश जारी किए हैं:
पंजाब की बाढ़ स्थिति गंभीर है और इससे निपटने के लिए सभी स्तरों पर सतर्कता और सहयोग की जरूरत है. सरकार और प्रशासन के साथ-साथ आम जनता का भी इस मुश्किल समय में एकजुट होना आवश्यक है ताकि जल्दी से जल्दी स्थिति सामान्य हो सके और प्रभावित लोगों को राहत मिल सके.
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