अचानक बढ़े तापमान से धान की खेती करने वाले किसानों की चिंता बढ़ गयी है. तापमान में वृद्धि के कारण रबी धान की फसल में रोग लगने की संभावना बढ़ गयी है. साथ ही कई जगहों पर धान की फसल में गंभीर बीमारी देखी गई है जिससे फसल को नुकसान हो रहा है. हाल ही में ओडिशा के संबलपुर जिले में किसानों के खेतों में रबी धान की फसल में तना छेदक कीट का प्रकोप देखा गया है, जिससे फसल को नुकसान हो रहा है. विशेषकर हीराकुंड कमांड क्षेत्र में तना छेदक कीटों का प्रकोप बढ़ रहा है. ऐसे में किसानों को फसल बर्बाद होने की चिंता सता रही है. इधर, ओडिशा सरकार ने किसानों को कीटनाशकों के छिड़काव के लिए सब्सिडी देने का फैसला किया है. इससे किसानों को कुछ राहत मिलेगी.
इस कीट का प्रकोप सिर्फ ओडिशा में ही नहीं बल्कि अन्य जगहों पर भी हो सकता है. ऐसे में जिन किसानों ने रबी सीजन में धान की बुआई की है, उन्हें अपनी फसल को कीड़ों और बीमारियों से बचाने के उपायों की जानकारी जरूर लेनी चाहिए, ताकि समय रहते फसल को कीटों से बचाया जा सके.
तना छेदक कीट चावल के दानों के समान सफेद रंग का कीट होता है. इसका चेहरा काला या भूरा होता है. इस कीट का प्रकोप गर्म और आर्द्र जलवायु में अधिक होता है. तना छेदक कीट तने को अंदर से खाता है जिससे तना सूखा दिखाई देने लगता है. इसके बाद तना पीला पड़ जाता है. कुछ दिनों के बाद पौधा लाल हो जाता है और फिर पूरी तरह सूख जाता है. इससे धान के उत्पादन को नुकसान होता है और उत्पादन भी बहुत कम होता है.
ये भी पढ़ें: आम की पैदावार बढ़ा सकता है नीम तेल का छिड़काव, कब-कब करना है-जानिए
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today