तमिलनाडु के डेल्टा जिलों के हजारों किसान सांबा की धान बुवाई करने के लिए अपने खेतों को तैयार करने लग गए हैं. लेकिन उन्हें कृषि लोन लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है. आयकर विभाग ने टीडीएस नियमों का पालन न करने का हवाला देते हुए कई प्राथमिक कृषि सहकारी ऋण समितियों (PACCS) के बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है. सूत्रों ने बताया कि करूर जिले में 84 में से 51 PACCS इस समस्या का सामना कर रहे हैं, जबकि तिरुचि जिले में कम से कम 10 PACCS को आयकर विभाग से नोटिस मिला है.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि चूंकि प्रत्येक समिति में औसतन 3,000 सदस्य होते हैं. इसलिए हजारों किसानों को फसल लोन लेने में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि, तमिलनाडु में कुल 4,451 PACCS हैं. इन लोन समितियों का मुख्य उद्देश्य उन किसानों को कृषि और गैर-कृषि लोन देना है, जो सदस्य के रूप में सूचीबद्ध हैं. खास बात यह है कि तंजावुर और तिरुचि जिले में कुल 1,006 समितियां हैं. कृषि लोन में फसल, बीज, कृषि मशीनरी, सिंचाई उपकरण और दुधारू पशुओं की खरीद पर मिलने वाले ऋण शामिल हैं.
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सूत्रों के अनुसार, बैंक खाते में 1 करोड़ रुपये से अधिक नकद लेनदेन होने पर 10 फीसदी टीडीएस काटा जाना है. यह समस्या पिछले दिनों पैक्स द्वारा इस मानदंड का पालन न करने के कारण उत्पन्न हुई है. चूंकि 2021-22 वित्तीय वर्ष में नकद लेनदेन की सीमा बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये कर दी गई थी. इसलिए पिछले कुछ वर्षों से दाखिल किए गए कर रिटर्न के संबंध में कोई समस्या नहीं हुई है. सहकारिता विभाग के सचिव जे राधाकृष्णन ने कहा कि मामला पहले ही केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के ध्यान में लाया जा चुका है और इसका समाधान किया जाएगा.
तिरुचि में एक क्रेडिट सोसायटी के सचिव ने कहा कि मुझे क्रेडिट सोसायटी के सचिव के रूप में लगभग 30 वर्षों का अनुभव है. यह पहली बार है जब हम इस तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं. हम अपने ऑडिटरों के माध्यम से समय पर आयकर रिटर्न दाखिल करके नियमों का पालन कर रहे हैं. लेकिन कुछ कमियों का हवाला देते हुए, आयकर विभाग ने हमारी अपील को खारिज कर दिया है और हमारे पुराने खातों को फ्रीज कर दिया है. उन्होंने कहा कि सोसायटी के सैकड़ों किसान फसल लोन का इंतजार कर रहे हैं और कई अन्य अपने गिरवी रखे गहनों को वापस पाने के लिए परेशानी का सामना कर रहे हैं. भारतीय किसान संघ के राज्य प्रवक्ता एन वीरसेकरन ने कहा कि चूंकि किसान नर्सरी तैयार करने और सांबा धान की रोपाई के लिए खेतों को तैयार करने में व्यस्त हैं, इसलिए पैक्स के खातों को फ्रीज करने से वे गहरी परेशानी में पड़ गए हैं.
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