 ओडिशा के किसानों को मिलेगी जल्द राहत
ओडिशा के किसानों को मिलेगी जल्द राहत पिछले दिनों ओडिशा में आए साइक्लोन मोंथा ने जमकर तबाही मचाई है. जगह-जगह भारी बारिश और भूस्खलन हुआ है. इसका सबसे ज्यादा खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ा है. लेकिन अब राज्य सरकार ने ऐलान किया है कि नुकसान का सर्वे शुरू कर दिया गया है. राज्य सरकार की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई है. राज्य सरकार की तरफ से बड़े स्तर पर फसल नुकसान का सर्वे शुरू कर दिया गया है.
राज्य के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने बताया साइक्लोन उस समय आया जब राज्य में फसल कटाई का मौसम चल रहा था. कई इलाकों में फसलें कटाई के लिए तैयार थीं या कटाई का काम चल रहा था. लेकिन चक्रवात से हुई भारी बारिश ने खड़ी फसलों को गंभीर नुकसान पहुंचाया है. विशेष रूप से धान, कपास और सब्जियों की फसलें कई जिलों में बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. उन्होंने कहा, 'साइक्लोन की वजह से हुई भारी बारिश से हुए नुकसान का अंदाजा लगाने का काम आज शुरू हो गया है. हमने सभी जिला प्रशासन को तीन दिनों के अंदर नुकसान का अंदाजा पूरा करने का निर्देश दिया है.'
उन्होंने आगे कहा कि अगले 72 घंटों के अंदर, सभी प्रभावित जिलों को फसलों, घरों, सड़कों, पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और खेती की जमीन को हुए नुकसान की डिटेल्ड रिपोर्ट देनी होगी. पुजारी ने कहा, 'रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार प्रभावित परिवारों के लिए राहत और पुनर्वास पक्का करने के लिए तुरंत कदम उठाएगी.' मंत्री ने आगे बताया कि जिन जिलों में कम या कोई नुकसान नहीं हुआ है, वहां के अधिकारियों को सबसे ज़्यादा प्रभावित इलाकों में नुकसान का अंदाजा लगाने में मदद के लिए कुछ समय के लिए भेजा जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि हमने कम असर वाले इलाकों से रेवेन्यू डिपार्टमेंट के अधिकारियों को भेजने का फ़ैसला किया है ताकि प्रभावित जोन में अंदाजा लगाने का काम तेजी से हो सके.
पुजारी ने कहा कि डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर और डिपार्टमेंट के अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने और जल्दी से ठीक करने के काम के लिए सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा, 'हर डिपार्टमेंट को अच्छे से को-ऑर्डिनेट करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि यह पक्का हो सके कि खराब इंफ्रास्ट्रक्चर और जरूरी सर्विसेज जल्द से जल्द ठीक हो जाएं.' उन्होंने यह भी कहा कि कुछ पहाड़ी इलाकों, खासकर गजपति जिले में लैंडस्लाइड एक नई चुनौती बनकर उभरा है, जहां पहले ऐसी घटनाएं नहीं होती थीं.
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