भारी बारिश से धान की फसल में लगी नई बीमारी, 1 हजार हेक्टेयर से अधिक रकबा प्रभावित

भारी बारिश से धान की फसल में लगी नई बीमारी, 1 हजार हेक्टेयर से अधिक रकबा प्रभावित

अधिकांश किसानों ने देखा है कि उनके पौधे दिन-प्रतिदिन पतले और पीले होते जा रहे हैं, जो कीटों के बढ़ते खतरे का संकेत है. कोटपाड़ ब्लॉक के गिरिला पंचायत के किसान सुकरिया प्रधान ने कहा कि हम विभिन्न धान क्षेत्रों में कीटों, खासकर कटवर्म और स्टेम बोरर के हमलों का सामना कर रहे हैं.

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भारी बारिश से धान की फसल में लगी नई बीमारी, 1 हजार हेक्टेयर से अधिक रकबा प्रभावितधान की फसल पर कीटों का हमला. (सांकेतिक फोटो)

ओडिशा के कोरापुट जिले में लागातार हो रही बारिश से धान की फसलों पर बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है. कहा जा रहा है कि जिले के जयपुर क्षेत्र में लगातार बारिश और गीले मौसम की वजह से धान के खेतों में बड़े पैमाने पर कीटों का प्रकोप बढ़ गया है, जिससे किसानों में चिंताएं बढ़ गई हैं. उन्हें फसल की पैदावार में गिरावट आने की आशंका सता रही है. ऐसे में जिले के किसानों ने स्थानीय प्रशासन से कीटों के हमले को रोकने के लिए मदद करने की गुहार लगाई है.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जिले के जयपुर, कुंद्रा, बोइपारीगुडा, कोटपाड़ और बोरीगुम्मा में एक हजार हेक्टेयर से अधिक रकबे में लगी धान की फसल अब कीटों से प्रभावित है. पिछले तीन हफ्तों से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया है, जिससे कीटों, खासकर कटवर्म के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां बन गई हैं. ऐसे में स्थिति गंभीर है, क्योंकि अधिकांश किसानों ने अभी-अभी अपनी फसलों की रोपाई पूरी की है. हालांकि, खेतों में जमा पानी उचित जल निकासी में बाधा डाल रहा है, जिससे कीटों का प्रसार हो रहा है.

अधिकांश किसानों ने देखा है कि उनके पौधे दिन-प्रतिदिन पतले और पीले होते जा रहे हैं, जो कीटों के बढ़ते खतरे का संकेत है. कोटपाड़ ब्लॉक के गिरिला पंचायत के किसान सुकरिया प्रधान ने कहा कि हम विभिन्न धान क्षेत्रों में कीटों, खासकर कटवर्म और स्टेम बोरर के हमलों का सामना कर रहे हैं. दुर्भाग्य से, हम खेतों में खड़े पानी के कारण कीटनाशकों का प्रभावी ढंग से छिड़काव नहीं कर सकते हैं.

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बहुत अधिक है कीटनाशक की कीमत

कोरापुट कृषक कल्याण मंच के नेता नरेंद्र प्रधान ने स्थिति पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि कीटों का हमला दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. उन्होंने कहा कि गरीब किसान असहाय हैं, क्योंकि कृषि विभाग से सब्सिडी वाले कीटनाशक उपलब्ध नहीं हैं. किसान मात्र 500 रुपये की सब्सिडी के लिए विभिन्न कार्यालयों के चक्कर लगाने से कतराते हैं, जबकि एक लीटर कीटनाशक की कीमत 1,500 रुपये से अधिक है.

तत्काल सर्वेक्षण करने की मांग की

प्रधान ने जिला कृषि विभाग से प्रभावित क्षेत्रों का तत्काल सर्वेक्षण करने की मांग की है. साथ ही उन्होंने ये भी मांग की कि सब्सिडी वाले कीटनाशक सीधे प्रभावित गांवों को उपलब्ध कराए जाएं. कुछ किसान कीटनाशकों का छिड़काव करने के लिए बेहतर मौसम का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि भारी बारिश के कारण रसायन बह जाते हैं. बार-बार प्रयास करने के बावजूद, कोरापुट के मुख्य जिला कृषि अधिकारी प्रदीप मोहंती टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे.

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