Mustard Variety: अक्टूबर में लगाएं सरसों की ये 5 उन्नत किस्में, चार महीने में हो जाएगी तैयार

Mustard Variety: अक्टूबर में लगाएं सरसों की ये 5 उन्नत किस्में, चार महीने में हो जाएगी तैयार

अक्टूबर का महीना सरसों की खेती करने के लिए सबसे बेहतरीन माना जाता है. अगर आप भी सरसों की खेती करना चाहते हैं तो सही किस्मों का चयन कर अच्छा उत्पादन और मुनाफा दोनों कमा सकते हैं. जानिए सरसों की ऐसी ही पांच किस्मों के बारे में जिनकी खेती से किसानों को अच्छा लाभ मिलेगा.

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Mustard Variety: अक्टूबर में लगाएं सरसों की ये 5 उन्नत किस्में, चार महीने में हो जाएगी तैयारअक्टूबर में लगाएं सरसों की ये 5 उन्नत किस्में

सरसों रबी फसल की एक प्रमुख तिलहनी फसल है. इस फसल का भारत की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण स्थान है. सरसों उत्पादन और क्षेत्रफल की दृष्टि से विश्व में चीन और कनाडा के बाद भारत का स्थान है. सरसों की खेती किसानों के लिए काफी लोकप्रिय खेती है. इस फसल की खेती कम सिंचाई और कम लागत में आसानी से हो जाती है. साथ ही सरसों के तेल की डिमांड बाजारों में हमेशा बनी रहती है, क्योंकि सरसों के तेल के कई फायदे होते हैं. सरसों के तेल का इस्तेमाल भारत के लगभग हर एक घर में किया जाता है. सरसों का तेल बालों और त्वचा के लिए भी काफी फायदेमंद होता है.

इन पांच किस्मों की करें खेती

अगर आप किसान हैं और इस अक्टूबर महीने में किसी फसल की खेती करना चाहते हैं तो यह काम जल्दी कर सकते हैं. आप सरसों की कुछ उन्नत किस्मों की खेती कर सकते हैं. इन उन्नत किस्मों में आरएच 725, RH-761 आर एच 30, राज विजय सरसों-2 और पूसा बोल्ड किस्में शामिल हैं. इन किस्मों की खेती करके अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है.

आरएच 725 किस्म

सरसों की ये किस्म 136 से 143 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है. इसकी फलियां लंबी होती हैं और फलियों में दानों की संख्या 17 से 18 तक होती है. दानों का आकार मोटा होता है. इसके अतिरिक्त इसकी फलियों वाली शाखाएं लंबी होती हैं और उनमें फुटाव भी ज्यादा होती है.

RH-761 किस्म

सरसों के इस किस्म की खासियत कम सिंचाई की जरूरत वाली है. वहीं ये पाले के प्रति सहनशील होती है. इस किस्म में किसानों को 25-27 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन मिलता है. इसमें 45 से 55 दिन में फूल आने लगते हैं. इस फसल को तैयार होने में 136 से 145 दिन का समय लगता है.

आर एच 30 किस्म

सरसों की ये किस्म हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी राजस्थान क्षेत्रों के लिए सबसे बेहतर होती है. ये किस्म सिंचित और असिंचित क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है. ये किस्म 130 से 135 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. अगर 15 से 20 अक्टूबर तक इस किस्म की बुवाई कर दी जाए तो उपज 16 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर मिल सकती है. इसमें तेल की मात्रा लगभग 39 प्रतिशत तक होती है.

राज विजय सरसों-2

सरसों की ये किस्म मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के इलाकों के लिए उपयुक्त है. फसल 120 से 130 दिनों में तैयार हो जाती है. इस किस्म की अक्टूबर में बुवाई करने पर 20 से 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार मिलती है. इसमें तेल की मात्रा 37 से 40 प्रतिशत तक होती है.

पूसा बोल्ड किस्म

ये किस्म राजस्थान, गुजरात, दिल्ली और महाराष्ट्र के इलाकों में ज़्यादा उगाई जाती है. इस किस्म की फसल 130 से 140 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है. इस किस्म की उत्पादन क्षमता 18 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है. इसमें तेल की मात्रा लगभग 42 प्रतिशत तक होती है.

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