गर्मी का मौसम आते ही तेज धूप और भीषण गर्मी के बीच शरीर को काफी मात्रा में पानी की जरूरत होती है. ऐसे में गर्मी के सीजन में रसदार फल और खीरे की डिमांड काफी बढ़ जाती है क्योंकि पानी की कमी को पूरा करने में खीरा बेस्ट है. इसमें 80 प्रतिशत तक पानी पाया जाता है. वहीं, खीरों की डिमांड पूरे साल रहती है. डिमांड को देखते हुए खीरे की खेती करना किसानों के लिए मुनाफे वाला सौदा साबित हो सकता है. ऐसे में अगर आप भी खीरे की कुछ ऐसी ही किस्म की तलाश कर रहे हैं, तो आप खीरे की हाइब्रिड किस्म स्वादिष्ट-43 की खेती कर सकते हैं. आइए बताते हैं कहां सस्ते में मिलेगा इसका बीज और क्या है इस किस्म की खासियत.
किसान आज कल नकदी फसलों की खेती बड़े पैमाने पर करने लगे हैं. वहीं, मार्केट में पूरे साल खीरे की मांग बनी रहती है. इसलिए किसान बड़े स्तर पर इसकी खेती कर सकते हैं. ऐसे में किसानों की सुविधा के लिए राष्ट्रीय बीज निगम ऑनलाइन खीरे का बीज बेच रहा है. इस बीज को आप इस वेबसाइट के ऑनलाइन स्टोर से खरीद कर बंपर कमाई कर सकते हैं. साथ ही इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर पर डिलीवरी भी करवा सकते हैं.
खीरा (किस्म: स्वादिष्ट43) के हाइब्रिड बीज से पाएं स्वादिष्ट खीरे की बम्पर पैदावार|
— National Seeds Corp. (@NSCLIMITED) January 14, 2025
केवल 60/-रू. में NSC के ऑनलाइन स्टोर से बीज ऑर्डर करें @ https://t.co/H2QhlGW8M4
25 बीज/पैक|#NationalSeedsCorpLtd #FarmSona @AgriGoI @ChouhanShivraj @mpbhagirathbjp @mkaurdwivedi @ONDC_Official pic.twitter.com/DDb6ptnMXH
स्वादिष्ट-43 खीरे की एक खास हाइब्रिड किस्म है. इस किस्म की खासियत ये है कि इसके पौधे मजबूत और अधिक उपज देने वाले होते हैं. इस किस्म के फल बहुत ही कुरकुरे, कम कड़वे, आकर्षक और बेलनाकार आकार के होते हैं. इसके फल में बीज छोटे होते हैं और इसका स्वाद बिल्कुल देसी खीरे की तरह होता है. इसके एक फल 300-400 ग्राम के होते हैं. साथ ही इस किस्म में बुवाई के लगभग 42-45 दिनों बाद फल लगने शुरू हो जाते हैं.
अगर आप भी खीरे की खेती करना चाहते हैं तो स्वादिष्ट-43 किस्म की खेती कर सकते हैं. इसका 25 बीज फिलहाल मात्र 60 रुपये में ऑनलाइन मिल रहा है. ऐसे में आप इस बीज को घर बैठे ऑनलाइन मंगवा सकते हैं और इस किस्म की खेती करके बंपर उपज ले सकते हैं.
खीरे की बुआई मैदानी क्षेत्रों में दो बार की जाती है. गर्मी वाले खीरे के लिए इसकी खेती जनवरी के अंत से लेकर मार्च तक की जाती है. वहीं, बरसात में जून-जुलाई महीना बेस्ट रहता है. इसके लिए जल निकासी वाली दोमट और बलुई दोमट मिट्टी उत्तम मानी जाती है. वहीं, खीरे की बुवाई के समय प्रत्येक गड्ढे में 3 से 4 बीज लगाने चाहिए. जब बीज अंकुरित होकर बाहर आ जाएं तो दो छोड़कर बाकियों को उखाड़ देना चाहिए. इसके बाद खेतों में 60 किलो प्रति हेक्टेयर के हिसाब से गोबर और खाद का छिड़काव कर देना चाहिए. ध्यान रहे कि इसका पहला छिड़काव बुवाई के समय फिर पत्तियां आने पर और अंतिम छिड़काव फूल आने पर करें.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today