राजस्थान में पिछले दिनों मौसम ने करवट ली है. इस वजह से कई जिलों में बारिश के साथ ही ओले भी गिरे हैं. इससे बड़ी संख्या में प्रदेश के किसानों की फसलें खराब हो गई. मसलन, पश्चिमी राजस्थान में जहां बारिश के दिनों में भी बारिश कम होती है, वहां मार्च में कुदरत ने ओले बरसाएं हैं. जिससे किसानों की परेशानियां बढ़ गई हैं. इस बारिश से फसलों को भारी नुकसान हुआ है. अकेले राजस्थान के जालोर में ही बारिश और ओलावृष्टि से 2.13 अरब रुपये से अधिक की फसलों का नुकसान होने का अनुमान लगाया गया है. वहीं राज्य के बारां में भी बारिश ने किसानों की फसलों को बर्बाद किया है.
जालोर कृषि विभाग के उपनिदेशक आरबी सिंह ने बताया कि बारिश और ओलावृष्टि की वजह से जालोर में सबसे ज्यादा इसबगोल की फसल खराब हुई हैं. इसबगोल के बीज ओला गिरने से जमीन पर गिर गए हैं. उन्होंने बताया कि अब तक आई रिपोर्ट के आधार पर इसबगोल की 80 प्रतिशत फसल खराब हो गई है. वही जीरा, सरसों, अरण्डी, तारामीरा, गेहूं समेत अन्य फसलों में 30-30 प्रतिशत की खराबी दर्ज हुई है. उन्होंने बताया कि इसबगोल की अगर 80 प्रतिशत भी फसल खराब होती हैं तो करीब जिले में 35600 हेक्टेयर में खड़ी 2.13 अरब की फसल नष्ट हो गई है.
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वहीं कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार राजस्थान के बारां संभाग में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं, चना, धनिया और सरसों की फसलों में 25 से 60 प्रतिशत तक की खराबी हुई है. असल में जालोर जिले के सांचौर, चितलवाना, रानीवाड़ा, भीनमाल में सबसे ज्यादा किसानों को नुकसान हुआ है. तो वहीं बारां जिले के क्षेत्रों में ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश से गेहूं, धनिया, कलौंजी, मसूर, सरसों, अफीम की फसलों में लगभग 70-75 फीसदी तक का नुकसान हुआ है.
जालोर जिले के सांचौर विधायक और राज्य के मंत्री सुखराम बिश्नोई ने सांचौर चितलवाना के दर्जनों गांवों में जाकर किसानों के हुए नुकसान का सर्वे कर उपखंड स्तरीय अधिकारियों को बेमौसम हुई बारिश से फसलों में हुए नुकसान का सर्वे कर समय पर गिरदावरी करने का निर्देश दिया है. साथ ही कई अन्य नेता किसानों से एप्प और ऑफलाइन माध्यम से शिकायत दर्ज कराने को लेकर किसानों को जागरूक कर रहे है.
बारिश की वजह से नुकसान झेल रहे किसानों ने राजस्थान तक की टीम के साथ अपने अनुभव साझा किए हैं. किसानों ने बताया कि उन्होंने कर्ज लेकर इसबगोल की फसल बोईं थी. हालात ये थे कि अच्छी उपज के लिए पत्नी के जेवरात गिरवी रखकर खेती की थी, लेकिन असमय हुई बारिश और ओलावृष्टि से पूरी फसल बर्बाद हो गई. अब सरकार ही कुछ करे तो ठीक है वरना साहुकार जीना हराम कर देंगे.
जालोर के सरपंच संघ के जिलाध्यक्ष सुनील साहू ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्रकार लिखकर उचित मुआवजे की मांग की है. वहीं किसान संगठन ने भी उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन देकर गिरदावरी करवाने और राहत पैकेज की घोषणा करने की मांग की है. पूर्व विधायक हीरालाल विश्नोई ने भी किसानों से मिलकर उनकी बात सरकार तक पहुंचाने के लिए किसानों से लिखित में शिकायत ली है. (रिपोर्ट; नरेश सरनऊ विश्नोई, जालौर और राम मेहता, बारां)
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