बारिश और बाढ़ से हरियाणा में फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है. प्रारंभिक अनुमान में पता चला है कि राज्य में लगभग 18000 एकड़ में फसल तबाह हो गई है. राज्य के 1353 गांवों में पानी भर गया और 35 लोगों की जान चली गई. राज्य सरकार ने एलान किया है कि जहां पर फसल 100 फीसदी खराब है वहां पर किसानों को 15000 रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा दिया जाएगा. जबकि उससे कम खराबी पर मुआवजे की रकम कम कर दी जाएगी. सीएम मनोहरलाल ने चंडीगढ़ में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 31 जुलाई के बाद नुकसान और मुआवजे की रकम और स्पष्ट हो जाएगी. जिन स्थानों पर दोबारा बिजाई या रोपाई हो सकती है उनमें अलग मुआवजा रेट होगा. लेकिन जहां पर दोबारा बुवाई नहीं हो सकती है उसका अलग मुआवजा होगा. जिन लोगों की जान चली गई है उनके परिजनों को 4-4 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा.
अभी धान की बिजाई और रोपाई का काम दोबारा हो सकता है. गन्ने का भी खास नुकसान नहीं हुआ है. लेकिन कपास, मक्का, सब्जियों और चारा फसलों में दिक्कत बढ़ गई है. राज्य में करीब 14000 एकड़ में चारा फसलों की बर्बादी हुई है. यानी पशुओं के लिए दिक्कत होगी. इसी तरह 1500 एकड़ में कॉटन की फसल खराब हुई है और करीब 1000 एकड़ में मक्के की फसल को नुकसान पहुंचा है.
सीएम ने कहा कि किसान भाई मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपनी बोई गई फसलों का ब्यौरा 31 जुलाई तक भर दें. इसके बाद 15 अगस्त तक सर्वे और मॉनिटरिंग होगी. फिर कोई किसान रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाएगा. इस बार किसानों से अपील की गई है कि वो खाली कृषि भूमि का भी रजिस्ट्रेशन करें. साथ ही बाढ़ के दौरान हुए नुकसान का मुआवजा लेने के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर क्लेम करना होगा. यह पोर्टल एक महीने के लिए खुला है. हर सप्ताह जो आवेदन आएंगे उनका वेरिफिकेशन करके मुआवजा की रकम भेज दी जाएगी.
चूंकि राज्य में चारा फसलों का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है इसलिए पशुओं के लिए संकट का समय है. ऐसे में राज्य सरकार ने डिजास्टर मैनेजमेंट फंड से बाढ़ प्रभावित जिलों में प्रति जानवर 80 रुपये प्रति दिन और छोटे जानवरों के लिए 45 रुपये प्रति दिन की रकम भेजने का फैसला लिया है. बाढ़ प्रभावित जिलों में 50 लाख पशुओं का टीकाकरण करवाया गया है ताकि उन्हें कोई बीमारी न हो. सीएम ने बताया कि पंचकूला, अंबाला, करनाल, कैथल, कुरुक्षेत्र, पानीपत, सोनीपत, सिरसा, फतेहाबाद और यमुनानगर सहित 12 जिले बाढ़ प्रभावित घोषित किए गए हैं.
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सीएम ने बताया कि राज्य में 8 से 12 जुलाई के बीच पांच दिन में सामान्य तौर पर 28.4 एमएम बारिश होती है, लेकिन इस बार 110 एमएम बारिश हुई .जो बहुत अधिक थी. यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, पंचकूला और अंबाला में सामान्य से आठ-दस गुना बारिश हुई है.हिमाचल से भी बड़ी मात्रा में पानी आया. यमुना, मारकंडा, टांगरी, घग्गर और सरस्वती में पानी ज्यादा आया, जिससे बाढ़ की नौबत आई.
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