नहर का बांध टूटने से जलमग्न हुआ पूरा इलाका, सैकड़ों एकड़ में लगी कपास की फसल बर्बाद

नहर का बांध टूटने से जलमग्न हुआ पूरा इलाका, सैकड़ों एकड़ में लगी कपास की फसल बर्बाद

किसान गुणवंत सिंह, गुरसेवक सिंह, दलजीत सिंह व प्रगट सिंह ने बताया कि कुछ साल पहले नहर का पुनर्निर्माण किया गया था, लेकिन थोड़ी सी बारिश होने पर ही यह क्षतिग्रस्त हो जाती है, जिससे किसानों की चिंता हर बार बढ़ जाती है. उन्होंने आरोप लगाया कि नहर निर्माण के दौरान पैनलों के नीचे प्लास्टिक शीट ठीक से नहीं बिछाई गई, जिससे पानी बाहर निकल जाता है.

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नहर का बांध टूटने से जलमग्न हुआ पूरा इलाका, सैकड़ों एकड़ में लगी कपास की फसल बर्बादएक अन्य किसान बख्शीश सिंह ने बताया कि नहर के पास लगे सैकड़ों पेड़ जो सूख चुके हैं. (सांकेतिक फोटो)

पंजाब के फाज़िल्का जिला स्थित अबोहर में सिंचाई के लिए बनी नहर में दरार आने से सैकड़ों एकड़ खेत में जलभराव हो गया. इससे कपास सहित दूसरी फसलों की भारी बर्बादी हुई है. वहीं, स्थानीय किसानों का कहना है कि यदि समय रहते इसकी मरम्मत नहीं की गई, तो फसलों को और ज्यादा नुकसान होगा. ऐसे में किसानों को आर्थिक रूप से हानि होगी. किसानों ने स्थानीय प्रशासन से इस समस्या का जल्द निदान करने को कहा है.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार रात को मलूकपुरा नहर में टेल एंड उस्मानखेड़ा गांव के पास करीब 100 फुट चौड़ी दरार आने से सैकड़ों एकड़ में फैली कपास व अन्य फसलें जलमग्न हो गईं. इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है. किसानों ने नहर विभाग के अधिकारियों पर लापरवाही बरतने और नहर निर्माण में घटिया सामग्री इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है, जिसका आधिकारिक सूत्रों ने खंडन किया है. 

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नहर का हुआ था पुनर्निर्माण

किसान गुणवंत सिंह, गुरसेवक सिंह, दलजीत सिंह व प्रगट सिंह ने बताया कि कुछ साल पहले नहर का पुनर्निर्माण किया गया था, लेकिन थोड़ी सी बारिश होने पर ही यह क्षतिग्रस्त हो जाती है, जिससे किसानों की चिंता हर बार बढ़ जाती है. उन्होंने आरोप लगाया कि नहर निर्माण के दौरान पैनलों के नीचे प्लास्टिक शीट ठीक से नहीं बिछाई गई, जिससे पानी बाहर निकल जाता है. एक अन्य किसान बख्शीश सिंह ने बताया कि नहर के पास लगे सैकड़ों पेड़ जो सूख चुके हैं, भी दरार का कारण बन रहे हैं. किसानों ने बार-बार अधिकारियों से इन सूखे पेड़ों को काटने की मांग की है. 

क्या कहते हैं अधिकारी

वहीं, नहर विभाग के अधिकारियों ने इसी तरह की मांग के साथ वन विभाग से संपर्क किया, लेकिन विभाग ने अभी तक प्रस्तावों पर कार्रवाई नहीं की है. जब भी आंधी या बारिश होती है, तो इन सूखे पेड़ों के टुकड़े नहर में गिर जाते हैं और कभी-कभी पेड़ जड़ से उखड़ जाते हैं. लेकिन, किसानों का कहना है कि प्रस्ताव संबंधित दफ्तरों में धूल फांक रहे हैं. इस बीच नहर विभाग की टीम ने दरार वाली जगह का निरीक्षण किया और दरार को भरने का काम शुरू कर दिया है.

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दिल्ली भी टूटा बांध

वहीं, बीते दिनों खबर सामने आई थी कि मुनक नहर का बांध टूटने से दिल्ली में प्रभावित हुई जल आपूर्ति शनिवार को सुबह तक समान्य हो जाएगी. दिल्ली की जलमंत्री आतिशी ने बताया कि मुनक नहर के टूटे बांध का मरम्मत कार्य पूरा हो गया है और उम्मीद है कि शनिवार को सुबह 9-10 बजे तक द्वारका वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से पानी का प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा. फिलहाल बांध को कंक्रीट से पक्का किया जा रहा है, जो देर रात पूरा हो जाएगा. ऐसे में अगर सुबह 6-7 बजे तक हरियाणा सरकार नहर में पानी छोड़ेगी तो वो 3-4 घंटे में द्वारका डब्ल्यूटीपी में पहुंच जाएगा.

 

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