पूर्वोत्तर राज्यों में कमर्शियल खेती का विस्तार, बागवानी बोर्ड सेब-अंगूर और अमरूद की खेती के लिए 50 फीसदी सब्सिडी देगा 

पूर्वोत्तर राज्यों में कमर्शियल खेती का विस्तार, बागवानी बोर्ड सेब-अंगूर और अमरूद की खेती के लिए 50 फीसदी सब्सिडी देगा 

राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (NHB)  सब्जी और फलों और फूलों की कमर्शियल खेती पर सब्सिडी स्कीम के तहत किसानों को खर्च का 50 फीसदी पैसा दे रहा है. बोर्ड ने पूर्वोत्तर राज्यों में सेब, अंगूर, अमरूद और फूलों की कमर्शियल खेती को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी योजना का विस्तार किया है.

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पूर्वोत्तर राज्यों में कमर्शियल खेती का विस्तार, बागवानी बोर्ड सेब-अंगूर और अमरूद की खेती के लिए 50 फीसदी सब्सिडी देगा NHB ने पूर्वोत्तर के किसानों को फलों की खेती के लिए प्रेरित किया है.

राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (NHB)  सब्जी और फलों समेत दर्जन भर से अधिक फसलों की कमर्शियल खेती पर किसानों को खर्च का 50 फीसदी पैसा दे रहा है. बागवानी बोर्ड निश्चित मात्रा और खर्च वाले कृषि प्रोजेक्ट पर सब्सिडी देता है. बोर्ड ने पूर्वोत्तर राज्यों में सेब, अंगूर और अमरूद की कमर्शियल खेती को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी योजना का विस्तार किया है. बोर्ड ने कहा कि 2.5 एकड़ से अधिक एरिया को कवर करने वाले एग्रीकल्चर प्रोजेक्ट पर आने वाले खर्च का आधा पैसा किसान को मिलेगा. 

राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड ने फसलों की लागत पर सब्सिडी योजना को विस्तार देते हुए पूर्वोत्तर के किसानों को फलों की खेती के लिए प्रेरित किया है. बोर्ड के अनुसार कमर्शियल फलों की खेती के लिए रोपाई, सिंचाई, मशीनों के इस्तेमाल और सटीक खेती सहित इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट के साथ बागवानी विकास को बढ़ावा दे रहा है. योजना का लाभ पाने के लिए एग्रीकल्चर प्रोजेक्ट को सामान्य क्षेत्रों में 2 हेक्टेयर (5 एकड़) से अधिक एरिया कवर करना चाहिए. हालांकि, पूर्वोत्तर क्षेत्र के किसानों को एरिया कवरेज में छूट देते हुए 2.5 एकड़ से अधिक को कवर करने वाले एग्रीकल्चर प्रोजेक्ट को इंटीग्रेटेड कमर्शियल बागवानी विकास योजना के लिए पात्र हैं.

पूर्वोत्तर इलाकों में फलों और फूलों की खेती पर सब्सिडी 

पूर्वोत्तर इलाकों में सेब, अंगूर और अमरूद की कमर्शियल खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एरिया कवरेज में छूट दी गई है और इंटीग्रेटेड कमर्शियल बागवानी विकास योजना के लिए किसानों के प्रोजेक्ट को पात्र बनाया है. इसके अलावा ग्रीनहाउस से लेकर शेड नेट हाउस के साथ एंथुरियम, गुलाब, गेरबेरा, कारनेशन, ऑर्किड समेत कई अन्य फूलों की खेती के खर्च पर 50 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी. 

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खेती लागत के मूल्यांकन के बाद मिलती है रकम 

बागवानी बोर्ड के अनुसार सब्सिडी योजना के तहत अलग-अलग कमर्शियल फसलों और कार्यों के लिए 30 फीसदी से लेकर 50 फीसदी सब्सिडी दी जा रही है. बागवानी बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि किसानों को कमर्शियल खेती और बागवानी क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी स्कीम चलाई जा रहा है. उन्होंने बताया कि बड़े स्तर पर बागवानी करने के लिए एनएचबी किसानों की लागत का मूल्यांकन कर उन्हें सब्सिडी उपलब्ध कराता है. जबकि, छोटे स्तर पर बागवानी या लिस्टेड फसलों की खेती के लिए राज्य सरकार का कृषि विभाग किसानों को योजना के जरिए सब्सिडी उपलब्ध कराता है. 

किन फसलों पर सब्सिडी दे रहा NHB

राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (NHB) देशभर में मशरूम, शिमला मिर्च समेत आधा दर्जन से अधिक फसलों और फलों की खेती समेत अन्य कार्यों के लिए अलग-अलग सब्सिडी दे रही है. अधिकतम सब्सिडी राशि 50 लाख रुपये है. 

  1. संरक्षित क्षेत्र में खेती पर 50 फीसदी सब्सिडी - पॉलीहाउस, ग्रीनहाउस या शेडनेट में शिमला मिर्च, टमाटर, खीरा या कुछ खास किस्म के फूलों की खेती आदि पर.
  2. ओपन फील्ड में खेती पर 40 फीसदी सब्सिडी - अमरूद, आम, आंवला आदि पर.
  3. कोल्ड स्टोरेज पर 35 से 50 फीसदी तक सब्सिडी.  
  4. कोल्ड स्टोरेज और पोस्ट हार्वेस्ट कंपोनेंट्स जैसे की पैक हाउस, पेनिंग राइपनिंग चैम्बर्स, रेफ्रिजरेटेड व्हीकल इत्यादि पर 35 फीसदी से 50 फीसदी तक सब्सिडी.
  5. मशरूम की खेती पर 40 फीसदी सब्सिडी.

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