Clove Farming: मॉनसून में करें औषधीय गुणों से भरपूर इस मसाले की खेती, होगा बेहतर मुनाफा

Clove Farming: मॉनसून में करें औषधीय गुणों से भरपूर इस मसाले की खेती, होगा बेहतर मुनाफा

Clove Farming: लौंग की खेती गर्म प्रदेशों में ही करना ज्यादा उपयुक्त है. लौंग के पौधों के विकास के लिए 30 से 35 डिग्री तक तापमान की आवश्यकता होती है. इसकी खेती मॉनसून मे की जाती है.

Advertisement
Clove Farming: मॉनसून में करें औषधीय गुणों से भरपूर इस मसाले की खेती, होगा बेहतर मुनाफामॉनसून में करें औषधीय गुणों से भरपूर इस मसाले की खेती

लगभग पूरे देश में मॉनसून अब दस्तक दे चुका है. यह महीना कई सारी फसलों की बुवाई के लिए बिल्कुल उपयुक्त माना जाता है. वहीं मसालों की खेती के लिए भी यह महीना सबसे अच्छा माना है. लौंग भी मसालों की एक ऐसी ही फसल है, लौंग भी हल्दी और धनिया की तरह भारतीय किचन का एक अहम मसाला है. इसका सेवन करने से शरीर की इम्यूनिटी पावर बढ़ जाती है. यह एक ऐसा औषधीय मसाला है, जिसे खाली पेट खाने से पाचन तंत्र तंदरुस्त रहता है. खास बात यह है कि लौंग में विटामिन सी और फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो पाचन एंजाइमों के स्राव को बढ़ा देता है. यही वजह है कि लौंग की डिमांड मार्केट में हमेशा बनी रहती है. 

वहीं इसकी खेती देश के कई राज्यों में बड़े पैमाने पर की जाती है. इसका इस्तेमाल कई तरह की दवा बनाने के साथ-साथ सौंदर्य प्रसाधन बनाने में भी किया जाता है. वहीं अगर किसान इस खरीफ सीजन में लौंग की खेती करते हैं, तो अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. आइए जानते हैं कैसे करें लौंग की खेती और क्या हैं इसके फायदे.

लौंग की खेती के लिए जलवायु 

इसकी खेती गर्म प्रदेशों में ही करना ज्यादा उपयुक्त है. लौंग के पौधों के विकास के लिए 10 डिग्री सेंटीग्रेड से ज्यादा का तापमान होना चाहिए. वहीं उसके पेड़ के वृद्धि में 30 से 35 डिग्री तक तापमान की आवश्यकता होती है. ठंडे स्थानों पर इसकी खेती करने से बचना चाहिए वरना किसानों को भारी नुकसान हो सकता है. इसकी खेती करने के लिए सही समय मॉनसून है.

ये भी पढ़ें:- मणिपुरी ब्लैक राइस के यूं ही नहीं मुरीद हैं लोग, जानिए क्या है इसकी खासियत

कैसे होती है लौंग की बुवाई

लौंग की बुवाई करने के लिए सबसे पहले उसके मदर प्लांट से पके हुए फल जुटाए जाते हैं. वहीं जिस दिन इसकी बुवाई करनी है उससे एक दिन पहले इसे पानी में भिगोकर रखें. इसके बाद इसके ऊपर के छिलके को हटा दें और बुवाई की प्रक्रिया शुरू कर दें. इसकी 10 सेंटीमीटर की दूरी पर पंक्तियां में बुवाई करें. इसके अलावा पौधे के विकास के लिए जैविक खाद का उपयोग करते रहें. तकरीबन चार-पांच सालों में ये पौधा तैयार होकर फल देना शुरू कर देता है. अगर इसके पेड़ का अच्छी तरह से ख्याल रखा गया तो ये काफी लंबे समय तक मुनाफा दे सकता है.

लौंग की खेती से मुनाफा

लौंग के फल पौधे पर गुच्छों में लगते हैं. इनका रंग लाल गुलाबी होता है. जिनको फूल खिलने से पहले ही तोड़ लिया जाता है. एक बार पौधा बड़ा होने पर 2 से 3 किलोग्राम का बंपर उत्पादन देता है. वहीं बाजार में एक किलोग्राम लौंग की कीमत  800 से 1000 रुपये किलो है. ऐसे में किसान अगर लौंग की खेती करते हैं तो उन्हें बेहतर मुनाफा होगा.

लौंग के महत्व और प्रयोग

देश में लौंग का धार्मिक महत्व भी काफी ज्यादा है. पूजा-हवन में भी लौंग का प्रयोग किया जाता है. वहीं आपको बता दें कि बाजार में लौंग के तेल से लेकर टूथपेस्ट, दांत के दर्द की दवा, पेट और मुंह के रोग की दवा जैसे कई प्रोडक्ट भी बनाए जा रहे हैं. लोगों के बीच लौंग और लौंग से बने प्रोडक्टस का काफी डिमांड भी रहता है.

क्या है लौंग खाने के फायदे

आयुर्वेद में लौंग खाने के कई उपाय बताए गए हैं. लौंग के सेवन से भूख बढ़ती है, उल्टी रूकती है, पेट की गैस, खांसी, अत्यधिक प्यास लगने की समस्या और कफ-पित्त दोष ठीक होते हैं. इसके साथ ही रक्त विकार, सांसों की बीमारी, हिचकी और टीबी रोग में भी लौंग का उपयोग कर लाभ पाया जाता है. वहीं विशेषज्ञों के अनुसार पुरुषों के लिए लौंग काफी लाभदायक माना जाता है, क्योंकि लौंग पुरुषों की सेक्सुअल स्टेमिना को बढ़ाता है.

 

POST A COMMENT