किसान परपंरागत फसलों के साथ ही फलों की खेती करके भी बेहतर लाभ कमा सकते हैं. इन्हीं में से एक है अमरूद. इसकी खेती कर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. किसान अमरूद की खेती साल में दो बार कर सकते है. अमरूद एक ऐसा फल है, जिसकी मांग बाज़ार में सालभर बनी रहती है. अमरूद की खेती उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ हैं. इन राज्यों में की जाती है. इन 8 राज्यों में ही 75 फीसदी अमरूद का उत्पादन होता है.
खरीफ सीजन की शुरुआत हो चुकी है उत्तर प्रदेश समेत बिहार में किसानों ने बुवाई करना शुरू कर दिया है.ऐसे में किसान अमरूद के सही किस्म का चुनाव कर अच्छा उत्पादन और गुणवत्ता दोनों पा सकते हैं. इसके आलवा अमरूद के ऐसे कई उन्नत किस्म है जिसक उपयोग करके किसान 30 साल तक मुनाफा कमा सकते है.
अमरूद की ये एक खास किस्म मानी जाती है. इसे सीआईएसएच लखनऊ ने विकसित किया है. किसानों इस किस्म की खेती कर अच्छा लाभ पा सकते हैं.श्वेता किस्म के अमरूद के पेड़ की उंचाई कम होती है. 6 साल के पुराने पेड़ से किसान 90 किलो तक अमरूद का उत्पादन ले सकते हैं. इसके एक फल का वजन 225 ग्राम तक होता है. इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि इसके फल कई दिनों तक खराब नहीं होते हैं.
थाई अमरूद एक विदेशी किस्म है. इसके पौधों पर फल बहुत कम समय में आने शुरू हो जाते हैं. इस किस्म के अमरूद की कीमत सबसे ज्यादा होती है. थाई अमरूद जल्दी खराब नहीं होते हैं. इसकी हार्वेस्टिंग करने के बाद आप इसे 12 से 13 दिनों तक स्टॉक कर के रख सकते हैं. इसके एक पेड़ से 4 से 5 साल बाद 100 किलो तक फल का उत्पादन मिलता है.
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इस किस्म के अमरूद के पेड़ साइज में थोड़े छोटे होते हैं. लेकिन इसका फल अधिक मीठा और अलग स्वादिष्ट होता है. प्रोडक्शन के मामले में भी लखनऊ-49 अमरूद ज्यादा है. इसके एक पेड़ से 130 से 155 किलो तक अमरूद का उत्पादन हो है.किसान इसकी खेती करना ज्यादा पसंद करते है.
अमरूद की इस किस्म के फल गोल, चमकदार सहत वाले होते हैं। इसका गूदा सफेद और मीठा होता है. इस प्रकार की किस्म के पौधे लंबे और सीधे बढ़ते हैं. इस किस्म की भंडारण क्षमता काफी अच्छी है, ये लंबे समय तक फ्रेश रहते हैं. इस किस्म से अमरूद के एक पेड़ से 40 से 50 किलो तक उत्पादन मिलता हैं. यह फार्मर्स के बीच काफी लोकप्रिय किस्म है.
यह किस्म अमरूद के बेहतरीन किस्मों में से एक माना जाता है.इस किस्म को कृषि विश्वविद्यालय पंतनगर ने विकसित किया है. जब इस किस्म के अमरूद पक जाते हैं, तो इसका उपरी भाग पीला हो जाता है. वहीं, गुदा का रंग सफेद रहता है. पंत प्रभात के एक पेड़ से 120 किलो तक अमरूद का प्रोडक्शन कर सकते हैं.
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