कपास की बाजार में कमजोर मांग के चलते कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य के नीचे पहुंच गई हैं. हालांकि, किसानों को नुकसान से बचाने के लिए सरकारी खरीद एजेंसी भारतीय कपास निगम (CCI) ने बंपर खरीद की है और उन्हें एमएसपी का भुगतान किया गया है. किसानों को बाजार में गिरते भाव से बचाने के लिए कपास निगम ने एमएसपी दर पर सभी राज्यों में अभी भी खरीद जारी रखी है.
सरकारी एजेंसी भारतीय कपास निगम ने कपास की बंपर खरीद की है. आंकड़ों से पता चलता है कि कपास निगम ने अब तक कुल 94 लाख गांठ कपास की खरीद कर ली है. कॉटन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (CCI) के प्रबंध निदेशक ललित कुमार गुप्ता ने कहा कि एमएसपी पर खरीद 94 लाख गांठ तक पहुंच गई है. उन्होंने कहा कि सभी राज्यों में खरीद अभी भी जारी है.
कॉटन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (CCI) के प्रबंध निदेशक ने कहा कि तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश समेत अन्य प्रमुख कपास उत्पादक राज्यों में अभी भी खरीद जारी है. सरकारी दर पर खरीद अक्टूबर 2024 में शुरू हुई थी. उन्होंने कहा कि निगम के फील्ड अधिकारी फसल की अंतिम आवक तक मार्केट यार्ड में मौजूद रहेंगे. उन्होंने कहा कि निगम ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि 2024-25 सीजन की फसल कब बेची जाएगी.
व्यापार निकाय कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CAI) के आंकड़ों के अनुसार 2024-25 फसल सीजन के लिए 1 मार्च तक 170 किलोग्राम वजन की गांठ की बाजार में कुल आवक 216 लाख गांठ से अधिक रही है. सीएआई ने हाल ही में अपने फसल उत्पादन अनुमान को घटाकर 301.75 लाख गांठ कर दिया है, जबकि पहले अग्रिम अनुमानों में फसल उत्पादन 299 लाख गांठ आंका गया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि बाजार में कच्चे कपास की आवक कम हो गई है. CAI के अनुसार कच्चे कपास की डेली आवक 90,000 गांठों से कम हो गई है. क्योंकि जिन किसानों के पास 10-15 फीसदी फसल बची है, वे बेचने के मूड में नहीं हैं. कच्चे कपास की कीमतें 6,500 से 7,000 येन प्रति क्विंटल के बीच चल रही हैं जो न्यूनतम समर्थन मूल्य स्तर 7,121 से कम है. कमजोर मांग के चलते कच्चे कपास और मिलों में प्रेस्ड की गई गांठों का बाजार अच्छा नहीं है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today