जुलाई-अगस्त तक कर दें फूलगोभी की इन किस्मों की बुवाई, दो महीने बाद मिलने लगेगा अच्छा रेट

जुलाई-अगस्त तक कर दें फूलगोभी की इन किस्मों की बुवाई, दो महीने बाद मिलने लगेगा अच्छा रेट

फूलगोभी की खेती ठंडी-आर्द्र जलवायु में सबसे अच्छी होती है. यह अधिक ठंड या गर्मी सहन नहीं कर सकती. शुष्क मौसम और कम हुमिड भी इस फसल के लिए सही नहीं है. फूल आने के समय अधिक तापमान के कारण फूल पीला पड़ जाता है और उसके बीच में छोटी-छोटी पत्तियां उग आती हैं.

Advertisement
जुलाई-अगस्त तक कर दें फूलगोभी की इन किस्मों की बुवाई, दो महीने बाद मिलने लगेगा अच्छा रेटफूलगोभी की उन्नत किस्में

देश में हरे सब्जियों की मांग हमेशा बनी रहती है. लोग खुद को हेल्दी और फिट रहने के लिए अधिक से अधिक हरी सब्जी खाना पसंद करते हैं. जिस वजह से इसकी खेती कर रहे किसानों को मुनाफा भी अधिक मिलता है. ऐसे में अगर आप भी हरी सब्जी की खेती कर रहे हैं तो  फूलगोभी की इन किस्मों की बुवाई करें ताकि अच्छा मुनाफा कमा सकें. 

सर्दियों की सब्जियों में फूलगोभी को काफी पसंद किया जाता है. इसमें विटामिन की पर्याप्त मात्रा होती है और अन्य सब्जियों की तुलना में प्रोटीन भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है. सब्जियों के अलावा इसका उपयोग सूप और अचार बनाने में भी किया जाता है. साथ ही चाइनीज फूड में इसका इस्तेमाल अधिक से अधिक किया जाता है. 

जलवायु और मिट्टी

फूलगोभी की खेती ठंडी-आर्द्र जलवायु में सबसे अच्छी होती है. यह अधिक ठंड या गर्मी सहन नहीं कर सकती. शुष्क मौसम और कम हुमिड भी इस फसल के लिए सही नहीं है. फूल आने के समय अधिक तापमान के कारण फूल पीला पड़ जाता है और उसके बीच में छोटी-छोटी पत्तियां उग आती हैं. फूलगोभी को कई प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है जिसमें पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व और कार्बनिक पदार्थ और पर्याप्त नमी हो. इसके साथ ही उचित जल निकासी व्यवस्था भी आवश्यक है. अगेती किस्मों के लिए बलुई दोमट मिट्टी और पछेती किस्मों के लिए चिकनी दोमट या चिकनी मिट्टी उपयुक्त होती है.

ये भी पढ़ें: Paddy Crop: जानें धान की किन किस्मों की कब करें रोपाई, मिलेगी बेहतर पैदावार

अगेती किस्में 

इन्हें मई से जून के अंत तक बोया जाता है. वहीं इसके फल मध्य अगस्त से मध्य नवंबर तक आने लगते हैं.

  • अर्ली पटना इस किस्म के फूल मध्य सितंबर से मध्य अक्टूबर तक उपलब्ध होते हैं.
  • अर्ली कुंवारी पूसा कटकी इस किस्म के फूल मध्य सितंबर से मध्य अक्टूबर तक आते हैं. इसके फूल नवंबर तक उपलब्ध होते हैं और भूरे रंग के और बिखरे हुए होते हैं. फूल खिलने के लिए उपयुक्त तापमान 20 डिग्री से 27 डिग्री सेंटीग्रेड है.
  • पूसा दीपाली इसके फूल सफेद और भरे हुए होते हैं और अक्टूबर-नवंबर तक उपलब्ध होते हैं. फूल खिलने के लिए उपयुक्त तापमान 20 डिग्री से 25 डिग्री सेंटीग्रेड है. पूसा अर्ली सिंथेटिक और पंतगोभी 3 जैसी अन्य किस्में भी हैं. इसमें शामिल हैं.

ये भी पढ़ें: धान फसल के लिए DSR विधि अपनाने पर जोर, पानी खर्च 30 फीसदी घटेगा, प्रति एकड़ 15 हजार रुपये लागत बचेगी 

पछेती किस्में 

  • पूसा स्नोबॉल के-1:  इस किस्म के फूल मध्य जनवरी से मार्च तक उपलब्ध रहते हैं.
  • अन्य क़िस्मों में हिसार-1, दनिया, सेलेक्शन-7 मुख्य हैं. फूल आने के लिए 10 से 16 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान उपयुक्त रहता है.

खेत की तैयारी

खेत की अच्छी तरह जुताई करके मिट्टी को हल्का और भुरभुरा बनाना चाहिए. खेत की एक या दो बार विपरीत दिशाओं में मिट्टी पलटने वाले हल से जुताई करें और इसके बाद देशी हल से तीन से चार जुताईयां पर्याप्त होती हैं.

खाद और उर्वरक

खेत तैयार करते समय मिट्टी में 250 से 300 क्विंटल सड़ी हुई गोबर की खाद मिलाएं. इसके अलावा प्रति हेक्टेयर 120 से 150 किलोग्राम नाइट्रोजन, 80 किलोग्राम फास्फोरस और 60 से 80 किलोग्राम पोटाश दें. नाइट्रोजन की आधी मात्रा और फास्फोरस और पोटाश की पूरी मात्रा रोपण के समय मिट्टी में मिलाएँ. नाइट्रोजन की बची हुई मात्रा रोपण के 6 सप्ताह बाद डालें.

POST A COMMENT