गोभी एक ऐसी फसल है जिसकी खेती करके किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. गोभी की खेती जुलाई महीने में की जाती है. इस फसल की खेती महाराष्ट्र के लगभग सभी जिलों में की जाती है. महाराष्ट्र में लगभग 7203 हेक्टेयर क्षेत्र में गोभी की खेती की जाती है. ये फसल फास्फोरस, पोटेशियम, सल्फर, चूना, सोडियम, आयरन और विटामिन ए जैसे खनिजों से भरपूर होती है. इसलिए, यह सब्जी की फसल आहार में महत्वपूर्ण है. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, गोभी रोपण के 60-80 दिनों के बाद और देर से पकने वाली किस्म 100-120 दिनों में तैयार हो जाती है. गोभी का सेवन कच्चे सलाद के रूप में भी अधिक किया जाता है. किसान इस खरीफ सीजन में आसान तरीके से गोभी की खेती करके अच्छा उत्पादन और मुनाफा दोनों कमा सकते हैं. पत्तागोभी की अधिक उपज के लिए आइए जानते हैं कैसे तैयार करें खेत.
अच्छी जल रोकने की क्षमता और जल निकास वाली भूमि गोभी के बीज उत्पादन के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है. पौधों की अच्छी वृद्धि के लिए मिट्टी का pH मान 5.5 से 6.5 होना चाहिए.
गोभी के अच्छे उत्पादन के लिए खेत में एक गहरी और एक हल्की जुताई करनी चाहिए. इसके बाद खेत को छोटी-छोटी क्यारियों में बांट दिया जाता है. मिट्टी में फफूंद जनित रोगों की रोकथाम के लिए भूमि को ट्राइकोडर्मा जैविक फफूंदनाशक से शुद्ध करना चाहिए.
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अच्छी पत्तागोभी की पौध तैयार करने के लिए नर्सरी खुली जगह पर बनानी चाहिए और हर साल नर्सरी तैयार करने के लिए नई जगह का चयन करना चाहिए. नर्सरी लगाने के लिए चुनी गई जमीन को 5 लीटर प्रति वर्ग मीटर की दर से कैप्टान नामक रसायन के 0.3% घोल से उपचारित करना चाहिए. बीजों को 5 से 6 सेमी की दूरी पर और 1.0 से 1.5 सेमी की गहराई पर पंक्तियों में लगाया जाता है.
नर्सरी बेड एक मीटर से अधिक चौड़े नहीं होने चाहिए और वे जमीन से 10 से 15 सेमी ऊंचे होने चाहिए. नर्सरी के लिए एक नाली क्षेत्र में 10 से 12 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है और रोपाई के लिए 5 से 6 वर्ग मीटर का पौधा क्षेत्र पर्याप्त होता है. नर्सरी में आवश्यकतानुसार निराई-गुड़ाई और सिंचाई करनी चाहिए और तैयार पौधे 4 से 5 सप्ताह में रोपाई के लिए तैयार हो जाते हैं.
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पत्तागोभी की अगेती क़िस्मों में अर्ली ड्रम हेड, प्राइड ऑफ इंडिया, गोल्डन एकर, पूसा मुक्ता, क्रांति आदि प्रमुख किस्में शामिल हैं
क्विस्टो, पूसा ड्रम हेड, लेट लार्ज ड्रम हेड, लेट ड्रम हेड, एक्सप्रेस, हाइब्रिड 10, सेलेक्शन 8 आदि प्रमुख हैं.
पत्तागोभी के व्यावसायिक और सफल बीज उत्पादन के नजरिए से गोल्डन एकर और ग्रीन एक्सप्रेस दो मुख्य किस्में हैं. इनमें फलों का औसत वजन 750 से 1000 ग्राम होता है.
अच्छे बीज उत्पादन के लिए 4 से 5 क्विंटल सड़ी हुई गोबर की खाद, 2.5 किलोग्राम डीएपी, 3 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश एक नाली क्षेत्र के लिए पर्याप्त है. गोबर की खाद, डीएपी और पोटाश की पूरी मात्रा और यूरिया की एक तिहाई मात्रा पौधे लगाने से पहले अंतिम जुताई के समय मिट्टी में मिला देनी चाहिए. यूरिया की बची हुई आधी मात्रा रोपण के 25 से 30 दिन बाद मिट्टी में मिला देनी चाहिए और बची हुई मात्रा फूल की टहनियां उगने पर मिट्टी में मिला देनी चाहिए.
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