बाजरा जो मोटे अनाज के तौर पर भी सदियों से भारतीय आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है. आमतौर बाजरा को कई ग्रामीण समुदायों में मुख्य भोजन के रूप में खाया जाता है. वे अपने उच्च पोषक आहार फाइबर, प्रोटीन, विटामिन और खनिजों से भरपूर होने के लिए जाना जाता है साथ ही और ऊर्जा का एक उत्कृष्ट स्रोत माने जाते हैं. वहीं बाजरा का उपयोग विभिन्न पारंपरिक भारतीय व्यंजनों, जैसे भाकरी, रोटी, डोसा, इडली, उपमा और दलिया में रुप में किया जाता है. दरअसल हाल के वर्षों में, इसके पोषण संबंधी लाभों और टिकाऊ कृषि पद्धतियों के कारण भारत में किसानों की बाजरा में रुचि बढ़ रही है.
अगर आप भी बाजरे की खेती करना चाहते हैं और उसका हाइब्रिड बाजरा आरएचबी 173 बीज मंगवाना चाहते हैं तो आप नीचे दी गई जानकारी की सहायता से बाजरे की बीज आनलाइन अपने घर पर मंगवा सकते हैं.
राष्ट्रीय बीज निगम (National Seeds Corporation) किसानों की सुविधा के लिए ऑनलाइन हाइब्रिड बाजरा आरएचबी 173 का बीज बेच रहा है. इस बीज को आप ओएनजीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं. यहां किसानों को कई अन्य प्रकार की फसलों के बीज आसानी से मिल जाएंगे. किसान इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर पर डिलीवरी करवा सकते हैं. ऑनलाइन आवेदन करने के लिए किसान वेबसाइट के इस लिंक पर जाकर ऑर्डर कर सकते हैं.
NSC Hybrid Bajra RHB 173 Truthfully labelled seed are available @ONDC_Official in 1.5 kg. pack.
— National Seeds Corp. (@NSCLIMITED) July 13, 2023
Click on https://t.co/uEQj0dL8zZ to place your order online. #NationalSeedsCorpLtd #FarmSona @nstomar @AgriGoI @KailashBaytu pic.twitter.com/upJlLEgsyM
वैसे तो मार्केट में आपको बाजरे की आपको बहुत सारी उन्नत किस्में मिल जाएगी, लेकिन बाजरे की आरएचबी 173 किस्म काफी खास होता है. इसकी सबसे अच्छी खासियत ये है कि ये 75-80 दिन में पक कर तैयार हो जाता है. इसके अलावा यह अन्य किस्मों की तुलना में अधिक पैदावार देता है. वहीं अगर आप भी इस किस्म की खेती करना चाहते हैं तो इसकी डेढ़ लों के बीज का बैग मात्र 280 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम के वेबसाइट पर मिल जाएगा.
बाजरे की खेती किसानों को जुलाई के महीने या अगस्त के महीने में करना चाहिए. बाजरा के लिए हल्की या दोमट बलुई मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है. वहीं इसके लिए जल निकास वाली मिट्टी उत्तम होता है. वहीं बुवाई से पहले जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से और अन्य 2-3 जुताइ देशी हल या कल्टीवेटर से करके खेत तैयार कर लें. इसके बाद किसान बाजरे की बुवाई कर सकते हैं.
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