पंजाब में 1 जुलाई से बासमती की बुवाई शुरू, अब इन 10 कीटनाशकों का नहीं होगा इस्तेमाल, लगा बैन

पंजाब में 1 जुलाई से बासमती की बुवाई शुरू, अब इन 10 कीटनाशकों का नहीं होगा इस्तेमाल, लगा बैन

कृषि निदेशक जसवंत सिंह ने कहा कि गैर-बासमती किस्मों में डीएसआर बुआई तकनीक के तहत रकबा पहले ही 90,000 हेक्टेयर हो चुका है. बाकी लक्ष्य बासमती की खेती के जरिए हासिल किया जाएगा. विभाग के आंकड़ों के अनुसार, बासमती धान के अंतर्गत लाया जाने वाला रकबा 10 लाख हेक्टेयर है, जो पिछले साल 5.96 लाख हेक्टेयर था.

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पंजाब में 1 जुलाई से बासमती की बुवाई शुरू, अब इन 10 कीटनाशकों का नहीं होगा इस्तेमाल, लगा बैनपंजाब में बासमती की खेती. (सांकेतिक फोटो)

पंजाब में 1 जुलाई से बासमती धान की रोपाई शुरू हो गई है. खास बात यह है कि इस साल बासमती धान के रकबे में करीब 40 फीसदी की बढ़ोतरी का लक्ष्य रखा गया है. पंजाब के कृषि निदेशक जसवंत सिंह ने कहा कि पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर और तरनतारन के बासमती बेल्ट के किसान पूसा 1509 किस्म के लिए डीएसआर तकनीक अपना रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस साल डीएसआर का इस्तेमाल कर बुआई का कुल रकबा 2 लाख हेक्टेयर हो जाएगा, जो पिछले साल 1.72 लाख हेक्टेयर था.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य कृषि विभाग की योजना सिर्फ बासमती किस्मों के रकबे को बढ़ाने की नहीं है, बल्कि पिछले साल शुरू की गई पानी और श्रम की बचत वाली डायरेक्ट सीडिंग ऑफ राइस (डीएसआर) तकनीक का इस्तेमाल कर रकबे को बढ़ाने की भी है. कृषि निदेशक जसवंत सिंह ने कहा कि गैर-बासमती किस्मों में डीएसआर बुआई तकनीक के तहत रकबा पहले ही 90,000 हेक्टेयर हो चुका है. बाकी लक्ष्य बासमती की खेती के जरिए हासिल किया जाएगा. विभाग के आंकड़ों के अनुसार, बासमती धान के अंतर्गत लाया जाने वाला रकबा 10 लाख हेक्टेयर है, जो पिछले साल 5.96 लाख हेक्टेयर था.

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बासमती धान की कीमत 

उन्होंने कहा कि पिछले साल बासमती की अच्छी कीमत मिलने के बाद इस धान की किस्म को सरकार नहीं खरीदती है. ऐसे में उम्मीद है कि इस साल इसका रकबा बढ़ेगा. साल 2023 में, बासमती की औसत कीमत 3,800 रुपये प्रति क्विंटल थी, हालांकि पंजाब में कई जगहों पर यह 5,000 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक बिकी. उससे एक साल पहले, रिटर्न इतना अच्छा नहीं था - केवल 2,700-3,000 रुपये प्रति क्विंटल मार्केट में रेट था.

इन कीटनाशकों पर लगा बैन

कृषि निदेशक ने कहा कि निर्यात के लिए बासमती की क्वालिटी बनाए रखना बहुत जरूरी है. इसके लिए किसानों को जैविक विधि पर फोकस करना होगा.  उन्होंने कहा कि बासमती की क्वालिटी बनाए रखने के लिए कीटनाशक अवशेषों के स्तर को स्वीकार्य सीमा में रखने के लिए राज्य सरकार ने 10 प्रकार के कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है, जिनमें एसीफेट, बुप्रोफेजिन, क्लोरोपायरीफोस, हेक्साकोनोजोल, प्रोपिकोनैक्सोल, थाइमेथोक्सम, प्रोफेनोफोस, इमिडाक्लोप्रिड, कार्बेन्डाजिम तथा ट्राइसिलाजोल शामिल हैं. इसकी बिक्री, वितरण तथा उपयोग पर प्रतिबंध 15 जुलाई से लागू होगा.

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मक्का के संकर बीजों पर सब्सिडी

वहीं, कल खबर सामने आई थी कि पंजाब कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने खरीफ मक्का के संकर बीजों पर सब्सिडी देने का फैसला लिया है. साथ ही इस साल राज्य में मक्का की खेती के तहत 4,700 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र को कवर करने का निर्णय लिया है. कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड़ियां ने कहा कि किसान पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना द्वारा प्रमाणित और अनुशंसित प्रत्येक 1 किलोग्राम संकर मक्का बीज की खरीद पर 100 रुपये की सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं.

 

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