गेहूं, मोटे अनाज से लेकर भारत के बासमती चावल तक की मांग विदेशों में लगातार बढ़ती जा रही है. जिसका परिणाम बासमती चावल के बढ़ते निर्यात से साफ पता लगाया जा सकता है. भारत का गन्ना, गेहूं और मोटा अनाज विदेशों में खूब सूर्खियां बटोरता नजर आता है लेकिन अब इसमें बासमती चावल भी शामिल हो चुका है. अपने स्वाद, सुगंध और लंबे दाने की वजह से विदेशों में भी अब इसकी मांग बढ़ती जा रही है. जिस वजह से भारत दुनिया के सबसे बड़े चावल एक्सपोर्टर के रूप में उभरता नजर आ रहा है. यहां का बासमती चावल कई देशों में भेजा जा रहा है.
आकड़ों के मुताबिक भारत दुनिया में चावल का सबसे बड़ा निर्यातक देश बन चुका है. ऐसे में सबसे ज्यादा बासमती चावल का निर्यात होता है. आंकड़ों पर नजर डालें तो शिपिंग प्रतिबंधों के बावजूद भारत ने चालू वित्त वर्ष के दौरान $2873 मिलियन टन सुगंधित बासमती चावल का निर्यात किया गया है. पिछले साल की तुलना में बासमती चावल का निर्यात 39 प्रतिशत बढ़ा है. आपको बता दें वित्त वर्ष 2021-22 में अप्रैल से नवंबर के दौरान $2063 मिलियन बासमती चावल का निर्यात किया गया था. उसके बाद वर्ष 2022 में अप्रैल से नवंबर के दौरान $2873 मिलियन टन सुगंधित बासमती चावल का निर्यात किया गया है.
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भारत के बासमती चावल का निर्यात अमेरिका, यूरोप और सऊदी अरब जैसे देशों में किया जाता है. वहीं गैर बासमती चावल की बात करें तो इसका एक्सपोर्ट अफ्रीकी देशों में ज्यादा किया जाता है. लगभग दो-तिहाई बासमती चावल ईरान, सऊदी अरब, इराक, संयुक्त अरब अमीरात और यमन को निर्यात किया जाता है.
यह अधिक लंबा, पतला होता है और पकाने पर अपने मूल आकार से दोगुना हो जाता है. इसके अलावा बेहतर सुगंध और विशिष्ट स्वाद के साथ नरम और हल्का होता है. खाने में इसका स्वाद अन्य चावल के मुक़ाबले निखरकर आता है. बासमती चावल सुगंधित, लंबे चावल की अन्य किस्मों में अद्वितीय है.
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