कश्‍मीर में एक और ट्यूलिप गार्डन, कभी आतंकियों के गढ़ रहे कोकरनाग में फैल रही है खुशबू  

कश्‍मीर में एक और ट्यूलिप गार्डन, कभी आतंकियों के गढ़ रहे कोकरनाग में फैल रही है खुशबू  

अनंतनाग जिले में दिल को मोह लेने वाले नजारों में बसा, सगम ट्यूलिप गार्डन घरेलू और अंतरराष्‍ट्रीय दोनों तरह के पर्यटकों की बढ़ती संख्या को आकर्षित कर रहा है. हरे-भरे पहाड़ों के बीच खिले ट्यूलिप के फूल आंखों को लुभाने और दिल को जीतने वाला नजारा पेश करते हैं. सगम ट्यूलिप गार्डन की बढ़ती लोकप्रियता दक्षिण कश्मीर की उस क्षमता का सबूत है जिस पर किसी का ध्‍यान नहीं गया है. 

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कश्‍मीर में एक और ट्यूलिप गार्डन, कभी आतंकियों के गढ़ रहे कोकरनाग में फैल रही है खुशबू  दक्षिण कश्‍मीर में भी फैल रही ट्यूलिप की खूशबू

जम्‍मू कश्‍मीर की राजधानी श्रीनगर पिछले कई दशकों से कश्मीर में पर्यटन का मुख्‍य केंद्र रहा है.यहां डल झील, मुगल गार्डन और मशहूर ट्यूलिप गार्डन जैसे आकर्षण हैं. लेकिन अब दक्षिण कश्‍मीर का कोकरनाग एक उभरता हुआ पर्यटन स्थल है और पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने लगा है. कोकरनाग कभी पाकिस्‍तान समर्थित आतंकियों का अड्डा हुआ करता था. लेकिन अब यह ट्यूलिप के फूलों से दुनिया और देश को अपनी एक नई तस्‍वीर पेश कर रहा है. 

अब बना पर्यटन इंडस्‍ट्री का दावेदार 

अनंतनाग जिले में दिल को मोह लेने वाले नजारों में बसा, सगम ट्यूलिप गार्डन घरेलू और अंतरराष्‍ट्रीय दोनों तरह के पर्यटकों की बढ़ती संख्या को आकर्षित कर रहा है. हरे-भरे पहाड़ों के बीच खिले ट्यूलिप के फूल आंखों को लुभाने और दिल को जीतने वाला नजारा पेश करते हैं. इसकी वजह से अब यह कश्मीर के पर्यटन इंडस्‍ट्री में एक मजबूत दावेदार बनता जा रहा है. सगम ट्यूलिप गार्डन की बढ़ती लोकप्रियता दक्षिण कश्मीर की उस क्षमता का सबूत है जिस पर किसा का ध्‍यान नहीं गया है. 

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कृषि विश्‍वविद्यालय की मेहनत 

स्थानीय अधिकारियों और टूरिज्‍म के शेयर होल्‍डर्स ने इसका फायदा तेजी से उठाया है. साथ ही अब सोशल मीडिया और टूरिज्‍म कैंपेन के जरिये इस बगीचे को बढ़ावा दिया जा रहा है. पर्यटक अब कोकरनाग में हैरान करने वाले फूलों की प्रदर्शनी, क्षेत्र के मशहूर प्राकृतिक झरनों और सुरम्य घास के मैदानों को देखने के लिए उमड़ रहे हैं. इसकी इस सफलता के पीछे SKUAST-K की उपयुक्तता और स्थिरता की भावना को श्रेय दिया जा रहा है. 

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दक्षिण कश्‍मीर में बढ़ा पर्यटन 

कोकरनाग के एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में उभरने से स्थानीय समुदायों पर सकारात्मक आर्थिक प्रभाव पड़ा है. पर्यटकों की बढ़ती संख्या के कारण हस्तशिल्प, हास्पिटैलिटी और ट्रांसपोर्ट समेत स्थानीय व्यवसायों में उछाल आया है. होमस्टे और होटलों में ज्‍यादा भीड़ देखी जा रही है. साथ ही कारीगरों को भी अपनी कला और शिल्प कौशल को प्रदर्शित करने के नए अवसर मिल रहे हैं. नए उद्यान की बढ़ती पर्यटन अपील क्षेत्र की आर्थिक संभावनाओं को जन्‍म दे रही है. इसकी वजह से समृद्ध भविष्य को आकार देने में इनोवेशन, स्थिरता और नेतृत्व के महत्व को उजागर कर रही है. 

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पुलवामा में भी ट्यूलिप की खेती 

श्रीनगर के इंदिरा गांधी ट्यूलिप गार्डन की शानदार सफलता से प्रेरित होकर दक्षिण कश्मीर में कोकरनाग के अलावा पुलवामा में भी ट्यूलिप की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. इन क्षेत्रों में भी इसी तरह की पहल की जा रही है जिसका मकसद ट्यूलिप की खेती और बिक्री में आत्मनिर्भर बनना है. श्रीनगर के कृषि विश्वविद्यालय ने इन परियोजनाओं को अनुसंधान पहल के तौर पर शुरू किया है. कृषि विश्‍वविद्यालय का मकसद ट्यूलिप आयात के लिए नीदरलैंड, बेल्जियम जैसे यूरोपीय देशों पर निर्भरता को खत्‍म करना और स्वदेशी ट्यूलिप बैंक बनाना है. यह एक ऐसा बैंक होगा  जो न केवल श्रीनगर ट्यूलिप महोत्सव के लिए ट्यूलिप की फसल प्रदान करेगा, बल्कि घाटी के अन्य स्थानों में ट्यूलिप गार्डन बनाने में भी मदद करेगा. 

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