Tomato Farming: किसानों पर टूटा बारिश का कहर, सैकड़ों एकड़ में लगी टमाटर की फसल सड़ी 

Tomato Farming: किसानों पर टूटा बारिश का कहर, सैकड़ों एकड़ में लगी टमाटर की फसल सड़ी 

Tomato Farming: अचानक हुई बारिश से न सिर्फ कटाई में देरी हुई है, बल्कि कीटों और फफूंद जनित रोगों का भी भारी प्रकोप शुरू हो गया है. पौधों के पत्ते झड़ रहे हैं और फलों में दरारें, काले धब्बे और सड़न के निशान दिखाई दे रहे हैं. इसके चलते टमाटर अब बाजार में बिकने के लायक नहीं बचे हैं. कई इलाकों में, किसान अपनी बर्बाद फसल को यूं ही छोड़ रहे हैं क्योंकि उन्हें खेती की बुनियादी लागत भी नहीं मिल पा रही है. 

Advertisement
Tomato Farming: किसानों पर टूटा बारिश का कहर, सैकड़ों एकड़ में लगी टमाटर की फसल सड़ी Tomato Farmers Andhra Pradesh: किसानों को लाखों का नुकसान

आंध्र प्रदेश में इस साल फिर टमाटर के किसानों को भारी बारिश के चलते नुकसान उठाने को मजबूर होना पड़ रहा है.  यहां के चित्तूर जिले के सोमाला, सोदम, पुंगनूर, चौडेपल्ली और आसपास के मंडलों में हुई भारी बारिश ने टमाटर की फसलों को नुकसान पहुंचाया है. किसान परेशान हैं क्योंकि पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के चलते सैकड़ों एकड़ में लगे टमाटर मुरझा गए हैं या सड़ गए हैं. उन्होंने अप्रैल और मई में अपनी फसल बोई थी और जुलाई के अंत तक कटाई की उम्मीद कर रहे थे. 

फसल कटाई में देरी 

अचानक हुई बारिश से न सिर्फ कटाई में देरी हुई है, बल्कि कीटों और फफूंद जनित रोगों का भी भारी प्रकोप शुरू हो गया है. पौधों के पत्ते झड़ रहे हैं और फलों में दरारें, काले धब्बे और सड़न के निशान दिखाई दे रहे हैं. इसके चलते टमाटर अब बाजार में बिकने के लायक नहीं बचे हैं. कई इलाकों में, किसान अपनी बर्बाद फसल को यूं ही छोड़ रहे हैं क्योंकि उन्हें खेती की बुनियादी लागत भी नहीं मिल पा रही है. 

निवेश किए लाखों रुपये 

सोमाला के एक किसान के हवाले से अखबार डेक्‍कन क्रोनिकल लिखा है कि इस सीजन में किसानों को अच्‍छी कमाई की उम्‍मीदें थीं और इसे वजह से किसानों ने प्रति एकड़ 1.32 लाख रुपये तक खर्च कर दिए थे. लेकिन कटाई शुरू होने से पहले ही बारिश ने सब कुछ बर्बाद कर दिया. फल खेतों में सड़ रहे हैं. आपूर्ति की कमी के कारण हाल ही में बाजार में टमाटर की कीमतें 600 रुपये प्रति 15 किलो के डिब्बे तक पहुंच गई थीं. बारिश से प्रभावित टमाटरों की कीमत 100 रुपये प्रति डिब्बे से भी कम मिल रही है.

किसानों ने की बड़ी मांग 

मदनपल्ले, पुंगनूर और पालमनेर जैसे स्थानीय बाजारों तक टमाटर पहुंचाने में करीब 20 रुपये प्रति डिब्बा खर्च आता है. कमीशन काटने के बाद, कई किसानों के पास कुछ भी नहीं बचता. इसके अलावा, बारिश ने खड़ी फसल में फूल और फल बनने में बाधा डाली है. इससे भविष्य की पैदावार पर अनिश्चितता बनी हुई है. किसानों ने बागवानी विभाग से स्थिति पर ध्यान देने और प्रभावित मंडलों को फसल हानि क्षेत्र घोषित करने का आग्रह किया है. 

किसानों को चाहिए आर्थिक मदद 

एक और किसान एम. लक्ष्मम्मा ने कहा कि महीनों की जद्दोजहद के बाद आखिरकार कीमतें अनुकूल हो गई थीं. लेकिन इस बारिश ने हमारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. सरकार की ओर से कोई भी हमारे खेतों का मुआयना करने तक नहीं आया है. अगर हमें मुआवजा नहीं मिला तो हम खेती जारी नहीं रख पाएंगे. किसान अगले फसल सीजन की तैयारी और बेहतरी के लिए तुरंत आर्थिक मदद की मांग कर रहे हैं. लेकिन मुआवजे या राहत पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. 

यह भी पढ़ें- 

POST A COMMENT