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क‍िसानों के बाद अब आढ़त‍ियों ने खोला हर‍ियाणा सरकार के ख‍िलाफ मोर्चा, धरना शुरू, जमकर हुई नारेबाजी 

क‍िसानों के बाद अब आढ़त‍ियों ने खोला हर‍ियाणा सरकार के ख‍िलाफ मोर्चा, धरना शुरू, जमकर हुई नारेबाजी 

आढ़ती एसोसिएशन के पदाध‍िकार‍ियों ने कहा क‍ि वर्षों से किसानों की हर फसल मंडियों के आढ़तियों के माध्यम से बिकती आ रही है. हर फसल की खरीद पर उन्हें 2.5 प्रतिशत कमीशन मिलता था. मगर यह सरकार बड़े-बड़े घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए मंडियां बंद करने पर तुली हुई है.  

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आढ़त‍ियों के धरने को संबोध‍ित करते व्यापारी नेता बजरंग गर्ग. आढ़त‍ियों के धरने को संबोध‍ित करते व्यापारी नेता बजरंग गर्ग.

क‍िसानों के बाद अब आढ़तियों ने भी हर‍ियाणा सरकार के ख‍िलाफ मोर्चा खोल द‍िया है. सरसों की सरकारी खरीद आढ़तियों के माध्यम से न करने और गेहूं-धान की खरीद पर आढ़त (कमीशन) कम करने के ख‍िलाफ आढ़तियों ने पूरे प्रदेश में धरना शुरू कर द‍िया है. राज्य के कई ह‍िस्सों में यह धरना चल रहा है. दावा क‍िया गया है क‍ि पांच अप्रैल तक धरना चलेगा उसके बाद आढ़ती सरकार के ख‍िलाफ आगे का फैसला लेंगे. अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन ने मंगलवार को सिरसा में राज्य सरकार के ख‍िलाफ आवाज बुलंद की. यहां पर हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा क‍ि सरकार सरसों की सरकारी खरीद आढ़तियों के माध्यम से न करके सरकारी मंडियां बंद करने पर तुली हुई है. 

धरने पर भारी संख्या में व्यापारियों ने भाग लिया. गर्ग ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण प्रदेश में आढ़ती, किसान व मजदूर बर्बादी की कगार पर है. सरकार ने गेहूं खरीद पर आढ़त‍ियों का कमीशन 9.99 रुपये व धान पर 9.19 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल की दर से काटने का काम क‍िया है. पहले गेहूं की खरीद पर 55 रुपये 87 पैसे प्रति क्विंटल कमीशन म‍िलता था, अब उसे सरकार ने 45 रुपए 88 पैसे कर दिया है. धान की खरीद पर प्रति क्विंटल कमीशन 55 रुपये 07 पैसे म‍िलता था. अब उसे घटाकर 45 रुपये 88 पैसे कर द‍िया गया है. इसकी वजह से व्यापारियों में सरकार के ख‍िलाफ भारी रोष है. ऐसे में सरकार के ख‍िलाफ हरियाणा की सभी अनाज मंडियों में अलग-अलग जगह 5 अप्रैल तक धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. 

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आढ़त‍ियों को द‍िक्कत क्या है?  

गर्ग ने कहा कि वर्षों से किसानों की हर फसल मंडियों के आढ़तियों के माध्यम से बिकती आ रही है. आढ़तियों को हर फसल की खरीद पर 2.5 प्रतिशत कमीशन मिलता था. मगर यह सरकार बड़े-बड़े घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए मंडियां बंद करने पर तुली हुई है. सरकार सरसों, कपास, मूंग और बाजरा आदि फसलों को आढ़तियों के माध्यम से नहीं खरीद रही है. सरकार ने हरियाणा मार्केट बोर्ड बनाकर आढ़तियों को करोड़ों रुपये की दुकानें बेच रखी हैं और आढ़ती मार्केट बोर्ड से लाइसेंस लेकर मंडियों में करोड़ों रुपये लगाकर व्यापार कर रहे हैं. अगर सरकार अनाज की खरीद आढ़तियों के माध्यम से नहीं करेगी तो आढ़ती मंडियों में दुकान रखकर क्या करेगा. 

लाखों लोग बर्बाद हो जाएंगे

धरने में आढ़ती एसोसिएशन के पदाध‍िकार‍ियों ने कहा क‍ि मंडियों में 40 हजार आढ़ती, लाखों पल्लेदार, ट्रांसपोर्टर और मुनीम आदि मंडी के व्यापार से सीधे जुड़े हुए हैं. अगर सरकारी मंडियां बंद हो गईं तो लाखों लोग बर्बाद हो जाएंगे. सरकार को अपनी जिद छोड़कर पहले की तरह हर अनाज की खरीद मंडी के आढ़तियों के माध्यम से करके उन्हें इसके ल‍िए 2.5 प्रतिशत आढ़त देनी चाहिए. गर्ग ने कहा क‍ि अगर सरकार ने आढ़त‍ियों को परेशान करना नहीं छोड़ा तो पूरे प्रदेश में बड़ा आंदोलन होगा. 

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