ग्रीष्मकालीन धान की बुआई में बंपर बढ़ोतरी हुई है. 19 अप्रैल तक ग्रीष्मकालीन धान का रकबा बढ़कर 29.80 लाख हेक्टेयर हो गया, जोकि एक साल पहले की अवधि में 27.41 लाख हेक्टेयर से 9 प्रतिशत अधिक है. ग्रीष्मकालीन फसलों का कुल रकबा शुक्रवार तक 64.47 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है, जो कि एक साल पहले की अवधि में दर्ज 59.59 लाख हेक्टेयर से 8 प्रतिशत अधिक है. क्योंकि जायद सीजन की बुआई लगातार अच्छी चल रही है. इस मौसम में खरीफ की बुआई से पहले और रबी की फसल के बाद उगाई जाने वाली जैद फसलों का कुल सामान्य क्षेत्रफल 66 लाख हेक्टेयर होने का अनुमान है.
द बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रीष्मकालीन दलहन क्षेत्र 11.96 लाख हेक्टेयर से 10 प्रतिशत बढ़कर 13.12 लाख हेक्टेयर हो गया है, क्योंकि इस वर्ष उड़द और मूंग का रकबा अधिक बताया गया है. मूंग की फसल की बुआई एक साल पहले के 9.42 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 10.36 लाख हेक्टेयर और उड़द की बुआई 2.54 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 2.76 लाख हेक्टेयर हो गई है. ग्रीष्मकालीन दालों के प्रमुख उत्पादक मध्य प्रदेश, बिहार, ओडिशा, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और गुजरात हैं.
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इसी तरह तिलहनों का रकबा 9.65 लाख हेक्टेयर बताया गया है, जो 9.18 लाख हेक्टेयर से 5 प्रतिशत अधिक है. मूंगफली 4.58 लाख हेक्टेयर और तिल 4.74 लाख हेक्टेयर में बोया गया है. सीसमम और मूंगफली दोनों का कवरेज एक साल पहले की अवधि से अधिक है. सूरजमुखी का रकबा 33,000 हेक्टेयर तक पहुंच गया, जो एक साल पहले 29,000 हेक्टेयर था.
गर्मियों में उगाए जाने वाले पोषक अनाज और मक्के का रकबा 10.35 लाख हेक्टेयर से 9 फीसदी बढ़कर 11.31 लाख हेक्टेयर हो गया है, क्योंकि इस साल ज्वार, बाजरा और मक्के की अधिक कवरेज दर्ज की गई है. ज्वार की बुआई एक साल पहले की अवधि के 16,000 हेक्टेयर के मुकाबले 37,000 हेक्टेयर अधिक है, जबकि बाजरे का रकबा 4.36 लाख हेक्टेयर से 6 प्रतिशत अधिक यानी 4.61 लाख हेक्टेयर बताया गया है. मक्के का रकबा भी 5.82 लाख हेक्टेयर से 9 प्रतिशत बढ़कर 6.33 लाख हेक्टेयर हो गया है.
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