उत्तर भारत के अधिकांश राज्यों में प्रचंड गर्मी पड़ रही है. सुबह का 10 बजते ही आसमान में चिचिलाती धूप खिल जाती है. इससे लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. दोपहर के 12 बजते-बजते गर्म हवाओं को दौर शुरू हो जाता है, जो शाम 5 बजे तक जारी रहता है. ऐसे में लोग शरीर को ठंडा रखने के लिए कुलर और एसी का सहारा ले रहे हैं. लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी दुधारू पशुओं को हो रही है. गर्मी की वजह से दुधारू पशु मानसिक तनाव में आ गए हैं. इससे उनके दूध उत्पादन पर भी असर पड़ा है. उन्होंने दूध देना कम कर दिया है. वहीं, कई जानवरों के बीमार पड़ने की भी खबर सामने आई है.
पर किसानों और पशुपालकों को गर्मी से बीमार पड़ रहे अपने पुशओं को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और पशुपालन विभाग की माने तो कुछ उपायों को अपना कर किसान अपनी गाय-भैंस को लू और गर्मी के प्रकोप से बचा सकते हैं. पशुपालन विभाग की मुताबिक, गर्मी और लू से बचाने के लिए दुधारू पशुओं को हमेशा घर के अंदर ही बांधें. यदि आपके पास कमरा नहीं है, तो छायादार पेड़ के नीचे भी बांध सकते हैं. इससे उसे लू और गर्मी से राहत मिलेगी.
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इसके अलावा गर्मी के मौसम में पुशओं को बंद कमरे में भूलकर भी नहीं बांधें. उससे उनकी तबीयत खराब भी हो सकती है. अगर आप कमरे में पशु को बांध रहे हैं, तो इस बात का जरूर ख्याल रखें कि वह रूम हवादार हो. उसमें खिड़कियां और रौशनदान हो. ताकि कमरे में फ्रेस और ठंडी हवा आती रहे, जिससे दुधारू पशुओं के ऊपर गर्मी का कोई असर नहीं पड़े. अगर आप चाहें, तो गौशाला में पंखा या कुलर भी लगा सकते हैं. इससे भी पशुओं को गर्मी से राहत मिलेगी. यदि पशु गर्मी से ज्यादा परेशान हैं, तो उन्हें दिन में दो से तीन बार नहला सकते हैं. इससे उनके शरीर का तापमान कंट्रोल रहेगा.
खास बात यह है कि गर्मी के मौसम में पशु चारा खाना कम कर देते हैं, क्योंकि उनकी पाचन क्रिया धीमी हो जाती है. इससे उन्हें भूख भी नहीं लगती है. इसलिए किसान अपने पशु को दिन में तीन से चार बार पानी पिलाएं, ताकि उनके शरीर में पानी की कमी नहीं हो. साथ ही गर्मी के मौसम में पशुओं को हरा चारा अधिक मात्रा में देना चाहिए. इससे मवेशियों को प्रयाप्त मात्रा में पोषक तत्व और उर्जा मिलते हैं. साथ ही शरीर में पानी की कमी भी नहीं होती है, क्योंकि घास में 70 से 90 फीसदी तक पानी होता है. साथ ही चारा खिलाने से पशु दूध भी ज्यादा देते हैं.
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गर्मी से मुर्गियां भी प्रभावित होती हैं. अगर मुर्गियां तेज सांस ले रही हैं, ज़्यादा पानी पी रही हैं या दाना कम खा रही हैं, तो समझें कि इसे गर्मी लगी है. अगर आप मुर्गियों को गर्मी से बचाना चाहते हैं, तो उनके ऊपर पानी का छिड़काव करते रहें.
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