यूपी में मशरूम से कमाई का सुनहरा मौका, सीएसए कृषि विश्वविद्यालय आज से शुरू होगा प्रशिक्षण

यूपी में मशरूम से कमाई का सुनहरा मौका, सीएसए कृषि विश्वविद्यालय आज से शुरू होगा प्रशिक्षण

Mushroom Training: मशरूम शोध केंद्र के नोडल अधिकारी डॉ एसके विश्वास ने बताया कि यह प्रशिक्षण उन सभी लोगों के लिए सुनहरा अवसर है जो मशरूम की खेती या व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं. चाहे वह किसान हों, छात्र हों या शहरी क्षेत्र के इच्छुक व्यक्ति.

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यूपी में मशरूम से कमाई का सुनहरा मौका, सीएसए कृषि विश्वविद्यालय आज से शुरू होगा प्रशिक्षणभारत में अब मशरूम की डिमांड तेजी से बढ़ रही है.

भारत में अब मशरूम की डिमांड तेजी से बढ़ रही है. पहले ये शहरी लोगों तक सीमित था, लेकिन अब ये मशरूम गांवों तक भी पहुंच गया है. इसी क्रम में चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर में मशरूम उत्पादन तकनीक पर छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम 7 जुलाई से 12 जुलाई, 2025 तक आयोजित किया जाएगा. यह प्रशिक्षण विश्वविद्यालय के पादप रोग विज्ञान विभाग के तहत स्थित मशरूम शोध एवं विकास केंद्र में आयोजित होगा.

मशरूम शोध केंद्र के नोडल अधिकारी डॉ एसके विश्वास ने बताया कि यह प्रशिक्षण उन सभी लोगों के लिए सुनहरा अवसर है जो मशरूम की खेती या व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं. चाहे वह किसान हों, छात्र हों या शहरी क्षेत्र के इच्छुक व्यक्ति.

मशरूम की इन खास वैरायटी की मिलेगी ट्रेनिंग

डॉ विश्वास ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान एस्टर, बटन और मिल्की मशरूम की खेती की तकनीक विस्तार से सिखाई जाएगी. इसमें न सिर्फ सैद्धांतिक ज्ञान दिया जाएगा बल्कि प्रैक्टिकल भी कराए जाएंगे ताकि प्रतिभागी सीधे तौर पर इसे समझ और अपनाकर व्यवसाय शुरू कर सकें.

1,000 रुपये पंजीकरण शुल्क

प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए 1,000 रुपये पंजीकरण शुल्क के साथ आधार कार्ड की प्रति और एक पासपोर्ट साइज फोटो जमा करनी होगी. अगर कोई प्रतिभागी दूरदराज से आता है तो उसके रुकने की व्यवस्था विश्वविद्यालय परिसर में की जा सकती है लेकिन खर्चा प्रतिभागी को स्वयं उठाना होगा.

प्रशिक्षण के बाद मिलेगा प्रमाण पत्र

विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ खलील खान ने बताया कि प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने वाले सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र दिया जाएगा. अधिक जानकारी के लिए इच्छुक व्यक्ति 9369060041 पर संपर्क कर सकते हैं.

कम लागत और तगड़ा मुनाफा

वैज्ञानिक डॉ खलील खान बताते हैं कि बाकी मशरूम ताजा खाना पड़ता है, लेकिन गुलाबी मशरूम सूखने के बाद भी पानी में उबालकर ताजे जैसा ही बन जाता है. गुलाबी मशरूम की खेती का मतलब है थोड़ी सी जगह, कम लागत और तगड़ा मुनाफा.

मशरूम में पाए जाते हैं कई ऐसे पोषक तत्व

बता दें कि मशरूम पुरातन काल से ही भोजन के साथ ही औषधि के रूप में भी प्रयोग किया जाता है. मशरूम में कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं. इसमें विभिन्न प्रकार के प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन, खनिज आदि होते हैं, जो प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने, सूजन से लड़ने और हृदय रोगों को रोकने में मदद करते हैं. 

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