देश के प्रमुख गेहूं उत्पादक सूबों में शामिल हरियाणा में सरकारी खरीद प्रक्रिया ने जोर पकड़ लिया है. यहां पर सरसों की भी खरीद जारी है. राज्य सरकार ने कहा है कि सभी मंडियों में खरीद प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है. अब तक सभी खरीद एजेंसियों द्वारा लगभग 9.73 लाख मीट्रिक टन गेहूं और लगभग 5.43 लाख मीट्रिक टन सरसों की खरीद की जा चुकी है. जिसका उठान निर्धारित समय अवधि में करवाया जा रहा है. सरसों की खरीद पिछले साल से ज्यादा हो चुकी है. हालांकि गेहूं की काफी खरीद अभी बाकी है. केंद्र सरकार को ऐसी उम्मीद है कि हरियाणा से इस साल एमएसपी पर 8 मिलियन टन गेहूं की खरीद होगी.
इस समय ओपन मार्केट में एमएसपी से ज्यादा दाम पर गेहूं बिक रहा है. इसलिए सरकार के लिए इस लक्ष्य को हासिल करना आसान नहीं है. हालांकि, सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि राज्य की सभी मंडियों में रबी फसलों की खरीद के लिए प्रर्याप्त मात्रा में क्रेटस, तीरपाल, बोरियां सहित अन्य आवश्यक सामान एवं उपकरण उपलब्ध हैं. विभाग द्वारा सभी खरीद एजेंसियों को रबी की फसलों की खरीद के दौरान बारिश, आंधी ओर तूफान से फसलों को बचाने के लिए पहले ही सख्त हिदायतें जारी की गई हैं. अब तक बारिश के कारण किसी भी मंडी में फसलों के नुकसान होने बारे कोई सूचना नहीं है.
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सभी जिलों की मंडियों में नियमित निरीक्षण करने के लिए वरिष्ठ प्रशासकीय अधिकारियों को तैनात किया गया है. प्रशासकीय अधिकारी समय-समय पर उनको आवंटित जिलों का दौरा कर मंडियों का जायजा ले रहे हैं ताकि किसानों को अपनी फसल बेचने में किसी प्रकार की समस्या न आए. इसके अलावा खरीद की गई फसल का भुगतान 72 घंटे के अंदर करने के निर्देश दिए गए हैं. अब तक लगभग 1500 करोड़ रुपये की रकम किसानों को फसल खरीद पर वितरित कर दी गई है.
हरियाणा में गेहूं खरीद के लिए 417 केंद्र बनाए गए हैं. इसके अलावा किसानों की सुविधा के लिए सरसों की खरीद के लिए 107, चने की खरीद के लिए 11 तथा जौ की खरीद के लिए 25 खरीद केंद्र बनाए गए हैं. राज्य में गेहूं, सरसों, चना और जौ की खरीद जारी है. इस साल गेहूं की एमएसपी 2275 रुपये, सरसों की 5650 और चने का एमएसपी 5,440 रुपये है. सरकार इसी रेट पर खरीद कर रही है जबकि ओपन मार्केट में किसानों को सरसों का दाम एमएसपी से कम मिल रहा है.
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